शिमला: 8 फरवरी से पेन डाउन स्ट्राइक पर चल रहे एसएमसी शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सरकार ने बजट में एसएमसी शिक्षकों का ₹1900 बढ़ाया है, लेकिन एसएमसी शिक्षक सरकार से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं और 1900 रुपये बढ़ाने से शिक्षक खुश नहीं है. जिसके चलते आज शिक्षकों ने शिमला चौड़ा मैदान में धरना प्रदर्शन किया और सरकार से नियमितीकरण करने की मांग की.
हिमाचल प्रदेश में एसएमसी शिक्षकों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एसएमसी शिक्षक अब अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. एसएमसी शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता निर्मल ठाकुर ने बताया कि 2555 के आसपास एसएमसी शिक्षक प्रदेश की दुर्गम इलाकों में 12 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में सरकार को इन शिक्षकों के भविष्य को लेकर सोचना चाहिए. बजट से एसएमसी शिक्षकों को उम्मीद थी कि सरकार एसएमसी शिक्षकों को पीटीए की तर्ज पर नियमित करेगी, लेकिन सरकार ने मात्र 1900 रुपए बढ़ाकर शिक्षकों से मजाक किया है.
उन्होंने कहा 21 फरवरी से प्रदेश में बच्चों की प्रैक्टिकल परीक्षाएं शुरू हो रही है. दूसरी तरफ एसएमसी शिक्षक पेन डाउन स्ट्राइक पर हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. सरकार अगर नियमित करने का ऐलान करती है तो शिक्षक हड़ताल छोड़कर कल से स्कूलों में अपनी सेवाएं देना शुरू करेंगे.
एसएमसी अध्यापकों का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने हमें 12 फरवरी को बुलाया था और हमें ये आश्वासन दिया था कि कैबिनेट सब कमेटी द्वारा फाइनल रिपोर्ट तैयार की गई है, जो 14 फरवरी की कैबिनेट में जाएगी. लेकिन 14 फरवरी की कैबिनेट में ऐसा देखने को नहीं मिला. हमें उम्मीद थी कि 17 फरवरी को जरूर हमारे लिए उचित फैसला होगा. ऐसे में अब एसएमसी अध्यापकों में बहुत अधिक आक्रोश है. जिसका प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है. आने वाले समय में इसका और अधिक असर देखने को मिलेगा.
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