रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद 9 दिसंबर से सदन का विशेष सत्र चल रहा है. इस बार 20 नये चेहरे पहली बार चुनाव जीतकर सदन पहुंचे हैं. सभी विधायक सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों से आना-जाना कर रहे हैं. लिहाजा, उन नये विधायकों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर स्पेशल ब्रांच ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है. इसके मुताबिक 23-24 जगहों को चिन्हित किया गया है, जहां विशेष चौकसी की जरुरत है. स्पेशल ब्रांच ने संबंधित जिलों के एसपी को इससे अवगत करा दिया है.
इस बाबत राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि यह एक रूटीन प्रक्रिया है. चुनाव होने के बाद नये विधायकों के विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा होती है. इसी लिहाज से स्पेशल ब्रांच ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर संबंधित जिलों के एसपी को अवगत करा दिया है. डीजीपी ने स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था किसी थ्रेट इनपुट के आधार पर नहीं की गई है. यह एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है.
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि तैमारा घाटी, चुट्टूपालू घाटी, तिलैया घाटी, टाटीझरिया, कोलेबिरा जंगल, बंदगाव घाटी, अमझरिया घाटी, मनिका घाटी, चतरा के जंगली क्षेत्र, गारु घाटी, हुसैनाबाद रोड पर पहाड़ी घाटी समेत रामगढ़-गोला रोड, बोकारो-बनासो रोड, गढ़वा-नगर उंटारी रोड, चतरा-पेलावल रोड, चौपारण-बरही रोड, बगोदर-सरिया रोड, चान्हो-खलारी रोड, हजारीबाग-सिमरिया रोड, कांड्रा चौका रोड को चिन्हित किया गया है. विधायकों के सदन आने और जाने के दौरान इन जगहों पर विशेष चौकसी बरतना है.
डीजीपी ने बताया कि झारखंड अब 95 प्रतिशत तक नक्सल मुक्त हो चुका है. पूर्व में कुछ जगहों पर हमले की संभावना रहती थी. लेकिन अब वैसी कोई बात नहीं है. लिहाजा, स्पेशल ब्रांच का यह एक रूटीन अलर्ट है.
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