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मुझे इच्छामृत्यु चाहिए! महिला ने मोहन यादव और राज्यपाल के नाम दी चिट्टी - SINGRAULI WOMAN DEMANDS WISH DEATH

सिंगरौली में न्याय के लिए 9 सालों से भटक रही महिला ने रिश्तेदारों पर जमीन कब्जाने का लगाया आरोप.

SINGRAULI WOMAN DEMOND WISH DEATH
अब मुझे नहीं जीना इच्छामृत्यु दे दो (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 27, 2024, 1:38 PM IST

सिंगरौली: जिले से मंगलवार को एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. कलेक्टर द्वारा की जा रही जनसुनवाई में एक महिला पहुंची और उसने मुख्यमंत्री मोहन यादव और राज्यपाल मंगू भाई पटेल के नाम आवेदन कर इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई. साथ ही महिला ने सिंगरौली जिला प्रशासन पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं. महिला ने कहा कि 9 वर्षों से न्याय के लिए संघर्ष कर रही है और आज तक न्याय नहीं मिल पाया. उसने गुहार लगाते हुए कहा कि भूखे प्यासे या अन्य लोगों के हाथों मारे जाने से अच्छा है सरकार की अनुमति से मरे.

महिला को अब तक नहीं मिला न्याय

सिंगरौली जिले के ग्राम छतौली निवासी महिला पानमती पांडे न्याय के लिए 9 वर्ष से संघर्ष कर रही है. उन्हें आज तक न्याय नहीं मिल पाया है. महिला का कहना है कि वो अफसरों और दफ्तरों के चक्कर काट-काट कर थक गई हैं, लेकिन अब तक न्याय नहीं मिल पाया है. महिला का आरोप है कि पिता से मिली भूमि पर उसके रिश्तेदारों द्वारा कब्जा कर लिया गया है. महिला ने कहा, '' मेरे पिता को लगभग 45 वर्ष पूर्व चाचा ने रजिस्टर्ड दान पत्र के माध्यम से भूमि दी थी, लेकिन पिता की मृत्यु के बाद रिश्तेदारों ने दबंगई और बाहुबल का प्रयोग करके भूमि पर कब्जा कर लिया."

Relatives captured woman land
पत्र के माध्यम से मांगी इच्छा मृत्यु (ETV Bharat)

कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं मिली जमीन

महिला ने बताया कि न्यायालय में मुकदमा दायर किया था. जिसमें तहसील न्यायालय से लेकर उच्च न्यायालय जबलपुर तक सभी न्यायालयों ने उनके पक्ष में आदेश सुनाया है, लेकिन स्थानीय जिला प्रशासन ने 9 वर्षों से आदेशों का पालन नहीं करवा पाई है. महिला ने आरोप लगाते हुए कहा है कि "उनके रिश्तेदारों के दबाव में स्थानीय पुलिस, एसडीएम, तहसीलदार, हल्का पटवारी, राजस्व निरीक्षक आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं."

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान महिला ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम आवेदन देकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी थी. जिस पर कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को जांच के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने पीड़ित महिला को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही मामले की निष्पक्ष जांच कर उसे न्याय दिलाया जाएगा.

सिंगरौली: जिले से मंगलवार को एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. कलेक्टर द्वारा की जा रही जनसुनवाई में एक महिला पहुंची और उसने मुख्यमंत्री मोहन यादव और राज्यपाल मंगू भाई पटेल के नाम आवेदन कर इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई. साथ ही महिला ने सिंगरौली जिला प्रशासन पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं. महिला ने कहा कि 9 वर्षों से न्याय के लिए संघर्ष कर रही है और आज तक न्याय नहीं मिल पाया. उसने गुहार लगाते हुए कहा कि भूखे प्यासे या अन्य लोगों के हाथों मारे जाने से अच्छा है सरकार की अनुमति से मरे.

महिला को अब तक नहीं मिला न्याय

सिंगरौली जिले के ग्राम छतौली निवासी महिला पानमती पांडे न्याय के लिए 9 वर्ष से संघर्ष कर रही है. उन्हें आज तक न्याय नहीं मिल पाया है. महिला का कहना है कि वो अफसरों और दफ्तरों के चक्कर काट-काट कर थक गई हैं, लेकिन अब तक न्याय नहीं मिल पाया है. महिला का आरोप है कि पिता से मिली भूमि पर उसके रिश्तेदारों द्वारा कब्जा कर लिया गया है. महिला ने कहा, '' मेरे पिता को लगभग 45 वर्ष पूर्व चाचा ने रजिस्टर्ड दान पत्र के माध्यम से भूमि दी थी, लेकिन पिता की मृत्यु के बाद रिश्तेदारों ने दबंगई और बाहुबल का प्रयोग करके भूमि पर कब्जा कर लिया."

Relatives captured woman land
पत्र के माध्यम से मांगी इच्छा मृत्यु (ETV Bharat)

कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं मिली जमीन

महिला ने बताया कि न्यायालय में मुकदमा दायर किया था. जिसमें तहसील न्यायालय से लेकर उच्च न्यायालय जबलपुर तक सभी न्यायालयों ने उनके पक्ष में आदेश सुनाया है, लेकिन स्थानीय जिला प्रशासन ने 9 वर्षों से आदेशों का पालन नहीं करवा पाई है. महिला ने आरोप लगाते हुए कहा है कि "उनके रिश्तेदारों के दबाव में स्थानीय पुलिस, एसडीएम, तहसीलदार, हल्का पटवारी, राजस्व निरीक्षक आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं."

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान महिला ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम आवेदन देकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी थी. जिस पर कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को जांच के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने पीड़ित महिला को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही मामले की निष्पक्ष जांच कर उसे न्याय दिलाया जाएगा.

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