हरोली: जिला ऊना के हरोली उपमंडल के तहत आने वाली पंडोगा पंचायत के सैनिक कुलविंदर सिंह का आज अंतिम संस्कार किया गया. डोगरा रेजिमेंट में तैनात कुलविंदर सिंह करीब 20 दिन पूर्व जम्मू के आर्मी कैंप में हुए भीषण अग्निकांड में आग पर काबू पाते समय बुरी तरह से झुलस गए थे. घायल होने के बाद आर्मी अस्पताल ऊधमपुर में भर्ती करवाया गया था. करीब 20 दिनों बाद इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. कुलविंदर सिंह अपने पीछे धर्मपत्नी और 11 एवं 8 साल के दो बेटे छोड़ गए हैं. उनके छोटे भाई गुलविंदर सिंह गोल्डी पंचायत प्रधान हैं.
कुलविंदर सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. उनका पार्थिव शरीर गांव में पहुंचते ही पूरा माहौल गमगीन हो गया. पूरा गांव भारत माता के नारों से गूंज उठा. कुलविंदर सिंह की पार्थिव देह को देखकर पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. परिवार को सांत्वना देने वालों का हुजूम घर पर उमड़ा हुआ है. सेना के जवानों ने उन्हें सैन्य सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया. जिला प्रशासन की तरफ से एसडीएम हरोली और डीएसपी हेडक्वार्टर ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. एसडीएम राजीव ठाकुर ने बताया कि जम्मू के आर्मी कैंप में हुए अग्निकांड में आग पर काबू पाते समय कुलविंदर सिंह करीब 60 फीसदी से ज्यादा झुलस गए थे, जिसके चलते उन्हें आर्मी अस्पताल ऊधमपुर में भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
बता दें कि कुलविंदर 2003 में सेना में भर्ती हुए थे. उन्होंने अपनी अधिकतर सेवाएं जम्मू एवं कश्मीर में ही दी थी. परिजनों ने बताया कि 20 दिन पहले आर्मी कैंप के पास आग लगी थी. आग कैंप तक ना पहुंचे इसलिए कुलविंदर सिंह अपने साथियों के साथ इसे बुझाने का प्रयास कर रहे थे. इसी दौरान वो आग की चपेट में आ गए थे. आग से झुलसने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
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