सिवानः यूपी पुलिस ने सिवान में चल रहे जाली स्टांप गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में पुलिस ने आरोपी नाना और उसके नाती को गिरफ्तार किया है. बताया जाता है कि सिवान में नॉन-ज्यूडिशियरी स्टांप छापकर अलग-अलग राज्यों में खपाया जाता था, जिससे यूपी सहित कई राज्यों को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा था. पुलिस ने छापेमारी के दौरान एक करोड़ रुपये से अधिक के जाली स्टांप भी जब्त किए.
गोरखपुर के कचहरी में पकड़े गये थे स्टांपः जाली स्टांप के धंधे का मामला तब सामने आया जब 10 जनवरी 2024 को 50 हजार के जाली स्टाम्प गोरखपुर कचहरी से पकड़े गए थे. जिसको लेकर गोरखपुर कैंट थाने में केस दर्ज हुआ था. इस मामले में गोरखपुर एसएसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई की निगरानी में एसआईटी का गठन कर जांच शुरू की गयी.
19 जनवरी को पहली गिरफ्तारीः एसआईटी ने 19 जनवरी को गोरखपुर में स्टाम्प वेंडर रविदत्त मिश्र को गिरफ्तार किया, जिसने पूछताछ में जाली स्टांप के गिरोह के बारे में कई अहम जानकारियां दींं. जिसके आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सिवान में छापेमारी की और इस धंधे के मास्टरमाइंड 84 साल के मो. कमरुद्दीन और उसके नाती साहेबजादे को गिरफ्तार कर लिया. जांच में पता चला कि आरोपी साहेबजादे ने स्टांप के सिक्योरिटी फीचर पर आधारित कोर्स भी किया है.
1 करोड़ से अधिक के स्टांप जब्तः गोरखपुर के एसएसपी डॉ. गौरव ने बताया कि इस मामले में एसआईटी ने सिवान से दो सप्लायर और दूसरे जिलों से 5 वेंडरों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने अभी तक 1 करोड़ 52 हजार 30 रुपये के जाली स्टांप सहित प्रिंटिग से संबंधित कई सामान भी जब्त किए हैं. गिरफ्तार किए गये कमरुद्दीन और उसके नाती सिवान के मुफस्सिल थाना इलाके के नई बस्ती के रहनेवाले हैं.