ETV Bharat / state

108 सेवा में अनियमितता: कोई रात भर करता रहा इंतजार, तो किसी को तुरंत मिल गई एंबुलेंस - SNMMCH Ambulance Failure

SNMMCH Dhanbad. धनबाद के SNMMCH में 108 एंबुलेंस सुविधा में अनियमितता देखने को मिल रही है. इससे किसी मरीज को रात भर इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं मिलता तो किसी को तुरंत ही एम्बुलेंस मुहैया करा दिया जाता है.

snmmch-patient-ambulance-management-failure-dhanbad
एम्बुलेंस के लिए इंतेजार करते परिजन (ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 28, 2024, 2:54 PM IST

धनबाद: तड़पते मरीजों का जल्द इलाज करा कर उसकी जान बचाई जा सके, इसके लिए सरकार ने निःशुल्क 108 एंबुलेंस की सेवा शुरू की है. लेकिन इसकी व्यवस्था पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. धनबाद में किसी मरीज को रात भर इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं मिलता तो किसी को तुरंत ही एंबुलेंस मुहैया करा दिया जाता है.

ताजा मामले में रोहित मुंडा भुक्तभोगी बने हैं. दुमका जिले के रहने वाले रोहित मुंडा अपने छह दिन की बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर इलाज लिए अस्पताल पहुंचे थे. डॉक्टर ने उसे बेहतर इलाज के लिए रांची के रिम्स रेफर कर दिया. अपनी बच्ची रांची रिम्स ले जाने के लिए उन्होंने रात में उसने 108 एंबुलेंस के लिए दस से 12 बार फोन किया. 108 सेंटर से बताया गया कि सुबह में ही एंबुलेंस मिल सकेगा. अगले दिन सुबह जब रोहित मुंडा ने 108 सेंटर में फोन किया तो उनसे कहा गया कि रात तक एंबुलेंस वाहन मिल पाएगा.

एम्बुलेंस को लेकर बताते हुए मरीज के परिजन व प्रबंधक (ईटीवी भारत)
रोहित मुंडा का कहना है कि उसने सुबह करीब 8-10 बार 108 नंबर पर फोन किया था लेकिन उन्हें गाड़ी नहीं मिली. इसी बीच दोपहर में एक 108 एंबुलेंस वाहन अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के मुख्य द्वार पर आकर लगी. ये एंबुलेंस अस्पताल में भर्ती देवघर से आए मरीज अनिल चरण मिश्रा के लिए आई थी. पूछताछ में पता चला कि अनिल को सुबह में ही रेफर किया गया था. ऐसे में उन्हें एंबुलेंस कैसे मिली इस पर सवाल खड़े होने लगे.

इसी बीच 108 एंबुलेंस के प्रबंधक विनय कुमार वहां पहुंचे. उनसे जब इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने दोनों मरीजों के बारे में जानकारी ली. प्रबंधक ने कहा कि एम्बुलेंस की नियम इमेर्जेंसी है. इसलिए कॉल करते ही एम्बुलेंस मुहैया हो जाती है. पहले वाला मरीज फिर से कॉल न करने से एम्बुलेंस दूसरे मरीज के पास चली गई थी. लेकिन हमने पहले से इंतेजार कर रहे मरीज को एम्बुलेंस मुहैया कराया. जिसके के देवघर से आए मरीज अनिल चंद्र मिश्रा को एंबुलेंस से उतर कर उस एंबुलेंस को रोहित मुंडा को अलॉट किया गया, जिसमें वे अपनी बच्ची को लेकर रांची रिम्स के रिम्स के लिए रवाना हुए.

ये भी पढ़ें- पलामू के सरकारी अस्पताल में पहली बार कूल्हे का हुआ रिप्लेसमेंट! एमएमसीएच में सिविल सर्जन के नेतृत्व में हुआ सफल ऑपरेशन - Medinirai College and Hospital

झारखंड IMA की बैठक, राज्य के 50 बेडेड तक के निजी अस्पताल क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट से रहेंगे बाहर - IMA Meeting in Jharkhand

जमशेदपुर को जल्द मिलेगा 751 बेड का अस्पताल, मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन: बन्ना गुप्ता - Hospital In Jamshedpur

धनबाद: तड़पते मरीजों का जल्द इलाज करा कर उसकी जान बचाई जा सके, इसके लिए सरकार ने निःशुल्क 108 एंबुलेंस की सेवा शुरू की है. लेकिन इसकी व्यवस्था पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. धनबाद में किसी मरीज को रात भर इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं मिलता तो किसी को तुरंत ही एंबुलेंस मुहैया करा दिया जाता है.

ताजा मामले में रोहित मुंडा भुक्तभोगी बने हैं. दुमका जिले के रहने वाले रोहित मुंडा अपने छह दिन की बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर इलाज लिए अस्पताल पहुंचे थे. डॉक्टर ने उसे बेहतर इलाज के लिए रांची के रिम्स रेफर कर दिया. अपनी बच्ची रांची रिम्स ले जाने के लिए उन्होंने रात में उसने 108 एंबुलेंस के लिए दस से 12 बार फोन किया. 108 सेंटर से बताया गया कि सुबह में ही एंबुलेंस मिल सकेगा. अगले दिन सुबह जब रोहित मुंडा ने 108 सेंटर में फोन किया तो उनसे कहा गया कि रात तक एंबुलेंस वाहन मिल पाएगा.

एम्बुलेंस को लेकर बताते हुए मरीज के परिजन व प्रबंधक (ईटीवी भारत)
रोहित मुंडा का कहना है कि उसने सुबह करीब 8-10 बार 108 नंबर पर फोन किया था लेकिन उन्हें गाड़ी नहीं मिली. इसी बीच दोपहर में एक 108 एंबुलेंस वाहन अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के मुख्य द्वार पर आकर लगी. ये एंबुलेंस अस्पताल में भर्ती देवघर से आए मरीज अनिल चरण मिश्रा के लिए आई थी. पूछताछ में पता चला कि अनिल को सुबह में ही रेफर किया गया था. ऐसे में उन्हें एंबुलेंस कैसे मिली इस पर सवाल खड़े होने लगे.

इसी बीच 108 एंबुलेंस के प्रबंधक विनय कुमार वहां पहुंचे. उनसे जब इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने दोनों मरीजों के बारे में जानकारी ली. प्रबंधक ने कहा कि एम्बुलेंस की नियम इमेर्जेंसी है. इसलिए कॉल करते ही एम्बुलेंस मुहैया हो जाती है. पहले वाला मरीज फिर से कॉल न करने से एम्बुलेंस दूसरे मरीज के पास चली गई थी. लेकिन हमने पहले से इंतेजार कर रहे मरीज को एम्बुलेंस मुहैया कराया. जिसके के देवघर से आए मरीज अनिल चंद्र मिश्रा को एंबुलेंस से उतर कर उस एंबुलेंस को रोहित मुंडा को अलॉट किया गया, जिसमें वे अपनी बच्ची को लेकर रांची रिम्स के रिम्स के लिए रवाना हुए.

ये भी पढ़ें- पलामू के सरकारी अस्पताल में पहली बार कूल्हे का हुआ रिप्लेसमेंट! एमएमसीएच में सिविल सर्जन के नेतृत्व में हुआ सफल ऑपरेशन - Medinirai College and Hospital

झारखंड IMA की बैठक, राज्य के 50 बेडेड तक के निजी अस्पताल क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट से रहेंगे बाहर - IMA Meeting in Jharkhand

जमशेदपुर को जल्द मिलेगा 751 बेड का अस्पताल, मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन: बन्ना गुप्ता - Hospital In Jamshedpur

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.