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दिल्ली में 40 स्कूलों के बच्चे रामलीला में अलग-अलग किरदार का कर रहे मंचन - BAL RAMLILA IN WEST DELHI - BAL RAMLILA IN WEST DELHI

पश्चिमी दिल्ली में विशेष रामलीला का मंचन पिछले सात सालों से किया जा रहा है. इस रामलीला का मंचन बच्चों द्वारा किया जाता है.

वेस्ट दिल्ली में विशेष रामलीला
वेस्ट दिल्ली में विशेष रामलीला (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 7, 2024, 2:26 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में आयोजित भव्य रामलीलाओं में से एक पश्चिमी दिल्ली में विशेष रामलीला का मंचन किया जा रहा है. ये एक संपूर्ण रामलीला है. यानी जिसमें एक ही दिन में महर्षि वाल्मिकी द्वारा रचित पूरी रामायण का मंचन किया जाता है. साथ ही इस रामलीला में सभी किरदारों का मंचन करने वाले बच्चे हैं. इन सभी बच्चों का संबंध राजधानी के तमाम स्कूलों से है. यह रामलीला द्वारका सेक्टर-13 के डीडीए ग्राउंड पर आयोजित हो रही है, जो आगामी 12 अक्टूबर तक चलेगी. इस रामलीला में दिल्ली के लगभग 40 स्कूलों के बच्चे रामलीला में विभिन्न किरदार का मंचन कर रहे हैं.

संपूर्ण बाल रामलीला की शुरूआत साल 2017 में हुई : संपूर्ण बाल रामलीला समिति की अध्यक्षा प्रीतिमा खंडेलवाल ने बताया कि संपूर्ण रामलीला की शुरुआत 7 साल पहले की गई थी. तब बड़ी मुश्किल से महज तीन स्कूलों के करीब 100 बच्चों ने बाल रामलीला का मंचन तीन दिनों के लिए किया था. उस समय हजारों की संख्या में लोग इसे देखने पहुंचे थे, जिसके बाद उन्होंने प्रतिवर्ष इसके आयोजन का फैसला लिया. हर साल इसमें कई नए स्कूल जुड़ते चले आ रहे हैं.

वेस्ट दिल्ली में विशेष रामलीला (ETV BHARAT)

बच्चे खुद आगे बढ़कर अपने किरदार का करते हैं चयन : प्रीतिमा आगे बतातीं हैं कि उन्हें बेहद खुशी होती है, जब बच्चे खुद आगे बढ़कर अपने किरदार का चयन करते हैं. किसी का मन होता है कि वह सीता स्वयंवर में भाग लेते हुए प्रभु श्री राम का किरदार निभाए, ताकि उनको मां सीता का वरमाला पहनने का मौका मिले. इस रामलीला में तीन-तीन बार सीता स्वयंवर और रामायण के अन्य भागों का मंचन किया जाता है. कई विद्यालयों के बच्चे ऐसे हैं जो पहले रिकॉर्ड रामलीला पर मंचन किया करते थे लेकिन वर्तमान में वह मंच से खुद ही डायलॉग का उच्चारण करते हैं और दर्शकों को अपनी भूमिका से मंत्र मुक्त कर देते हैं.

पहली बार सिंधी भाषा में रामलीला का मंचन : प्रीतिमा ने बताया कि इस बार रामलीला का एक विशेष आयोजन किया जा रहा है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि सिंधी भाषा में रामलीला का मंचन हुआ है. इसका बीड़ा राजधानी के लाजपत नगर के विशेष स्कूल ने उठाया है. इस विशेष रामलीला का निर्देशन ललित बिजलानी द्वारा किया जा रहा है.

40 स्कूलों के 4000 बच्चे रामलीला के मंचन में शामिल : बाल राम लीला समिति के महासचिव हरीश कोचर ने बताया कि इस साल करीब 40 स्कूलों के 4000 बच्चे रामलीला का अलग-अलग दिनों में मंचन कर रहे है. इस रामलीला में जिन बच्चों द्वारा रामलीला का मंचन किया जाता है उनके अभिभावक काफी उत्सुक और आनंदित होते हैं. अभिभावकों को इस बात का अनुभव होता है कि उनके बच्चों के अंदर अच्छे संस्कारों का ज्ञान दिया जा रहा है. यह देखकर लीला समिति के लोगों को भी खुशी होती है कि अभिभावक खुश है कि उनके बच्चे रामलीला में अनेक किरदारों का मंचन कर रहे हैं.


ये भी पढ़ें : राम भक्त हैं, पर रावण का 25 साल से निभा रहे किरदार, दिल्ली की रामलीला की अद्भुत कहानी

ये भी पढ़ें : दिल्ली की रामलीला में मनोज तिवारी बने परशुराम, असरानी ने भी निभाया किरदार

ये भी पढ़ें: दिल्ली में 40 स्कूल के 4000 बच्चे करेंगे रामलीला, हर दिन बदलेंगे राम, हर दिन बदलेंगी सीता

नई दिल्ली: राजधानी में आयोजित भव्य रामलीलाओं में से एक पश्चिमी दिल्ली में विशेष रामलीला का मंचन किया जा रहा है. ये एक संपूर्ण रामलीला है. यानी जिसमें एक ही दिन में महर्षि वाल्मिकी द्वारा रचित पूरी रामायण का मंचन किया जाता है. साथ ही इस रामलीला में सभी किरदारों का मंचन करने वाले बच्चे हैं. इन सभी बच्चों का संबंध राजधानी के तमाम स्कूलों से है. यह रामलीला द्वारका सेक्टर-13 के डीडीए ग्राउंड पर आयोजित हो रही है, जो आगामी 12 अक्टूबर तक चलेगी. इस रामलीला में दिल्ली के लगभग 40 स्कूलों के बच्चे रामलीला में विभिन्न किरदार का मंचन कर रहे हैं.

संपूर्ण बाल रामलीला की शुरूआत साल 2017 में हुई : संपूर्ण बाल रामलीला समिति की अध्यक्षा प्रीतिमा खंडेलवाल ने बताया कि संपूर्ण रामलीला की शुरुआत 7 साल पहले की गई थी. तब बड़ी मुश्किल से महज तीन स्कूलों के करीब 100 बच्चों ने बाल रामलीला का मंचन तीन दिनों के लिए किया था. उस समय हजारों की संख्या में लोग इसे देखने पहुंचे थे, जिसके बाद उन्होंने प्रतिवर्ष इसके आयोजन का फैसला लिया. हर साल इसमें कई नए स्कूल जुड़ते चले आ रहे हैं.

वेस्ट दिल्ली में विशेष रामलीला (ETV BHARAT)

बच्चे खुद आगे बढ़कर अपने किरदार का करते हैं चयन : प्रीतिमा आगे बतातीं हैं कि उन्हें बेहद खुशी होती है, जब बच्चे खुद आगे बढ़कर अपने किरदार का चयन करते हैं. किसी का मन होता है कि वह सीता स्वयंवर में भाग लेते हुए प्रभु श्री राम का किरदार निभाए, ताकि उनको मां सीता का वरमाला पहनने का मौका मिले. इस रामलीला में तीन-तीन बार सीता स्वयंवर और रामायण के अन्य भागों का मंचन किया जाता है. कई विद्यालयों के बच्चे ऐसे हैं जो पहले रिकॉर्ड रामलीला पर मंचन किया करते थे लेकिन वर्तमान में वह मंच से खुद ही डायलॉग का उच्चारण करते हैं और दर्शकों को अपनी भूमिका से मंत्र मुक्त कर देते हैं.

पहली बार सिंधी भाषा में रामलीला का मंचन : प्रीतिमा ने बताया कि इस बार रामलीला का एक विशेष आयोजन किया जा रहा है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि सिंधी भाषा में रामलीला का मंचन हुआ है. इसका बीड़ा राजधानी के लाजपत नगर के विशेष स्कूल ने उठाया है. इस विशेष रामलीला का निर्देशन ललित बिजलानी द्वारा किया जा रहा है.

40 स्कूलों के 4000 बच्चे रामलीला के मंचन में शामिल : बाल राम लीला समिति के महासचिव हरीश कोचर ने बताया कि इस साल करीब 40 स्कूलों के 4000 बच्चे रामलीला का अलग-अलग दिनों में मंचन कर रहे है. इस रामलीला में जिन बच्चों द्वारा रामलीला का मंचन किया जाता है उनके अभिभावक काफी उत्सुक और आनंदित होते हैं. अभिभावकों को इस बात का अनुभव होता है कि उनके बच्चों के अंदर अच्छे संस्कारों का ज्ञान दिया जा रहा है. यह देखकर लीला समिति के लोगों को भी खुशी होती है कि अभिभावक खुश है कि उनके बच्चे रामलीला में अनेक किरदारों का मंचन कर रहे हैं.


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