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केदारनाथ धाम में देर रात को मनाया जायेगा अन्नकूट पर्व, विशेष तैयारियां की गई - Annakoot in Kedarnath

Annakoot in Kedarnath, kedarnath latest news केदारनाथ धाम देर रात को भतूज अन्नकूट पर्व मनाया जाएगा. इसके लिए विशेष तैयारियां की गई हैं. केदारनाथ में अन्नकूट पर्व की अलग ही मान्यता है.

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केदारनाथ धाम में अन्नकूट पर्व (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 18, 2024, 5:32 PM IST

रुद्रप्रयाग: श्रावण शुक्ल पूर्णिमा रक्षा बंधन से पहले केदारनाथ धाम में भतूज अर्थात अन्नकूट पर्व उल्लासपूर्वक मनाया जायेगा. भतूज के पर्व पर हक-हकूकधारी आज रविवार देर रात्रि भगवान केदारनाथ को उबले चावलों अर्थात भात का भोग लगायेंगे. साथ ही ब्रह्ममुहुर्त में पके चावलों एवं नये अनाज के भोग को मंदाकिनी नदी में प्रवाहित कर दिया जायेगा.


मान्यता है कि इस बरसात में नये अनाज में जो विष उत्पन्न होता है. भगवान शिव उस विष को अवशोषित कर अपने में धारण कर लेते हैं. अनाजों का विष समाप्त हो जाता है. इस प्रकार भगवान शिव जनकल्याण करते है. भतूज के दिन भगवान केदारनाथ को नये धान के के उबले चावलों अर्थात भात के साथ ही नये अनाजों का भी भोग लगाया जाता हैं. बीकेटीसी मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया भतूज पर्व के लिए बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी)एवं हक-हकूकधारियों ने तैयारी की है. आज शाम को भगवान केदारनाथ की आरती एवं पूजा समाप्ति पश्चात हकूहकधारी भगवान केदारनाथ को नया अनाज चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे.

उल्लेखनीय है कि भतूज पर्व में पंचगाई गांव उखीमठ, पंचभंडार रूद्रपुर के हक-हकूकधारी शामिल रहेंगे. सभी मिलकर भतूज अन्नकूट पर्व संपादित करवायेंगे.
रात दस बजे से नये धान के चावलों को पका कर मध्य रात्रि को पके चावलों के भोग से भगवान केदारनाथ जी के स्वयंभू शिवलिंग को ढ़का जायेगा. माता अन्नपूर्णा का की भी पूजा की जायेगी. तत्पश्चात ब्रह्ममुहुर्त में शिवलिंग से पके चावलों को उतार कर मंदाकिनी नदी में बहा दिया जायेगा.

रुद्रप्रयाग: श्रावण शुक्ल पूर्णिमा रक्षा बंधन से पहले केदारनाथ धाम में भतूज अर्थात अन्नकूट पर्व उल्लासपूर्वक मनाया जायेगा. भतूज के पर्व पर हक-हकूकधारी आज रविवार देर रात्रि भगवान केदारनाथ को उबले चावलों अर्थात भात का भोग लगायेंगे. साथ ही ब्रह्ममुहुर्त में पके चावलों एवं नये अनाज के भोग को मंदाकिनी नदी में प्रवाहित कर दिया जायेगा.


मान्यता है कि इस बरसात में नये अनाज में जो विष उत्पन्न होता है. भगवान शिव उस विष को अवशोषित कर अपने में धारण कर लेते हैं. अनाजों का विष समाप्त हो जाता है. इस प्रकार भगवान शिव जनकल्याण करते है. भतूज के दिन भगवान केदारनाथ को नये धान के के उबले चावलों अर्थात भात के साथ ही नये अनाजों का भी भोग लगाया जाता हैं. बीकेटीसी मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया भतूज पर्व के लिए बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी)एवं हक-हकूकधारियों ने तैयारी की है. आज शाम को भगवान केदारनाथ की आरती एवं पूजा समाप्ति पश्चात हकूहकधारी भगवान केदारनाथ को नया अनाज चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे.

उल्लेखनीय है कि भतूज पर्व में पंचगाई गांव उखीमठ, पंचभंडार रूद्रपुर के हक-हकूकधारी शामिल रहेंगे. सभी मिलकर भतूज अन्नकूट पर्व संपादित करवायेंगे.
रात दस बजे से नये धान के चावलों को पका कर मध्य रात्रि को पके चावलों के भोग से भगवान केदारनाथ जी के स्वयंभू शिवलिंग को ढ़का जायेगा. माता अन्नपूर्णा का की भी पूजा की जायेगी. तत्पश्चात ब्रह्ममुहुर्त में शिवलिंग से पके चावलों को उतार कर मंदाकिनी नदी में बहा दिया जायेगा.

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