धनबादः पुनर्वास और रोजगार की समस्या को लेकर सिंदरी बस्ती के लोगों ने वोट बहिष्कार करने का ऐलान किया है. बस्ती के हजारों लोगों ने एक जगह एकत्रित होकर जमकर प्रर्दशन किया. स्थानीय लोगों का कहना है कि पूर्व में एफसीआई कारखाना खोलने के नाम पर करीब 25 मौजा जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन आज तक रैयत भटक रहे हैं. जिनकी आंशिक जमीन थी उन लोगों को मुआवजा मिला, लेकिन जिनकी पूरी जमीन चली गई वह आज भी भटक रहे हैं और भूमिहीन होकर बंजारों की तरह जिंदगी जीने को मजबूर हैं.
सिंदरी बस्ती के लोगों ने किया वोट बहिष्कार का ऐलान
सिंदरी बस्ती के लोगों का कहना है कि एफसीआई के लिए जरूरत से ज्यादा जमीन अधिग्रहण की गई. भू अर्जन के नियम के अनुसार उपयोग में नहीं लाई गई जमीन रैयतों को वापस नहीं की गई. वहीं खुद के नाम से जमीन का कागजात नहीं रहने के कारण लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं. बस्ती के लोग सरकारी कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं. जाति और आवासीय प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज बनाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर लगाया उपेक्षा का आरोप
इस दौरान सिंदरी बस्ती के लोगों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. स्थानीय लोगों ने कहा कि आजादी के बाद से आज तक एक भी गरीब को सरकारी आवास नहीं मिला और न ही बस्ती में पेयजल की सुविधा है. हालत यह है कि रोजगार के लिए स्थानीय युवाओं को बाहर जाना पड़ता है. जाति और आवासीय प्रमाण पत्र बनाने के लिए लोगों के जूते-चप्पल तक घिस जाते हैं.
सिंदरी एफसीआई के विस्थापितों ने किया प्रदर्शन
स्थानीय लोगों ने कहा कि हम आजाद देश के गुलाम नागरिक की तरह जीवन जी रहे हैं. चुनाव के समय जनप्रतिनिधि आते हैं और समस्या समाधान का वादा कर के चले जाते हैं. उसके बाद कभी भी कोई नहीं आता है. पूर्व के चुनावों में बस्ती के लोगों ने बढ़-चढ़कर मतदान भी किया था. लेकिन अब तक हमारी समस्या का समाधान नहीं किया गया. लोगों ने कहा कि हमारी समस्या के प्रति न तो प्रशासन और न ही सरकार गंभीर है. इसीलिए हमलोगों ने इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने का निर्णय लिया है.
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