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दिव्यांगजनों के लिए आकलन शिविर,समाज कल्याण विभाग बना रहा यूनिक आईडी कार्ड - SOCIAL WELFARE DEPARTMENT

कोरबा में दिव्यांगजनों के लिए आकलन शिविर लगा.जिसमें दिव्यांगजनों के जरुरी दस्तावेज समेत यूनिक आईडी कार्ड तैयार किए गए.

Social Welfare Department
दिव्यांगजनों के लिए आकलन शिविर (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 20, 2024, 1:47 PM IST

कोरबा : दिव्यांगजनों के आकलन और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं को निर्बाध रूप से देने के लिए शिक्षा और समाज कल्याण विभाग ने संयुक्त तौर पर आकलन शिविर का आयोजन किया. यह शिविर कोरबा शहरी क्षेत्र के बीआरसी कार्यालय में आयोजित हुआ. आने वाले दिनों में हर विकासखंड में इस तरह के शिविर लगाने के आदेश दिए गए हैं.

200 दिव्यांगजनों ने दर्ज कराई उपस्थिति : इस शिविर में लगभग 200 दिव्यांगजनों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. कुछ लोग ऐसे भी थे, जिनके आधार कार्ड तो हैं. लेकिन यूनिक आईडी कार्ड नहीं बने हैं. जिनका रजिस्ट्रेशन भी यहां से किया गया. यूनिक आईडी कार्ड बन जाने के बाद दिव्यांगजन देशभर के किसी भी स्थान से दिव्यांग जनों को मिलने वाली अलग-अलग सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं.

Social Welfare Department
आकलन शिविर में दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
Social Welfare Department
यूनिक आईडी कार्ड बनाने में जुटा विभाग (ETV BHARAT CHHATTISGARH)


मेडिकल प्रमाण पत्र के साथ यूनिक आईडी कार्ड भी जरूरी : आपको बता दें कि दिव्यांगजनों के लिए सरकार कई तरह की योजनाओं का संचालन करती है. सहायक उपकरण देने के साथ ही उन्हें मासिक तौर पर मिलने वाले पेंशन, इलाज में सहायता, विवाह प्रोत्साहन योजना और अपना रोजगार शुरू करने के लिए लोन की भी योजनाएं मौजूद हैं.इन सभी योजनाओं का लाभ दिव्यांगजनों को तभी मिलेगा जब उनके पास 40% से अधिक के दिव्यांग होने का मेडिकल प्रमाण पत्र होगा. ये प्रमाण पत्र मेडिकल बोर्ड जारी करता है. इसके अलावा समाज कल्याण विभाग से यूनिक आईडी कार्ड भी बनाया जाता है. यह एक विशेष तरह का कार्ड होता है. जिसमें दिव्यांगजनों की सारी डिटेल फीड की जाती है. दिव्यांगता का प्रकार और हर तरह की जानकारी होती है.

समाज कल्याण विभाग बना रहा यूनिक आईडी कार्ड (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

यूनिक कार्ड क्यों है जरुरी : यह सेंट्रलाइज्ड कार्ड होता है, जो देश में किसी भी स्थान से इस्तेमाल किया जा सकता है. देश के किसी भी कोने से दिव्यांगजनों को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ लेने के लिए यह बेहद जरूरी है. दिव्यांगजनों के लिए 2016 में पारित अधिनियम के अनुसार अब 21 तरह के शारीरिक अक्षमताओं वाले लोगों को दिव्यंगता की श्रेणी में रखकर उनका प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है. जिससे संबंधित सभी तरह की जानकारी जिले के समाज कल्याण विभाग से प्राप्त की जा सकती है. इस शिविर की यहां पहुंचे दिव्यांगजनों ने तारीफ की.0

इस तरह के शिविर में सरकारी योजनाओं की जानकारी मिल जाती है. स्कूल से मिलने वाली स्कॉलरशिप हो या अन्य तरह की योजनाएं उन सब की जानकारी लेने यहां पहुंची हूं. ताकि बेटी को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. मेरी बेटी दृष्टि बाधित है. जिनकी दृष्टि केवल 10 फीसदी है - गीता महापात्र, दिव्यांगजन की मां


गांव फटहामुड़ा से से शिविर में पहुंचे कार्तिक राम ने बताया कि वो ड्राइवरी का काम करते हैं. दिव्यांग बेटी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती है. जिसके पास मेडिकल और यूनिक आईडी कार्ड नहीं है. ड्यूटी छोड़कर इस कार्ड को बनवाने पहुंचे हैं. ताकि सभी योजनाओं का लाभ मिल सके. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी टीपी उपाध्याय ने बताया कि प्रत्येक विकास खंड में इस तरह का शिविर लगाना है.

शिविर में दिव्यांग बच्चों का आकलन करते हैं. उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए जो भी जरूरी दस्तावेज होते हैं, उसे बनाने की प्रक्रिया पूरी करते हैं. इस तरह के शिविर में समाज कल्याण और मेडिकल टीम को भी आमंत्रित किया गया है. एक ही शिविर में उन्हें मेडिकल प्रमाण पत्र भी जारी किया जा रहा है, ताकि वह समस्त सरकारी योजना का लाभ ले सकें - टीपी उपाध्याय, जिला शिक्षाधिकारी

यूनिक आईडी कार्ड का भी रजिस्ट्रेशन : वहीं समाज कल्याण विभाग की उपसंचालक सिनीवाली गोयल ने बताया कि काफी सारे दिव्यांगजन जिले में मौजूद हैं. जिन तक हम पहुंच नहीं पाए हैं.


दिव्यांगजनों को अधिक से अधिक सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए. उनके लिए विवाह प्रोत्साहन योजना के साथ ही हर माह मिलने वाली पेंशन और लोन की भी व्यवस्था है. लेकिन इसके लिए उनका मेडिकल प्रमाण पत्र और यूनिक आईडी कार्ड होना चाहिए. यूनिक आईडी कार्ड 15 दिन में बनकर आता है. जिसके लिए रजिस्ट्रेशन भी आज हम कर रहे हैं. हमारा प्रयास है कि जिले में प्रत्येक दिव्यांग का यूनिक आईडी कार्ड बना दिया जाए. जिनका कार्ड नहीं बना है. उसकी प्रक्रिया तत्काल शुरू कर रहे हैं - सिनीवाली गोयल,समाज कल्याण अधिकारी

आपको बता दें कि दिव्यांगजनों को सरकारी योजनाओं का लाभ तभी मिलता है जब उनके पास जरुरी दस्तावेजों के साथ यूनिक आईडी कार्ड हो.इसके बिना दिव्यांगों को सहायता नहीं मिलती. समाज कल्याण विभाग की कोशिश है कि वो पूरे छत्तीसगढ़ में शिविर लगाकर दिव्यांगों के लिए जरुरी दस्तावेज तैयार करवाए ताकि भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी ना हो.

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कोरबा : दिव्यांगजनों के आकलन और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं को निर्बाध रूप से देने के लिए शिक्षा और समाज कल्याण विभाग ने संयुक्त तौर पर आकलन शिविर का आयोजन किया. यह शिविर कोरबा शहरी क्षेत्र के बीआरसी कार्यालय में आयोजित हुआ. आने वाले दिनों में हर विकासखंड में इस तरह के शिविर लगाने के आदेश दिए गए हैं.

200 दिव्यांगजनों ने दर्ज कराई उपस्थिति : इस शिविर में लगभग 200 दिव्यांगजनों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. कुछ लोग ऐसे भी थे, जिनके आधार कार्ड तो हैं. लेकिन यूनिक आईडी कार्ड नहीं बने हैं. जिनका रजिस्ट्रेशन भी यहां से किया गया. यूनिक आईडी कार्ड बन जाने के बाद दिव्यांगजन देशभर के किसी भी स्थान से दिव्यांग जनों को मिलने वाली अलग-अलग सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं.

Social Welfare Department
आकलन शिविर में दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
Social Welfare Department
यूनिक आईडी कार्ड बनाने में जुटा विभाग (ETV BHARAT CHHATTISGARH)


मेडिकल प्रमाण पत्र के साथ यूनिक आईडी कार्ड भी जरूरी : आपको बता दें कि दिव्यांगजनों के लिए सरकार कई तरह की योजनाओं का संचालन करती है. सहायक उपकरण देने के साथ ही उन्हें मासिक तौर पर मिलने वाले पेंशन, इलाज में सहायता, विवाह प्रोत्साहन योजना और अपना रोजगार शुरू करने के लिए लोन की भी योजनाएं मौजूद हैं.इन सभी योजनाओं का लाभ दिव्यांगजनों को तभी मिलेगा जब उनके पास 40% से अधिक के दिव्यांग होने का मेडिकल प्रमाण पत्र होगा. ये प्रमाण पत्र मेडिकल बोर्ड जारी करता है. इसके अलावा समाज कल्याण विभाग से यूनिक आईडी कार्ड भी बनाया जाता है. यह एक विशेष तरह का कार्ड होता है. जिसमें दिव्यांगजनों की सारी डिटेल फीड की जाती है. दिव्यांगता का प्रकार और हर तरह की जानकारी होती है.

समाज कल्याण विभाग बना रहा यूनिक आईडी कार्ड (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

यूनिक कार्ड क्यों है जरुरी : यह सेंट्रलाइज्ड कार्ड होता है, जो देश में किसी भी स्थान से इस्तेमाल किया जा सकता है. देश के किसी भी कोने से दिव्यांगजनों को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ लेने के लिए यह बेहद जरूरी है. दिव्यांगजनों के लिए 2016 में पारित अधिनियम के अनुसार अब 21 तरह के शारीरिक अक्षमताओं वाले लोगों को दिव्यंगता की श्रेणी में रखकर उनका प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है. जिससे संबंधित सभी तरह की जानकारी जिले के समाज कल्याण विभाग से प्राप्त की जा सकती है. इस शिविर की यहां पहुंचे दिव्यांगजनों ने तारीफ की.0

इस तरह के शिविर में सरकारी योजनाओं की जानकारी मिल जाती है. स्कूल से मिलने वाली स्कॉलरशिप हो या अन्य तरह की योजनाएं उन सब की जानकारी लेने यहां पहुंची हूं. ताकि बेटी को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. मेरी बेटी दृष्टि बाधित है. जिनकी दृष्टि केवल 10 फीसदी है - गीता महापात्र, दिव्यांगजन की मां


गांव फटहामुड़ा से से शिविर में पहुंचे कार्तिक राम ने बताया कि वो ड्राइवरी का काम करते हैं. दिव्यांग बेटी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती है. जिसके पास मेडिकल और यूनिक आईडी कार्ड नहीं है. ड्यूटी छोड़कर इस कार्ड को बनवाने पहुंचे हैं. ताकि सभी योजनाओं का लाभ मिल सके. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी टीपी उपाध्याय ने बताया कि प्रत्येक विकास खंड में इस तरह का शिविर लगाना है.

शिविर में दिव्यांग बच्चों का आकलन करते हैं. उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए जो भी जरूरी दस्तावेज होते हैं, उसे बनाने की प्रक्रिया पूरी करते हैं. इस तरह के शिविर में समाज कल्याण और मेडिकल टीम को भी आमंत्रित किया गया है. एक ही शिविर में उन्हें मेडिकल प्रमाण पत्र भी जारी किया जा रहा है, ताकि वह समस्त सरकारी योजना का लाभ ले सकें - टीपी उपाध्याय, जिला शिक्षाधिकारी

यूनिक आईडी कार्ड का भी रजिस्ट्रेशन : वहीं समाज कल्याण विभाग की उपसंचालक सिनीवाली गोयल ने बताया कि काफी सारे दिव्यांगजन जिले में मौजूद हैं. जिन तक हम पहुंच नहीं पाए हैं.


दिव्यांगजनों को अधिक से अधिक सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए. उनके लिए विवाह प्रोत्साहन योजना के साथ ही हर माह मिलने वाली पेंशन और लोन की भी व्यवस्था है. लेकिन इसके लिए उनका मेडिकल प्रमाण पत्र और यूनिक आईडी कार्ड होना चाहिए. यूनिक आईडी कार्ड 15 दिन में बनकर आता है. जिसके लिए रजिस्ट्रेशन भी आज हम कर रहे हैं. हमारा प्रयास है कि जिले में प्रत्येक दिव्यांग का यूनिक आईडी कार्ड बना दिया जाए. जिनका कार्ड नहीं बना है. उसकी प्रक्रिया तत्काल शुरू कर रहे हैं - सिनीवाली गोयल,समाज कल्याण अधिकारी

आपको बता दें कि दिव्यांगजनों को सरकारी योजनाओं का लाभ तभी मिलता है जब उनके पास जरुरी दस्तावेजों के साथ यूनिक आईडी कार्ड हो.इसके बिना दिव्यांगों को सहायता नहीं मिलती. समाज कल्याण विभाग की कोशिश है कि वो पूरे छत्तीसगढ़ में शिविर लगाकर दिव्यांगों के लिए जरुरी दस्तावेज तैयार करवाए ताकि भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी ना हो.

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