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सोमवती अमावस्या आज, जानें पितरों की कृपा पाने के उपाय, किन चीजों का करें दान - SOMVATI AMAVASYA 2024

30 दिसंबर को सोमवती अमावस्या है. दान पुण्य के लिहाज से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.

SOMVATI AMAVASYA 2024
सोमवती अमावस्या 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 29, 2024, 10:49 PM IST

Updated : Dec 30, 2024, 10:37 AM IST

चंडीगढ़: हर साल दो या तीन ही सोमवती अमावस्या हमें देखने को मिलती है. साल 2024 की अंतिम सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को है. हालांकि 2025 में एक भी सोमवती अमावस्या नहीं पड़ रही. पोष माह की ये अमावस्या सुबह 4 बजे से प्रारंभ होगी, जो अगले दिन सुबह 3 बजकर 56 मिनट तक चलेगी. सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं. इसलिए इस दिन का महत्व भी खास हो जाता है.

सोमवती अमावस्या का बड़ा महत्व : हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का बेहद महत्व है. इस दिन व्रत, पूजन और पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व है. महिलाएं सोमवती अमावस्या के दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. पितृ दोष निवारण के लिए दिन अत्यंत शुभ माना गया है. पोष मास में तीर्थ स्नान और दान-पुण्य करने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है. इस अमावस्या पर किए गए दान-पुण्य और तीर्थ स्नान से अक्षय पुण्य मिलता है, मन शांत होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं. इस तिथि पर अपने-अपने क्षेत्रों की पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए और क्षेत्र के पौराणिक महत्व वाले तीर्थों के मंदिरों के दर्शन करना चाहिए. पूजा-पाठ आदि शुभ काम करना चाहिए.

SOMVATI AMAVASYA 2024
सोमवती अमावस्या 2024 (ETV Bharat)

पितरों की पूजा का विशेष महत्व : पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी इस दिन उनकी पूजा अर्चना और पिंडदान किए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो भी इस दिन पितरों की पूजा अर्चना करते हैं. उनको ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है. सोमवती अमावस्या 2024 वर्ष की आखिरी अमावस्या है. वहीं, 2025 में कोई भी सोमवती अमावस्या नहीं होगी. अगली सोमवती अमावस्या 2026 में आएगी. इसलिए इसका और भी ज्यादा महत्व बढ़ जाता है. कुछ जातक इस दिन विधिवत रूप से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना भी करते हैं. क्योंकि सोमवती अमावस्या सोमवार के दिन आती है और सोमवार भगवान शिव का दिन होता है.

सोमवती अमावस्या पर ये है श्रेष्ठ मुहुर्त : पंडित पवन शर्मा तीर्थ पुरोहित कुरुक्षेत्र ने बताया कि इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या का आरंभ 30 दिसंबर को सुबह 4:01 से होगा. जबकि इसका समापन 31 दिसंबर को सुबह 3:56 पर होगा. इसलिए सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर के दिन मनाई जाएगी. सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने बाद दान करने का शुभ मुहूर्त का समय सुबह 5:24 से शुरू होकर 6:19 तक रहेगा जो सबसे शुभ समय है. सोमवती अमावस्या के दिन वृद्धि योग भी बनेगा, जो सुबह 8:32 तक रहेगा.

अमावस्या के दिन करें खास उपाय: सोमवती अमावस्या के दिन कुछ खास उपाय करने से पितरों को खुशी मिलती है और घर में सुख समृद्धि आती है.

  • घर के बाहर दक्षिण दिशा में सरसों का तेल डाल कर दिया जलाना चाहिए. इससे उनके पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है और घर में सुख समृद्धि आती है.
  • सोमवती अमावस्या के दिन पीपल की भी पूजा अर्चना करें. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ में देवी देवताओं का वास होता है और पितरों का भी वास होता है. इसलिए पीपल के पेड़ के पास तिल या सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं.
  • घर के मुख्य द्वार पर भी सरसों के तेल या तेल का दीपक जलाना काफी लाभकारी माना जाता है. इसे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. आर्थिक संकट से भी मुक्ति मिलती है.
  • अगर किसी दंपति के बीच मनमुटाव रहता है, तो उनके लिए सोमवती अमावस्या काफी अच्छी मानी जाती है. वे इस दिन व्रत रखें और माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करें. इसे उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होगी और दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा.
  • इस दौरान माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री, लाल चुन्नी या लाल सूट अर्पित करें. दंपति मिलकर शिव मंत्र का जाप करें.

इसे भी पढ़ें : सोमवती अमावस्या के दिन ऐसे जलाएं दीपक, इन खास चीजों का करें दान, मिलेगा खुशियों का वरदान

चंडीगढ़: हर साल दो या तीन ही सोमवती अमावस्या हमें देखने को मिलती है. साल 2024 की अंतिम सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को है. हालांकि 2025 में एक भी सोमवती अमावस्या नहीं पड़ रही. पोष माह की ये अमावस्या सुबह 4 बजे से प्रारंभ होगी, जो अगले दिन सुबह 3 बजकर 56 मिनट तक चलेगी. सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं. इसलिए इस दिन का महत्व भी खास हो जाता है.

सोमवती अमावस्या का बड़ा महत्व : हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का बेहद महत्व है. इस दिन व्रत, पूजन और पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व है. महिलाएं सोमवती अमावस्या के दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. पितृ दोष निवारण के लिए दिन अत्यंत शुभ माना गया है. पोष मास में तीर्थ स्नान और दान-पुण्य करने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है. इस अमावस्या पर किए गए दान-पुण्य और तीर्थ स्नान से अक्षय पुण्य मिलता है, मन शांत होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं. इस तिथि पर अपने-अपने क्षेत्रों की पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए और क्षेत्र के पौराणिक महत्व वाले तीर्थों के मंदिरों के दर्शन करना चाहिए. पूजा-पाठ आदि शुभ काम करना चाहिए.

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सोमवती अमावस्या 2024 (ETV Bharat)

पितरों की पूजा का विशेष महत्व : पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी इस दिन उनकी पूजा अर्चना और पिंडदान किए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो भी इस दिन पितरों की पूजा अर्चना करते हैं. उनको ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है. सोमवती अमावस्या 2024 वर्ष की आखिरी अमावस्या है. वहीं, 2025 में कोई भी सोमवती अमावस्या नहीं होगी. अगली सोमवती अमावस्या 2026 में आएगी. इसलिए इसका और भी ज्यादा महत्व बढ़ जाता है. कुछ जातक इस दिन विधिवत रूप से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना भी करते हैं. क्योंकि सोमवती अमावस्या सोमवार के दिन आती है और सोमवार भगवान शिव का दिन होता है.

सोमवती अमावस्या पर ये है श्रेष्ठ मुहुर्त : पंडित पवन शर्मा तीर्थ पुरोहित कुरुक्षेत्र ने बताया कि इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या का आरंभ 30 दिसंबर को सुबह 4:01 से होगा. जबकि इसका समापन 31 दिसंबर को सुबह 3:56 पर होगा. इसलिए सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर के दिन मनाई जाएगी. सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने बाद दान करने का शुभ मुहूर्त का समय सुबह 5:24 से शुरू होकर 6:19 तक रहेगा जो सबसे शुभ समय है. सोमवती अमावस्या के दिन वृद्धि योग भी बनेगा, जो सुबह 8:32 तक रहेगा.

अमावस्या के दिन करें खास उपाय: सोमवती अमावस्या के दिन कुछ खास उपाय करने से पितरों को खुशी मिलती है और घर में सुख समृद्धि आती है.

  • घर के बाहर दक्षिण दिशा में सरसों का तेल डाल कर दिया जलाना चाहिए. इससे उनके पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है और घर में सुख समृद्धि आती है.
  • सोमवती अमावस्या के दिन पीपल की भी पूजा अर्चना करें. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ में देवी देवताओं का वास होता है और पितरों का भी वास होता है. इसलिए पीपल के पेड़ के पास तिल या सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं.
  • घर के मुख्य द्वार पर भी सरसों के तेल या तेल का दीपक जलाना काफी लाभकारी माना जाता है. इसे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. आर्थिक संकट से भी मुक्ति मिलती है.
  • अगर किसी दंपति के बीच मनमुटाव रहता है, तो उनके लिए सोमवती अमावस्या काफी अच्छी मानी जाती है. वे इस दिन व्रत रखें और माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करें. इसे उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होगी और दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा.
  • इस दौरान माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री, लाल चुन्नी या लाल सूट अर्पित करें. दंपति मिलकर शिव मंत्र का जाप करें.

इसे भी पढ़ें : सोमवती अमावस्या के दिन ऐसे जलाएं दीपक, इन खास चीजों का करें दान, मिलेगा खुशियों का वरदान

Last Updated : Dec 30, 2024, 10:37 AM IST
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