रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम किया जा रहा है. लोनिवि डीडीएमए की टीम बर्फ हटाते हुए लिनचोली पहुंच गई है. हालांकि दो दिनों से मौसम साफ होने के चलते टीम तेजी से कार्य करते हुए आगे बढ़ रही है. मजदूरों द्वारा लिनचोली में रास्ते में गिरे 6 फीट ग्लेशियर की बर्फ काटकर रास्ता आवाजाही के लिए बनाया जा रहा है.
आगामी 10 मई से शुरू होने वाली केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए पैदल मार्ग पर यात्रियों को आवाजाही में कोई कठिनाई न हो, इस लिहाज से लोनिवि डीडीएमए द्वारा पैदल मार्ग की बर्फ हटानी शुरू कर दी गई है. लोनिवि डीडीएमए के ईई विनय झिंक्वाण ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया गया है. जंगलचट्टी से आगे पैदल मार्ग पर 3 फीट बर्फ है. जबकि लिनचोली से पैदल मार्ग पर 6 फीट से अधिक बर्फ है. बर्फ हटाने के लिए 50 मजदूर लगाए गए हैं. अभी टीम लिनचोली में रास्ते में गिरे ग्लेशियर को हटा रही है.
वहीं, केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होने से पहले विभिन्न विभागों के एडवांस दल केदारनाथ धाम पहुंचते हैं. ऐसे में इस बार भी 10 मई को भगवान केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे. इससे पहले यहां सुविधाएं बहाल की जाए, इसी उद्देश्य से बदरी-केदार मंदिर समिति का एडवांस दल 15 अप्रैल तक केदारनाथ रवाना हो सकता है.
बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होते ही देश-विदेश के यात्रियों में खुशी का माहौल है. देशभर में सनातन धर्म से जुड़े लोग बेसब्री से केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि का इंतजार कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि केदारनाथ में बदरी-केदार मंदिर समिति अपनी व्यवस्थाओं की बहाली एवं विभिन्न तैयारियों के लिए अप्रैल माह में अग्रिम दल केदारनाथ भेजेगी, जो सभी तैयारियां पूरी करेंगे. इधर, बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि बदरी-केदार मंदिर समिति का 20 सदस्यीय एडवांस दल 15 अप्रैल के करीब केदारनाथ रवाना होगा, जो केदारनाथ पहुंचकर बर्फ से हुई क्षति के साथ ही बिजली, पानी की आपूर्ति बहाल करेगा. साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाएं तैयार करेगा. दल में विशेष रूप से इंजीनियर, बिजली, पानी के तकनीशियन सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहेंगे.
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