सिरसा: हुड्डा सेक्टर 19 निवासी पवन कुमार से साइबर ठगी के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने पवन कुमार को जल्द अमीर बनने का सपना दिखाकर 5 लाख 84 हजार रुपये ठगे थे. आरोपियों ने पवन से प्रॉफिट के लिए 11 लाख रुपये और लेने की मांग की थी. जब पवन इतनी राशि जमा नहीं करवा पाया, तो उसने अपने 5 लाख 84 हजार रुपये वापस लेना चाहे, लेकिन साइबर ठगों ने ये राशि वापस देने से इंकार कर दिया.
सिरसा में युवक से ऑनलाइन ठगी: इसके बाद पवन ने सिरसा साइबर पुलिस को शिकायत देकर मामला दर्ज करवाया. फरवरी महीने में पुलिस को शिकायत मिली थी. मामले में पुलिस ने एक आरोपी को राजस्थान के नागौर से गिरफ्तार किया है. आरोपी ने पुलिस पूछताछ में गिरोह में शामिल दो अन्य लोगों के नाम बताए हैं. पुलिस का दावा है कि जल्द ही दोनों आरोपियों को काबू किया जाएगा.
साइबर ठगों ने दिया था प्रॉफिट का लालच: साइबर थाना इंचार्ज जसवीर सिंह ने बताया कि साइबर ठगों ने टेलीग्राम ग्रुप में पवन को जोड़ा था. इसके बाद सोशल साइट के जरिए पवन ने कुछ समय के अंतराल में 5 लाख 84 हजार रुपये जमा करवा दिए. शुरुआत में पवन को प्रोफिट के रूप में रुपये दिए गए. यहां से उसका लालच बढ़ गया. इसके बाद ठगों ने 11 लाख रुपये और जमा करवाने की डिमांड रखी.
युवक से 5 लाख 84 ह जार रुपये की ठगी: जब युवक ने 11 लाख रुपये और जमा करवाने में असमर्थता जताई तो ठगों ने 5 लाख 84 हजार रुपये भी वापिस करने से इंकार कर दिया. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की. पुलिस ने मामले में जितेंद्र नाम के आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया. दो अन्य आरोपियों की भी पहचान कर ली गई है. जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा.
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार: साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन प्रभारी इंस्पेक्टर जसवीर सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान जितेंद्र कुमार के रूप में हुई है. जो गांव गोटन जिला नागौर राजस्थान का रहने वाला है. पुलिस ने आरोपी को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है. रिमांड अवधि के दौरान उसके दो अन्य साथियों की भी पहचान कर ली गई है. जिनको भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.
दो अन्य आरोपियों की भी हुई पहचान: थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों ने टास्क पूरा करने के नाम पर पहले और दूसरे दिन करीब 7 हजार रुपये पवन कुमार के बैंक खाते में डाले. जिसके बाद पवन कुमार लालच में आ गया. उसने 2 फरवरी से लेकर 5 फरवरी के बीच करीब 584269 रुपये आरोपियों के बताए गए अलग-अलग बैंक खातों में डाल दिए. जब पवन को ठगी का अहसास हुआ तो उसने सूचना पुलिस को दी.