सिंगरौली। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक ग्राम पंचायत के सचिव की लापरवाही की वजह से एक छात्र खुद को जिंदा साबित करने के लिए और अपनी पढ़ाई के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. छात्र और उसके परिजन बीते दो सालों से स्कूल में दाखिला पाने के लिए भटक रहे हैं, लेकिन स्कूल वाले यह कह देते हैं कि छात्र को मृत दिखा दिया गया है. जिला कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा कि पंचायत सचिव पर कार्रवाई हो रही है.
एडमिशन के लिए भटक रहा है छात्र
ये मामला देवसर जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत जोबगढ़ का है. जहां के छात्र जयंतीलाल विश्वकर्मा जिसकी उम्र 16 वर्ष है. छात्र सीएम राइज स्कूल बरगवां में पढ़ाई करता था. लेकिन ग्राम पंचायत सचिव ने 1 नवंबर 2022 को पंचायत पोर्टल पर उसे मृत दर्शा दिया. अब परिजनों का आरोप है कि समग्र आईडी में मृत दर्शाने के बाद नवमी का छात्र दसवीं में एडमिशन पाने के लिए भटक रहा है. पिछले दो वर्षों से छात्र की पढ़ाई रुकी हुई है और कहीं भी एडमिशन नहीं मिल पा रहा. परिजनों का कहना है कि कई बार जिला कलेक्टर कार्यालय व कई अन्य स्थान पर शिकायत करने के बावजूद लापरवाह सचिव पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
शिकायत करने पर नहीं हो रही कार्रवाई
वहीं परेशान छात्र के पिता अरुण कुमार विश्वकर्मा ने कहा, ''ग्राम पंचायत के सचिव ने लापरवाही पूर्वक 2 वर्ष पहले समग्र आईडी से नाम काट दिया, जिसकी वजह से पिछले 2 वर्ष से मेरे बच्चे की पढ़ाई रुक गई है और उसके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. कई जगह शिकायत करने के बावजूद दोषी पर कार्रवाई भी नहीं हुई और ना ही समग्र आईडी में नाम जोड़ा गया. दर-दर भटककर और हर जगह शिकायत कर अब हम थक चुके हैं, लेकिन अब तक न्याय नहीं मिला और बच्चे का भविष्य दाव पर लगा है.'' फिर छात्र के पिता ने कलेक्टर से दोषियों पर कार्रवाई और छात्र के एडमिशन और पढ़ाई के लिए न्याय की गुहार लगाई है.
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इस पूरे मामले पर सिंगरौली कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला ने बताया कि ''मामला संज्ञान में आया है, छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा. पंचायत सचिव पर कार्रवाई हो रही है.''