नई दिल्ली: राजधानी के बड़े और नामी अस्पताल एम्स में जल्द ही फ्लेबोटोमिस्ट की नियुक्तियां की जाएंगी. ये नियुक्तियां डॉक्टरों के काम के दबाव को कम करने के उद्देश्य से की जा रही है.
एम्स दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टरों के काम के दबाव को कम करने के लिए फ्लेबोटोमिस्ट नियुक्त किए जाएंगे. फ्लेबोटोमिस्ट उस स्टाफ को कहते हैं जो मरीजों को ग्लूकोज चढ़ाने और इंजेक्शन देने तक का कम करते हैं. इनकी अनुपस्थिति में ये काम रेजिडेंट डॉक्टरों को ही करना पड़ता है.
इन कार्यों के दबाव के कारण वो मरीजों के इलाज पर पूरी तरह ध्यान नहीं दे पाते हैं. इसलिए एम्स के कई रेजिडेंट डॉक्टरों, फैकल्टी और अन्य कर्मचारियों की ओर से लंबे समय से इन नियुक्तियों की मांग की जा रही थी.
फ्लेबोटोमिस्ट की नियुक्ति के लिए एम्स के डायरेक्टर से कई बार मांग की गई, क्योंकि इससे डॉक्टरों और नर्सिंग अधिकारियों के लिए पर्याप्त समय की बचत हो सकती है. इसलिए एम्स दिल्ली में आउट सोर्सिंग के आधार पर फेलोबॉमी सेवा लेने के लिए खुली निविदा आमंत्रित किया गया है. इस संबंध में चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिया गया है. इस आउटसोर्स सेवा प्रदाता कंपनी से अपेक्षा की जाएगी कि वे निर्धारित रोगी क्षेत्रों से दिन में कम से कम एक बार नियमित रक्त नमूना संग्रह के लिए पर्याप्त संख्या में फ्लेबोटोमिस्टों की नियुक्ति करें. आपातकालीन विभागों में चौबीस घंटे आधार पर फ़्लेबोटॉमी सेवाएं प्रदान करें.
फ्लेबोटोमिस्ट की गैरमौजूदगी में रेजिडेंट डॉक्टर करेंगे ये काम
बारकोड करना और एकत्र किए गए नमूनों को एम्स के भीतर संबंधित प्रयोगशालाओं तक पहुंचाना फ्लेबोटोमिस्ट की मुख्य जिम्मेदारी है. हालांकि, फ्लेबोटोमी की कला और विज्ञान सीखना रेजिडेंट डॉक्टर के कर्तव्यों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है, फ़्लेबोटोमिस्टों को शामिल करने का इरादा केवल रेजिडेंट डॉक्टरों और नर्सिंग अधिकारियों पर भार कम करना है ताकि वे अन्य रोगी देखभाल पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकें.
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