नई दिल्ली/गाजियाबाद: सावन मास के शुरू होते ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो चुकी है. भगवा वस्त्र पहने, गंगातट से कलश में गंगाजल लाते और उसको अपनी कांवड़ से बांधकर अपने कंधों पर लटकार शिवालयों की ओर बढ़ते कांवड़िए नजर आने लगे हैं. गाजियाबाद से दिल्ली हरियाणा राजस्थान समेत विभिन्न प्रदेशों के शिव भक्त कांवड़िए होकर गुजरते हैं. ऐसे में इन तमाम शिव भक्तों के लिए पुलिस, प्रशासन, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग द्वारा तमाम इंतजाम किए जाते हैं. गाजियाबाद में सभी कांवड़ मार्गों को मिलाकर तकरीबन 200 किलोमीटर से अधिक का कावड़ कॉरिडोर है. कांवड़ कॉरिडोर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं.
कांवड़ मार्ग पर तैनात रहेंगी 44 एंबुलेंस
मेरठ तिराहे पर स्वास्थ विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है. स्वास्थ्य शिविर में चिकित्सक पैरामेडिकल स्टाफ समेत चार कर्मचारियों की टीम तैनात है. गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अखिलेश मोहन ने बताया कि मुख्य तौर पर गाजियाबाद में तीन मार्गों पर शिवभक्त कावड़ियों का आवागमन होता है. जिले में कावड़ कॉरिडोर पर 78 चिकित्सकों को तैनात किया गया है. कावड़ मार्ग पर 172 पैरामेडिकल स्टाफ की तनाती की गई है. कावड़ मार्ग पर पड़ने वाली मुरादनगर सीएचसी, मोदीनगर सीएचसी, एमएमजी अस्पताल और संयुक्त अस्पताल में 24 घंटे चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है. कावड़ मार्ग पर विभिन्न पॉइंट्स को चिन्हित कर 44 एंबुलेंस की तैनाती की गई है. जिससे कि जरूरत पड़ने पर किसी भी कांवड़ियों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके.
अस्पतालों में 180 बेड रिजर्व
चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि, सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर कुल 180 बेड आरक्षित किए गए हैं. इसका उद्देश्य है कि कांवड़ियों के अचानक बीमार होने या चोट लगने पर उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाए. वहीं, अस्पतालों को निर्देशित किया गया है की कावड़ मार्ग पर यदि किसी श्रद्धालु को किसी भी प्रकार की कोई स्वास्थ्य संबंधित समस्या होती है तो उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद ही आगे रेफर किया जाएगा.
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