ETV Bharat / state

Rajasthan: विस्थापन की धीमी चाल बन न जाए बाघ संरक्षण प्लान में रोडा, अब भी 24 गांवों को बसाना है जंगल से बाहर - DISPLACEMENT OF 24 VILLAGES PENDING

सरिस्का बाघ अभ्यारण्य में बाघों की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य है. हालांकि अभी भी यहां से 24 गांवों का विस्थापन किया जाना शेष है.

Displacement Of 24 Villages Pending
सरिस्का से 24 गांवों का विस्थापन होना बाकी (ETV Bharat Alwar)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 18, 2024, 6:22 PM IST

अलवर: सरिस्का प्रशासन का जोर आगामी 10 सालों में बाघों की संख्या बढ़ाने पर है, लेकिन सरिस्का बाघ अभयारण्य में बसे गांवों के विस्थापन की धीमी चाल इसमें रोडा साबित हो सकती है. अभी सरिस्का से 24 गांवों का विस्थापन होना शेष है. ऐसे में मानवीय दखल के चलते बाघों की संख्या बढ़ाना आसान नहीं है.

बाघ संरक्षण के लिए 24 गांवों का विस्थापन है अभी बाकी (ETV Bharat Alwar)

सरिस्का में अभी 43 बाघ एवं शावक हैं. यहां बाघों की संख्या और बढ़ाने के लिए सरिस्का प्रशासन की ओर से बाघ संरक्षण प्लान तैयार कराया जा रहा है. इस प्लान में सरिस्का बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा करने पर जोर दिया गया है. सरिस्का में बाघ संरक्षण प्लान का कार्य ग्लोबल टाइगर फोरम (जीटीएफ) को सौंपा गया है. जीटीएफ के सदस्य सरिस्का टाइगर रिजर्व का भ्रमण कर यहां की भौगोलिक परिस्थिति, वन्यजीवों की मूलभूत सुविधाएं सहित अन्य पहलुओं का अध्ययन कर आगामी छह माह में बाघ संरक्षण प्लान तैयार कर सरिस्का प्रशासन को सौंपेंगे. बाद में यह बाघ संरक्षण प्लान अनुमोदन के केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा. वहां से अनुमति मिलने पर आगामी वर्ष 2025 में इस बाघ संरक्षण प्लान पर सरिस्का में कार्य शुरू हो सकेगा.

पढ़ें: Sariska Tiger Reserve: 14 साल के बराबर डेढ़ साल में खाली हुए सरिस्का के कोर एरिया में बसे गांव, अभी भी 4 गांवों का विस्थापन बाकी

बाघों के लिए मानवीय दखल कम करना जरूरी: बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए सरिस्का जंगल में मानवीय दखल कम करना जरूरी है. इसके लिए सरिस्का में बसे गांवों का जंगल से बाहर विस्थापन जरूरी है. लेकिन गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया धीमी होने से बाघ संरक्षण प्लान को लागू कर पाना आसान नहीं है. कारण है कि सरिस्का में 29 गांव बसे हैं, सरिस्का प्रशासन इनमें से अभी 5 गांवों का ही पूर्ण रूप से विस्थापन करा पाया है. यानी अभी सरिस्का टाइगर रिजर्व से 24 गांवों का विस्थापन कराया जाना शेष है. सरिस्का के जंगल में इतनी बड़ी संख्या में गांवों के बसे होने से मानवीय दखल ज्यादा है. इसका सीधा असर बाघों की वंश वृद्धि पर पड़ रहा है. सरिस्का में बसे 24 गांवों का विस्थापन जल्द हो सके, तो यहां बाघों की संख्या बढ़ाना आसान होगा.

पढ़ें: आबाद सरिस्का के लिए विस्थापन जरूरी, राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव - Displacement Necessary For Sariska

बाघ संरक्षण प्लान का कार्य चल रहा: सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह ने बताया कि बाघ संरक्षण प्लान का कार्य चल रहा है. दिल्ली की संस्था की दो बार सरिस्का में विजिट हो चुकी है. उन्होंने जरूरी डेटा और जानकारी यहां से ले ली है. इसके आधार पर संस्था की ओर से नक्शे तैयार किए जा रहे हैं. यह बाघ संरक्षण प्लान फरवरी-मार्च 2025 में तैयार होकर सरिस्का को मिल जाएगा. इसके बाद प्लान के अप्रूवल की कार्रवाई होगी.

पढ़ें: सरिस्का विस्थापन के नाम पर 13 लोगों ने फर्जी तरीके से उठाया लाभ, जांच करने पहुंची टीम

भारतीय वन्यजीव संस्थान के सर्वे के अनुसार बाघों के रहने की जगह 50 से 60 के बीच बताई गई थी. इसमें सबसे बड़ी समस्या सरिस्का में बसे 24 गांव का विस्थापन नहीं हो पाना है. उन्होंने कहा कि गांवों का विस्थापन हो जाए, तो सरिस्का में 60 से अधिक बाघ रह सकते हैं. गांवों के सरिस्का के अंदर बसे होने एवं चराई के कारण बाघ वहां नहीं जाते, जिससे वह क्षेत्र बाघों के काम में नहीं आ पाता. सीसीएफ ने कहा कि सरिस्का प्रशासन गांवों के विस्थापन पर जोर दे रहा है, जिससे बाघों के रहने की जगह बढ़ जाएगी और यहां बाघ संरक्षण प्लान लागू करने में आसानी होगी.

अलवर: सरिस्का प्रशासन का जोर आगामी 10 सालों में बाघों की संख्या बढ़ाने पर है, लेकिन सरिस्का बाघ अभयारण्य में बसे गांवों के विस्थापन की धीमी चाल इसमें रोडा साबित हो सकती है. अभी सरिस्का से 24 गांवों का विस्थापन होना शेष है. ऐसे में मानवीय दखल के चलते बाघों की संख्या बढ़ाना आसान नहीं है.

बाघ संरक्षण के लिए 24 गांवों का विस्थापन है अभी बाकी (ETV Bharat Alwar)

सरिस्का में अभी 43 बाघ एवं शावक हैं. यहां बाघों की संख्या और बढ़ाने के लिए सरिस्का प्रशासन की ओर से बाघ संरक्षण प्लान तैयार कराया जा रहा है. इस प्लान में सरिस्का बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा करने पर जोर दिया गया है. सरिस्का में बाघ संरक्षण प्लान का कार्य ग्लोबल टाइगर फोरम (जीटीएफ) को सौंपा गया है. जीटीएफ के सदस्य सरिस्का टाइगर रिजर्व का भ्रमण कर यहां की भौगोलिक परिस्थिति, वन्यजीवों की मूलभूत सुविधाएं सहित अन्य पहलुओं का अध्ययन कर आगामी छह माह में बाघ संरक्षण प्लान तैयार कर सरिस्का प्रशासन को सौंपेंगे. बाद में यह बाघ संरक्षण प्लान अनुमोदन के केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा. वहां से अनुमति मिलने पर आगामी वर्ष 2025 में इस बाघ संरक्षण प्लान पर सरिस्का में कार्य शुरू हो सकेगा.

पढ़ें: Sariska Tiger Reserve: 14 साल के बराबर डेढ़ साल में खाली हुए सरिस्का के कोर एरिया में बसे गांव, अभी भी 4 गांवों का विस्थापन बाकी

बाघों के लिए मानवीय दखल कम करना जरूरी: बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए सरिस्का जंगल में मानवीय दखल कम करना जरूरी है. इसके लिए सरिस्का में बसे गांवों का जंगल से बाहर विस्थापन जरूरी है. लेकिन गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया धीमी होने से बाघ संरक्षण प्लान को लागू कर पाना आसान नहीं है. कारण है कि सरिस्का में 29 गांव बसे हैं, सरिस्का प्रशासन इनमें से अभी 5 गांवों का ही पूर्ण रूप से विस्थापन करा पाया है. यानी अभी सरिस्का टाइगर रिजर्व से 24 गांवों का विस्थापन कराया जाना शेष है. सरिस्का के जंगल में इतनी बड़ी संख्या में गांवों के बसे होने से मानवीय दखल ज्यादा है. इसका सीधा असर बाघों की वंश वृद्धि पर पड़ रहा है. सरिस्का में बसे 24 गांवों का विस्थापन जल्द हो सके, तो यहां बाघों की संख्या बढ़ाना आसान होगा.

पढ़ें: आबाद सरिस्का के लिए विस्थापन जरूरी, राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव - Displacement Necessary For Sariska

बाघ संरक्षण प्लान का कार्य चल रहा: सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह ने बताया कि बाघ संरक्षण प्लान का कार्य चल रहा है. दिल्ली की संस्था की दो बार सरिस्का में विजिट हो चुकी है. उन्होंने जरूरी डेटा और जानकारी यहां से ले ली है. इसके आधार पर संस्था की ओर से नक्शे तैयार किए जा रहे हैं. यह बाघ संरक्षण प्लान फरवरी-मार्च 2025 में तैयार होकर सरिस्का को मिल जाएगा. इसके बाद प्लान के अप्रूवल की कार्रवाई होगी.

पढ़ें: सरिस्का विस्थापन के नाम पर 13 लोगों ने फर्जी तरीके से उठाया लाभ, जांच करने पहुंची टीम

भारतीय वन्यजीव संस्थान के सर्वे के अनुसार बाघों के रहने की जगह 50 से 60 के बीच बताई गई थी. इसमें सबसे बड़ी समस्या सरिस्का में बसे 24 गांव का विस्थापन नहीं हो पाना है. उन्होंने कहा कि गांवों का विस्थापन हो जाए, तो सरिस्का में 60 से अधिक बाघ रह सकते हैं. गांवों के सरिस्का के अंदर बसे होने एवं चराई के कारण बाघ वहां नहीं जाते, जिससे वह क्षेत्र बाघों के काम में नहीं आ पाता. सीसीएफ ने कहा कि सरिस्का प्रशासन गांवों के विस्थापन पर जोर दे रहा है, जिससे बाघों के रहने की जगह बढ़ जाएगी और यहां बाघ संरक्षण प्लान लागू करने में आसानी होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.