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सोमवती अमावस्या 2024: ठंड पर भारी पड़ी आस्था, हरियाणा के पिंडतारक तीर्थ पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब - SOMVATI AMAVASYA 2024

साल की अंतिम सोमवती अमावस्या पर पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी.

SOMVATI AMAVASYA 2024
पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 30, 2024, 7:56 PM IST

जींद: पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर साल की अंतिम सोमवती अमावस्या पर हजारों श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान किया और पिंडदान करके तर्पण किया. ऐतिहासिक पिंडतारक तीर्थ पर रविवार को शाम से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था. रविवार की पूरी रात धर्मशालाओं में सत्संग-कीर्तन आदि का आयोजन चलता रहा. सोमवार को तड़के से ही श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान और पिंडदान शुरू कर दिया, जो मध्याह्न के बाद तक चलता रहा. इस मौके पर दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने अपने पितरोंं की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया और सूर्यदेव को जलार्पण करके सुख-समृद्धि की कामना की.

महाभारत काल से ही यहां का विशेष महत्व : इस दौरान गोहाना रोड पर पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रही और यातायात व्यवस्था बनाए रखने में पुलिसकर्मियों को अच्छी खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा. पिंडतारक तीर्थ के संबंध में किंवदंती है कि महाभारत युद्ध के बाद पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पांडवों ने यहां 12 वर्ष तक सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में तपस्या की थी. बाद में सोमवती अमावस्या के आने पर युद्ध में मारे गए परिजनों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया था. तभी से ये माना जाता है कि पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है. महाभारत काल से ही सोमवती अमावस्या पर यहां पिंडदान करने का विशेष महत्व है. यहां पिंडदान करने के लिए विभिन्न प्रांतों के श्रद्धालु आते हैं.

पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ (Etv Bharat)

बड़ी संख्या में पुलिसबल था तैनात : पिंडारा तीर्थ पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिसबल तैनात किया गया था. सरोवर में नहाते हुए कोई अनहोनी घटना न हो, इसके लिए गोताखोर और कश्ती का विशेष प्रबंध किया गया था. पुलिसकर्मियों ने मेले में उमड़ी भीड़ को व्यवस्थित करने का काम किया. इस दौरान पिंडारा तीर्थ पर सोमवती अमावस्या पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने जमकर खरीददारी की. तीर्थ पर जगह-जगह लोगों ने सामान बेचने के लिए दुकानें लगाई हुई थी, जिस पर बच्चों और महिलाओं ने खरीदारी की. बच्चों ने जहां अपने लिए खिलौने खरीदे तो वहीं बड़ों ने भी घर के लिए सामान खरीदे.

इसे भी पढ़ें : सर्वपितृ अमावस्या पर हजारों श्रद्धालुओं ने पांडू पिंडारा में किया पिंडदान, जानिए इस तीर्थ की मान्यता - Pind Daan in Pandu Pindara

जींद: पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर साल की अंतिम सोमवती अमावस्या पर हजारों श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान किया और पिंडदान करके तर्पण किया. ऐतिहासिक पिंडतारक तीर्थ पर रविवार को शाम से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था. रविवार की पूरी रात धर्मशालाओं में सत्संग-कीर्तन आदि का आयोजन चलता रहा. सोमवार को तड़के से ही श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान और पिंडदान शुरू कर दिया, जो मध्याह्न के बाद तक चलता रहा. इस मौके पर दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने अपने पितरोंं की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया और सूर्यदेव को जलार्पण करके सुख-समृद्धि की कामना की.

महाभारत काल से ही यहां का विशेष महत्व : इस दौरान गोहाना रोड पर पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रही और यातायात व्यवस्था बनाए रखने में पुलिसकर्मियों को अच्छी खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा. पिंडतारक तीर्थ के संबंध में किंवदंती है कि महाभारत युद्ध के बाद पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पांडवों ने यहां 12 वर्ष तक सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में तपस्या की थी. बाद में सोमवती अमावस्या के आने पर युद्ध में मारे गए परिजनों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया था. तभी से ये माना जाता है कि पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है. महाभारत काल से ही सोमवती अमावस्या पर यहां पिंडदान करने का विशेष महत्व है. यहां पिंडदान करने के लिए विभिन्न प्रांतों के श्रद्धालु आते हैं.

पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ (Etv Bharat)

बड़ी संख्या में पुलिसबल था तैनात : पिंडारा तीर्थ पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिसबल तैनात किया गया था. सरोवर में नहाते हुए कोई अनहोनी घटना न हो, इसके लिए गोताखोर और कश्ती का विशेष प्रबंध किया गया था. पुलिसकर्मियों ने मेले में उमड़ी भीड़ को व्यवस्थित करने का काम किया. इस दौरान पिंडारा तीर्थ पर सोमवती अमावस्या पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने जमकर खरीददारी की. तीर्थ पर जगह-जगह लोगों ने सामान बेचने के लिए दुकानें लगाई हुई थी, जिस पर बच्चों और महिलाओं ने खरीदारी की. बच्चों ने जहां अपने लिए खिलौने खरीदे तो वहीं बड़ों ने भी घर के लिए सामान खरीदे.

इसे भी पढ़ें : सर्वपितृ अमावस्या पर हजारों श्रद्धालुओं ने पांडू पिंडारा में किया पिंडदान, जानिए इस तीर्थ की मान्यता - Pind Daan in Pandu Pindara

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