धमतरी: छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश से एक तरफ मौसम सुहाना हो गया तो दूसरी किसान की चिंता बढ़ गई. मंगलवार को डुबान इलाके के अलग अलग गांवों में रहने वाले किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे और मदद की गुहार लगाई.
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का कहर छत्तीसगढ़ के दूसरे जिलों के साथ धमतरी में भी दिखाई दिया. धमतरी के माडमसिल्ली इलाके के 6 गांवों में अति ओला वृष्टि हुई है. इतनी ज्यादा बर्फबारी के बाद नजारा कश्मीर या शिमला जैसा दिखाई देने लगा. इस बर्फबारी का बच्चों ने खूब आनंद लिया. लेकिन इस खूबसूरत लगने वाले दृश्य का दर्दनाक पहलू भी सामने आया.
1 किलो की साइज के गिरे ओले: इस इलाके में लगाई गई धान, गेहूं, चान और सब्जी की पूरी फसल बर्बाद हो गई. समय से पहले ही पूरा महुआ पेड़ से झड़ गया. आम के पेड़ों में लगे बौर और अमिया भी झड़ गई. खपरैल के घरों में रहने वाले के घर पूरी तरह से बर्बाद हो गई. कई मवेशी और पशुपक्षी भी इस ओलावृष्टि की चपेट में आ गए. किसानों ने बताया कि कर्ज लेकर फसल लगाई थी. जो बर्बाद हो गई. अपनी इसी परेशानी को बताने ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे.
एक एक किलो के ओले गिरे हैं. पहले कभी नहीं देखा था. खपरैल के घर पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं. धान और सब्जी की पूरी फसल बर्बाद हो गई है. -पिंगल गोटा, प्रभावित ग्रामीण
धान, महुआ, तेंदू, चार हमारी जीविका का साधन है जो पूरी तरह बर्बाद हो गई है. कलेक्टर ने जांच के बाद मुआवजा की बात कही है. -बृजलाल मंडावी, प्रभावित ग्रामीण
सिहावा क्षेत्र की विधायक अंबिका मरकाम ने सरकार से जल्द से जल्द इस ओर ध्यान देने की मांग की. उन्होंने कहा कि किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देने की कोशिश करेंगे. धमतरी कलेक्टर ने बताया कि राजस्व की टीम को नुकसान का आंकलन करने भेजा गया है. जैसे ही रिपोर्ट आएगी. जरूरी कदम उठाए जाएंगे.