रांची: सहायक पुलिसकर्मियों के अनिश्चितकालीन आंदोलन को समाप्त कराने के लिए आज सरकार की ओर से पहल शुरू की गई. सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और सीपीआई माले के छह विधायक सर्किट हाउस में आंदोलित सहायक पुलिसकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता कर रहे हैं. सहायक पुलिसकर्मियों से वार्ता करने से पहले सत्ताधारी दलों के इन छह विधायकों ने राज्य के गृह सचिव वंदना दादेल डीजीपी अजय कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में आंदोलन पुलिसकर्मियों के साथ पूर्व में हुई वार्ता और उनकी मांगों की जानकारी विधायकों ने ली.
आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों के साथ विधायकों की वार्ता से पहले डीजीपी अजय कुमार सिंह ने मीडिया से कहा कि उन्होंने अब तक सहायक पुलिस कर्मियों से हुई पूरी वार्ता की जानकारी माननीय विधायकों को दे दी है जिसमें मानदेय वृद्धि से लेकर समायोजन तक की बात शामिल है.
गैंगस्टर अमन साहू को गिरिडीह से चाईबासा शिफ्ट करने को लेकर पूछे गए सवाल पर डीजीपी ने कहा कि सुरक्षा कारणों से यह कदम उठाया गया है. वहीं डीजीपी ने स्पष्ट किया कि देवघर श्रावणी मेले को लेकर सुरक्षा के सभी इंतजाम पुख्ता किए गए हैं और कहीं कोई दिक्कत श्रद्धालुओं को न हो इसकी पूरी व्यवस्था की गई है.
ये विधायक हैं सहायक पुलिसकर्मियों के साथ वार्ता में शामिल
झारखंड मुक्ति मोर्चा से पूर्व मंत्री और विधायक मथुरा महतो, विधायक सुदिव्य कुमार, सुखराम उरांव, कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोंगारी और सीपीआई माले के विधायक विनोद कुमार सिंह शामिल हैं.
ये है सहायक पुलिसकर्मियों की मुख्य मांगें
2017 में पूर्व की रघुवर दास सरकार में राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में पुलिस की सहायता के लिए अनुबंध पर 2500 सहायक पुलिस कर्मियों की नियुक्ति 10 हजार मासिक मानदेय पर की गई थी. अब सहायक पुलिसकर्मी मानदेय वृद्धि, पुलिसकर्मियों की तरह सुविधाएं देने, नई बहाली में समायोजन और लॉन्ग टर्म के लिए अनुबंध शामिल है.
मुख्यमंत्री आवास घेराव के समय सहायक पुलिसकर्मियों पर हुआ था लाठीचार्ज
पिछले शुक्रवार को आंदोलित सहायक पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गए थे, तब विधि व्यवस्था बहाल रखने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज तक करना पड़ा था. विपक्षी दल भाजपा ने इसे मुद्दा बनाना है.
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