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बस्तर केंद्रीय जेल में मनाया रक्षाबंधन, राखी बांधकर बहनों ने भाइयों से अपराध न करने का लिया वचन - Raksha Bandhan

कोरोना के बाद पहली बार बस्तर में रक्षाबंधन का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. बस्तर के केंद्रीय जेल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कैदी भाईयों की कलाई पर बहनों ने राखी बांधकर उनकी सुरक्षा की कामना की. नक्सल प्रभावित इलाकों के साथ दूसरे जिलों से भी बड़ी संख्या में बहनें बस्तर के केंद्रीय जेल पहुंची हैं. इस दौरान जेल प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम भी कर रखे थे.

RAKSHA BANDHAN
रक्षाबंधन त्योहार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 19, 2024, 9:33 PM IST

बस्तर केंद्रीय जेल में मनाया गया रक्षाबंधन त्यौहार (ETV Bharat)

जगदलपुर : बस्तर के केंद्रीय जेल में कोरोना काल के बाद यह पहली बार बंद कैदियों को बहनों ने राखी बांधी है. नक्सल प्रभावित इलाकों से बहनें अपने कैदी भाइयों को राखी बांधने पहुंची हैं. बहनों ने राखी बांधने के साथ भाईयों की जल्द रिहाई की दुआ मांगी. इस दौरान रक्षाबंधन का त्यौहार जेल में मनाने का अफसोस सजा काट रहे भाईयों की आंखो में साफ दिखाई दे रहा था. इस दौरान जेल प्रशासन ने बहनों के लिए जेल में अतिरिक्त इतंजाम भी किये थे.

कैदियों को जेल में रक्षाबंधन मनाने का अफसोस : कैदी पीयूष मिश्रा ने बताया, "करीब 5-6 सालों से अपने गुनाह की सजा काट रहे हैं. इतने सालों से अपने परिवार से दूर हैं. आज परिवार के लोग और बहनें राखी बांधने आई है तो अच्छा लगा. लेकिन जेल जैसे क्षेत्र में परिवार का आना ठीक नहीं लगता. इन सालों में अपने गुनाह का अफसोस हो रहा है. अब दुबारा गलती नहीं करने की ठानी है. जल्द से जल्द छूट कर घर परिवार के साथ समय बिताने की इच्छा है."

"पिछले 6 साल 6 महीने और 14 दिन से जेल में हूं. कोरोना के कारण पिछले कई सालों से राखी नहीं बंधाई थी. इस साल राखी बांधने कैदी भाइयों की बहनें आई हैं तो अच्छा लग रहा है. लेकिन जेल में राखी बंधा रहे हैं, इसीलिए अच्छा नहीं लग रहा है. इतने सालों में काफी अफसोस हो रहा है. सभी निकले और दुबारा गलती नहीं करें, अब यही दुआ है." - नीलेश नेताम, कैदी

बहनों ने भाई से गलत काम छोड़ने का लिया वादा : एक कैदी की बहन रेखा उपाध्याय ने बताया, "केंद्रीय जेल में छोटा भाई है, जिसे राखी बांधने आए हैं. इससे पहले घर-परिवार में बैठकर उत्साह के साथ राखी का त्यौहार मनाते आये हैं. लेकिन अब जेल में राखी बांध रहे हैं, इसीलिए बहुत बुरा लग रहा है. अच्छी बात यह है कि जेल विभाग ने आज भाई-बहन को फेस टू फेस मिलने का मौका दिया. पहले बाहर से ही राखी देकर चले जाते थे."

"कोई भी ऐसी गलती न करें, जिसके कारण उन्हें जेल में आना पड़े. चाहे वो किसी का भाई, पिता, बेटा, बहन हो. सभी गलत कार्यों से दूर रहें. मैंने अपने भाई से भी वादा लिया है कि दोबारा कोई ऐसी गलती नहीं करे, जिसकी वजह से उसे दोबारा जेल जाना पड़े." - रेखा उपाध्याय, कैदी की बहन

"भाई लड़की के केस में रिमांड पर पिछले 1 डेढ़ साल से जेल में है. पिछले साल जानकारी नहीं होने के कारण नहीं बांधे, लेकिन इस साल अच्छा लग रहा है कि जेल में बांधने और मिलने का अवसर मिला. गलती इंसान से होती है, जिसका अफसोस भी भाई को है. इसे अब बदल नहीं सकते हैं, लेकिन दुआ है कि जल्द से जल्द भाई जेल से छूट जाए." - अंजना मंडावी, कैदी की बहन

केंद्रीय जेल में रक्षाबंधन के लिए विशेष इंतेजाम : केंद्रीय जेल बस्तर के जेल अधीक्षक आर.आर. राय ने बताया, "पिछले सालों में महामारी होने के कारण राखी बांधने की सुविधा को बंद किया गया था. अब स्थित सामान्य होने के बाद जेल विभाग ने निर्णय लिया कि जितने भी जेल में कैदी बंद हैं, यदि उनकी बहनें राखी बांधने आ रही हैं तो उनके लिए सुविधा की जाए. ताकि बहन आमने-सामने बैठकर भाइयों के कलाई में राखी बांध सके."

जगदलपुर स्थित केंद्रीय जेल में दूर दूर से आई बहनों ने अपने कैदी भाइयों को आमने-सामने बैठकर राखी बांधा और उनके लिए प्रार्थना की. रक्षाबंधन के लिए जेल में अलग-अलग व्यवस्थाएं भी की गई. बारिश से बचने के पंडाल लगाए गए और सुरक्षात्मक नजरिए से जवानों की तैनाती भी की गई. व

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कैदियों को जेल में रक्षाबंधन मनाने का अफसोस : कैदी पीयूष मिश्रा ने बताया, "करीब 5-6 सालों से अपने गुनाह की सजा काट रहे हैं. इतने सालों से अपने परिवार से दूर हैं. आज परिवार के लोग और बहनें राखी बांधने आई है तो अच्छा लगा. लेकिन जेल जैसे क्षेत्र में परिवार का आना ठीक नहीं लगता. इन सालों में अपने गुनाह का अफसोस हो रहा है. अब दुबारा गलती नहीं करने की ठानी है. जल्द से जल्द छूट कर घर परिवार के साथ समय बिताने की इच्छा है."

"पिछले 6 साल 6 महीने और 14 दिन से जेल में हूं. कोरोना के कारण पिछले कई सालों से राखी नहीं बंधाई थी. इस साल राखी बांधने कैदी भाइयों की बहनें आई हैं तो अच्छा लग रहा है. लेकिन जेल में राखी बंधा रहे हैं, इसीलिए अच्छा नहीं लग रहा है. इतने सालों में काफी अफसोस हो रहा है. सभी निकले और दुबारा गलती नहीं करें, अब यही दुआ है." - नीलेश नेताम, कैदी

बहनों ने भाई से गलत काम छोड़ने का लिया वादा : एक कैदी की बहन रेखा उपाध्याय ने बताया, "केंद्रीय जेल में छोटा भाई है, जिसे राखी बांधने आए हैं. इससे पहले घर-परिवार में बैठकर उत्साह के साथ राखी का त्यौहार मनाते आये हैं. लेकिन अब जेल में राखी बांध रहे हैं, इसीलिए बहुत बुरा लग रहा है. अच्छी बात यह है कि जेल विभाग ने आज भाई-बहन को फेस टू फेस मिलने का मौका दिया. पहले बाहर से ही राखी देकर चले जाते थे."

"कोई भी ऐसी गलती न करें, जिसके कारण उन्हें जेल में आना पड़े. चाहे वो किसी का भाई, पिता, बेटा, बहन हो. सभी गलत कार्यों से दूर रहें. मैंने अपने भाई से भी वादा लिया है कि दोबारा कोई ऐसी गलती नहीं करे, जिसकी वजह से उसे दोबारा जेल जाना पड़े." - रेखा उपाध्याय, कैदी की बहन

"भाई लड़की के केस में रिमांड पर पिछले 1 डेढ़ साल से जेल में है. पिछले साल जानकारी नहीं होने के कारण नहीं बांधे, लेकिन इस साल अच्छा लग रहा है कि जेल में बांधने और मिलने का अवसर मिला. गलती इंसान से होती है, जिसका अफसोस भी भाई को है. इसे अब बदल नहीं सकते हैं, लेकिन दुआ है कि जल्द से जल्द भाई जेल से छूट जाए." - अंजना मंडावी, कैदी की बहन

केंद्रीय जेल में रक्षाबंधन के लिए विशेष इंतेजाम : केंद्रीय जेल बस्तर के जेल अधीक्षक आर.आर. राय ने बताया, "पिछले सालों में महामारी होने के कारण राखी बांधने की सुविधा को बंद किया गया था. अब स्थित सामान्य होने के बाद जेल विभाग ने निर्णय लिया कि जितने भी जेल में कैदी बंद हैं, यदि उनकी बहनें राखी बांधने आ रही हैं तो उनके लिए सुविधा की जाए. ताकि बहन आमने-सामने बैठकर भाइयों के कलाई में राखी बांध सके."

जगदलपुर स्थित केंद्रीय जेल में दूर दूर से आई बहनों ने अपने कैदी भाइयों को आमने-सामने बैठकर राखी बांधा और उनके लिए प्रार्थना की. रक्षाबंधन के लिए जेल में अलग-अलग व्यवस्थाएं भी की गई. बारिश से बचने के पंडाल लगाए गए और सुरक्षात्मक नजरिए से जवानों की तैनाती भी की गई. व

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