नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में गुरुवार को सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज (सीएचएस) की जनरल बॉडी मीटिंग (जीबीएम) के दौरान कुछ छात्रों ने रणवीर सेवा के संस्थापक रहे ब्रह्मेश्वर मुखिया जिंदाबाद के नारे लगाए. इसके साथ ही उन्होंने जमकर हंगामा किया. बिहार में ब्रह्मेश्वर मुखिया पर अपने गांव में खून-खराबा करने का आरोप लगा था. दरअसल, जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. इसके अंतर्गत जेएनयू के सभी स्कूलों में जीबीएम कराई जा रही है, जिसके माध्यम से हर स्कूल से चुनाव समिति के सदस्य चुने जा रहे हैं.
गुरुवार तक जेएनयू के आठ स्कूलों की जनरल बॉडी मीटिंग कराई जा चुकी है. इसके माध्यम से चुनाव समिति के सदस्यों का चयन हो चुका है. अब शुक्रवार को कई अन्य स्कूलों की भी जीबीएम प्रस्तावित है, जिसमें चुनाव समिति के सदस्यों का चयन किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि जेएनयू विवादित नारे लगाए जाने और दीवारों पर विवादित स्लोगन लिखने के लिए हमेशा से ही चर्चा में रहा है. जेएनयू में विवादित नारे लगाए जाने या किसी संगठन उसके मुखिया के लिए नारे लगाए जाना कोई नई बात नहीं है. जेएनयू में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं. अभी करीब दो सप्ताह पहले, यूजीबीएम की मीटिंग के दौरान भी दो छात्र समूह में जमकर झड़प और मारपीट की भी खबर सामने आई थी, जिसमें कई छात्र घायल हुए थे.
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गौरतलब है कि जेएनयूएसयू में छात्रसंघ के चुनाव की प्रक्रिया काफी जटिल है. यहां पर सभी स्कूलों से एक-एक चुनाव समिति का सदस्य चुना जाता है, फिर उन सदस्यों में एक चुनाव अधिकारी बनाया जाता है, जो चुनाव की तारीखों की घोषणा करता है. इसमें नामांकन की तारीख, नाम वापसी, वोटिंग की तारीख, काउंसलर के चुनाव की तारीख शामिल होती है. जेएनयू छात्रसंघ के चुनाव में मुख्य मुकाबला एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठनों के बीच ही रहता है.
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