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यूपी विधानसभा उपचुनाव: कांग्रेस को एक सीट दे सकती है सपा, PDA के फॉर्मूले पर होगा प्रत्याशियों का चयन - UP Assembly By election

यूपी विधानसभा उपचुनाव में 10 सीटों पर रण होगा. सपा भी इसके लिए तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि यह उपचुनाव भी सपा-कांग्रेस मिलकर लड़ेंगे.

यूपी विधानसभा उपचुनाव
यूपी विधानसभा उपचुनाव (photo credit etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 29, 2024, 1:52 PM IST

लखनऊ : यूपी विधानसभा उपचुनाव में 10 सीटों पर रण होगा. सपा भी इसके लिए तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि यह उपचुनाव भी सपा-कांग्रेस मिलकर लड़ेंगे. दोनों पार्टियों के कई नेता इस बारे में बयान भी दे चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक सपा 10 में से एक सीट कांग्रेस को दे सकती है. फिलहाल संसद सत्र चल रहा है और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दिल्ली में मौजूद हैं. बताया जा रहा है कि सत्र समाप्त होने के बाद प्रत्याशी चयन पर काम शुरू हो जाएगा. रणीनति इस उपचुनाव में भाजपा के पूरी तरह से सफाए की होगी.

उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी भी 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले इन 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सभी पर जीत हासिल करने की पुरजोर कोशिश करेगी. भाजपा यूपी लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाने की वजह से तमाम स्तर पर समीक्षा भी कर रही है. कहां क्या कमी रह गई है, उसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. चुनाव परिणाम से सबक लेते हुए भाजपा सियासी रणनीति को कारगर बनाने में जुटी हुई है.

ऐसी स्थिति में समाजवादी पार्टी ने भी कमर कस ली है. लोकसभा चुनाव में सपा पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक वोटों को साथ लाने का फार्मूला लेकर चली थी और सफलता भी मिली थी. इस उपचुनाव में भी मुख्य तौर पर PDA पर ही फोकस रहेगा. अखिलेश यादव की पूरी टीम लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत से उत्साहित है और इससे बनाए रखने के लिए उपचुनाव में जीत दर्ज करने की कोशिश करेगी.

इसके अलावा 1 जुलाई से समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मंडल और ब्लॉक स्तर पर पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक समाज से जुड़ी PDA पंचायत को करने का फैसला किया है. इसको लेकर भी अखिलेश यादव ने पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक समाज के नेताओं से विचार विमर्श करते हुए पंचायत की सफलता की दिशा निर्देश दिए हैं. अखिलेश यादव संसद सत्र में हिस्सा लेने के बाद जब राजधानी लखनऊ आएंगे तो कई स्तरों पर अपनी रणनीति बनाते हुए उपचुनाव और अन्य संगठनात्मक कामकाज को धार देते हुए नजर आएंगे.

समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और प्रदेश कार्यकारिणी से उपचुनाव वाले जिलों से प्रत्याशियों की लिस्ट मांगी है, जिससे उनके बारे में पूरा फीडबैक लेते हुए प्रत्याशी चयन बेहतर ढंग से किया जा सके. माना जा रहा है कि जाति समीकरण को आधार बनाकर ही सपा उपचुनाव में प्रत्याशी घोषित करेगी.

इन विधानसभा सीटों पर होने हैं उपचुनाव

मैनपुरी की करहल सीट, अंबेडकर नगर की कटेहरी, अयोध्या की मिल्कीपुर, प्रयागराज की फूलपुर, मिर्जापुर जिले की मझवा, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, मुरादाबाद की कुंदरकी, गाजियाबाद सदर व कानपुर सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संसद सत्र समाप्त होने के बाद राजधानी लखनऊ आएंगे और उपचुनाव की तैयारी को आगे बढ़ाएंगे संगठन को मजबूत करने के अभियान को आगे बढ़ाएंगे. इसके अलावा पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक समाज से जुड़े जो ब्लॉक और मंडल स्तर पर PDA पंचायत होनी है, उनको लेकर भी चर्चा और रणनीति बनाने का काम करेंगे.

यह भी पढ़ें :अखिलेश यादव बोले- बीजेपी सरकार में हर तरफ सिर्फ अव्यवस्था, कानून का राज कहीं नहीं दिखता - Akhilesh Yadav Blames Yogi Govt

लखनऊ : यूपी विधानसभा उपचुनाव में 10 सीटों पर रण होगा. सपा भी इसके लिए तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि यह उपचुनाव भी सपा-कांग्रेस मिलकर लड़ेंगे. दोनों पार्टियों के कई नेता इस बारे में बयान भी दे चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक सपा 10 में से एक सीट कांग्रेस को दे सकती है. फिलहाल संसद सत्र चल रहा है और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दिल्ली में मौजूद हैं. बताया जा रहा है कि सत्र समाप्त होने के बाद प्रत्याशी चयन पर काम शुरू हो जाएगा. रणीनति इस उपचुनाव में भाजपा के पूरी तरह से सफाए की होगी.

उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी भी 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले इन 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सभी पर जीत हासिल करने की पुरजोर कोशिश करेगी. भाजपा यूपी लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाने की वजह से तमाम स्तर पर समीक्षा भी कर रही है. कहां क्या कमी रह गई है, उसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. चुनाव परिणाम से सबक लेते हुए भाजपा सियासी रणनीति को कारगर बनाने में जुटी हुई है.

ऐसी स्थिति में समाजवादी पार्टी ने भी कमर कस ली है. लोकसभा चुनाव में सपा पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक वोटों को साथ लाने का फार्मूला लेकर चली थी और सफलता भी मिली थी. इस उपचुनाव में भी मुख्य तौर पर PDA पर ही फोकस रहेगा. अखिलेश यादव की पूरी टीम लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत से उत्साहित है और इससे बनाए रखने के लिए उपचुनाव में जीत दर्ज करने की कोशिश करेगी.

इसके अलावा 1 जुलाई से समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मंडल और ब्लॉक स्तर पर पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक समाज से जुड़ी PDA पंचायत को करने का फैसला किया है. इसको लेकर भी अखिलेश यादव ने पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक समाज के नेताओं से विचार विमर्श करते हुए पंचायत की सफलता की दिशा निर्देश दिए हैं. अखिलेश यादव संसद सत्र में हिस्सा लेने के बाद जब राजधानी लखनऊ आएंगे तो कई स्तरों पर अपनी रणनीति बनाते हुए उपचुनाव और अन्य संगठनात्मक कामकाज को धार देते हुए नजर आएंगे.

समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और प्रदेश कार्यकारिणी से उपचुनाव वाले जिलों से प्रत्याशियों की लिस्ट मांगी है, जिससे उनके बारे में पूरा फीडबैक लेते हुए प्रत्याशी चयन बेहतर ढंग से किया जा सके. माना जा रहा है कि जाति समीकरण को आधार बनाकर ही सपा उपचुनाव में प्रत्याशी घोषित करेगी.

इन विधानसभा सीटों पर होने हैं उपचुनाव

मैनपुरी की करहल सीट, अंबेडकर नगर की कटेहरी, अयोध्या की मिल्कीपुर, प्रयागराज की फूलपुर, मिर्जापुर जिले की मझवा, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, मुरादाबाद की कुंदरकी, गाजियाबाद सदर व कानपुर सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संसद सत्र समाप्त होने के बाद राजधानी लखनऊ आएंगे और उपचुनाव की तैयारी को आगे बढ़ाएंगे संगठन को मजबूत करने के अभियान को आगे बढ़ाएंगे. इसके अलावा पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक समाज से जुड़े जो ब्लॉक और मंडल स्तर पर PDA पंचायत होनी है, उनको लेकर भी चर्चा और रणनीति बनाने का काम करेंगे.

यह भी पढ़ें :अखिलेश यादव बोले- बीजेपी सरकार में हर तरफ सिर्फ अव्यवस्था, कानून का राज कहीं नहीं दिखता - Akhilesh Yadav Blames Yogi Govt

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