सिमडेगा: एक बार फिर पेट की आग बुझाने परदेस गये युवक की मौत से एक घर का बुझ चिराग गया. अपने घर की दहलीज को छोड़ परदेस गए मजदूर ने बीमारी के कारण अपने परिजनों का साथ छोड़ गया. बेरोजगारी और परिवार की जरूरत को पूरा करने के लिए कर्नाटक गये जलडेगा प्रखंड के टिनगिना गांव निवासी मांगनू साय (पिता- कृष्णा साय, उम्र 25 वर्ष) की कर्नाटक में मौत हो गयी. लेकिन बेबसी ऐसी है कि परिजनों के पास अपने बच्चे के शव को लाने तक के पैसे नहीं है. बीते 5 दिनों से उसका शव अजरगढ़ सरकारी अस्पताल में रखा हुआ है. शव को गांव पहुंचाने के लिए एक लाख 20 हजार रुपये अस्पताल की ओर से मांगे गये हैं.
.@dc_simdega कृपया मामले की जांच कर दिवगंत मांगनू जी के पार्थिव शरीर को उनके घर पहुंचाने हेतु उचित कार्रवाई कर सूचित करें। साथ ही सुनिश्चित करें कि परिवार को सभी जरूरी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा हो। @BhoktaSatyanand@migrantcell_JH https://t.co/NHuRidNLR3
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 12, 2024
मामले में सीएम ने लिया संज्ञान
मांगनू साय के परिवार की माली हालत इतनी खराब है कि अपनी सारी जमीनों को बेचकर परिजन बस 30 हजार की रकम ही जमा कर सके हैं. जबकि अजरगढ़ सरकारी अस्पताल से शव को गांव पहुंचने के लिए एक लाख 20 रुपए की मांग की जा रही है. इस मामले पर समाजसेवी कुणाल झारखंडी द्वारा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी गई है. इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने मामले पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त सिमडेगा को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है. साथ ही परिवार को सभी जरूरी सरकारी योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं.
डीसी ने दिया आश्वासन
इस मामले को लेकर सिमडेगा डीसी ने संज्ञान लिया है. जिसपर उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर सीएम द्वारा किए गये पोस्ट के जवाब में लिखा है कि 'महोदय, दिवंगत मांगनू जी के पार्थिव शरीर को लाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करते हुए श्रम विभागीय योजनान्तर्गत आश्रित को तत्काल पचास हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराई जा रही है. उनके परिवार को अन्य देय योजनाओं का लाभ यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाएगा'.
महोदय, दिवंगत मांगनू जी के पार्थिव शरीर को लाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करते हुए श्रम विभागीय योजनान्तर्गत आश्रित को तत्काल पचास हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराई जा रही है। उनके परिवार को अन्य देय योजनाओं का लाभ यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाएगा। सादर@HemantSorenJMM @JharkhandCMO https://t.co/yKfnoN3AS7
— DC SIMDEGA (@dc_simdega) September 12, 2024
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार मांगनू साय करीब दो माह पूर्व रोजगार की तलाश में परदेस गया हुआ था. कर्नाटक के मालपे नामक जगह पहुंचकर वह उडुपी समुद्र में मछली मारने का काम करता था. लेकिन समुद्र में पानी अत्यधिक होने के कारण काम बंद हो गया तो उसने अपनी जीविका चलाने के लिए दिहाड़ी मजदूरी का काम शुरू किया. इसी दौरान मांगनू साय की तबीयत अत्यधिक खराब हुई और उनकी मौत हो गई. वर्तमान में मांगनू साय का शव कर्नाटक के अजरगढ़ सरकारी अस्पताल में पड़ा हुआ है. जब इसकी जानकारी युवक के परिजनों को मिली तो सभी का रो-रोकर बुरा हाल है.
बता दें कि मांगनू साय की शादी हुए महज 1 वर्ष ही हुए हैं और उनकी पत्नी 6 माह की गर्भवती भी है. परिवार की माली हालत को समझ मांगनू अपना और परिवार का पेट भरने के लिए कर्नाटक के मालपे नामक जगह चला गया. जहां किसी तरह मजदूरी करके वह अपने परिवार के भरण पोषण में हाथ बंटाता था. मृतक के पिता कृष्णा साय ने अपने बेटे बेटी के शव को किसी प्रकार भी लाने की गुहार लगाई है. परिजनों का कहना है कि वे लोग अपने बच्चे को अंतिम बार देखना चाहते हैं.
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