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मथुरा में गुलजार हुआ विश्राम घाट; सात समंदर पारकर पहुंचे साइबेरियन पक्षी

विदेशी पक्षियों को देखने के लिए स्थानीय लोग ओर पर्यटक खूब आनंद ले रहे हैं.

यमुना नदी के किनारे विदेशी महमानों की चहचहाहट
यमुना नदी के किनारे विदेशी महमानों की चहचहाहट (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 17 hours ago

मथुरा : भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में वैसे तो हर रोज लाखों श्रद्धालुओं का आगमन होता है, लेकिन इन दिनों हजारों किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद विदेशी पक्षी यमुना नदी के किनारे प्रवास कर रहे हैं. विदेशी मेहमान साइबेरियन पक्षी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. यह पक्षी शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं. शहर में विश्राम घाट यमुना नदी के किनारे साइबेरियन पक्षियों की चहचहाहट से गुलजार है.


यमुना नदी के किनारे विदेशी महमानों की चहचहाहट (Video credit: ETV Bharat)

विदेशी पक्षियों से गुलजार हैं यमुना नदी के घाट : शहर के विश्राम घाट यमुना नदी के किनारे आजकल साइबेरियन पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती है. हजारों की संख्या में साइबेरियन पक्षी लाखों किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद यहां पहुंचते हैं और सर्दी का आनंद लेते हुए नजर आ रहे हैं. विदेशी पक्षियों को देखने के लिए स्थानीय लोग ओर पर्यटक खूब आनंद ले रहे हैं.

तीन महीने प्रवास करते हैं विदेशी मेहमान : डीएफओ रजनीकांत मित्तल ने जानकारी देते हुए बताया कि यूरोप एशिया के कुछ हिस्सों से लंबी दूरी की उड़ान भरने के बाद विदेशी पक्षी यहां आते हैं, क्योंकि उत्तर भारत में दिसंबर, जनवरी, फरवरी में सर्दी होती है, इस कारण कई किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद यह विदेशी पक्षी यहां आ जाते हैं. अक्सर यमुना नदी और जोधपुर झाल में विदेशी पक्षी देखे जाते हैं.

उत्तर भारत में दिसंबर, जनवरी और फरवरी के माह में कड़ाके की सर्दी साइबेरियन पक्षियों को खूब लुभाती है, इसीलिए लाखों किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद यह यमुना के किनारे हजारों की संख्या में झुंड दिखाई देते हैं. यह साइबेरियन पक्षी सफेद और काले रंग के हैं, जोकि अपनी आवाज से लोगों को आकर्षित करते हैं.

विदेशी पक्षी यमुना नदी के जल प्रवाह के साथ इधर-उधर घूमते और उड़ान भरते हैं. इन पक्षियों की चहचहाहट श्रद्धालुओं को खूब भाती है. साइबेरियन पक्षी पानी में मछलियों को नुकसान नहीं पहुंचाते और अपना भोजन भी शुद्ध शाकाहारी लेते हैं. यमुना नदी किनारे नमकीन और बिस्कुट पानी में डालते ही साइबेरियन पक्षियों का झुंड वहां आ जाता है और यमुना नदी के चहचहाहट करते हुए दिखाई देता है. यह सब विदेशी पक्षी झुंड बनाकर रहते हैं और भोजन का आनंद लेते हैं.




पर्यटक प्रीति ने बताया कि हम यहां दर्शन करने के लिए मंदिरों में आए थे. यमुना नदी के किनारे आकर देखा तो विदेशी पक्षी साइबेरियन का झुंड दिखाई दिया. यह देखने में बहुत ही खूबसूरत है. इन विदेशी पक्षियों को नमकीन बहुत पसंद है. सुना है कि यह मछलियों को नुकसान नहीं पहुंचाते. नमकीन और बिस्किट इनका मनपसंद भोजन है.

पर्यटक रॉबिन ने बताया कि यमुना नदी के किनारे विदेशी मेहमान साइबेरियन पक्षी लाखों किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद सर्दी के मौसम में यहां आते हैं. इनका सबसे मनपसंद भोजन नमकीन और बिस्किट है. मंदिरों में दर्शन करने के बाद इनको देखने के लिए हम लोग यहां पहुंचे हैं.

यह भी पढ़ें : 500 साल पुराने हैं राजस्थान के इस नेशनल पार्क और प्रवासी परिंदों के संबंध

यह भी पढ़ें : साइबेरियन पक्षियों के लिए ठिकाना बन रहा यह पक्षी अभ्यारण

मथुरा : भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में वैसे तो हर रोज लाखों श्रद्धालुओं का आगमन होता है, लेकिन इन दिनों हजारों किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद विदेशी पक्षी यमुना नदी के किनारे प्रवास कर रहे हैं. विदेशी मेहमान साइबेरियन पक्षी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. यह पक्षी शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं. शहर में विश्राम घाट यमुना नदी के किनारे साइबेरियन पक्षियों की चहचहाहट से गुलजार है.


यमुना नदी के किनारे विदेशी महमानों की चहचहाहट (Video credit: ETV Bharat)

विदेशी पक्षियों से गुलजार हैं यमुना नदी के घाट : शहर के विश्राम घाट यमुना नदी के किनारे आजकल साइबेरियन पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती है. हजारों की संख्या में साइबेरियन पक्षी लाखों किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद यहां पहुंचते हैं और सर्दी का आनंद लेते हुए नजर आ रहे हैं. विदेशी पक्षियों को देखने के लिए स्थानीय लोग ओर पर्यटक खूब आनंद ले रहे हैं.

तीन महीने प्रवास करते हैं विदेशी मेहमान : डीएफओ रजनीकांत मित्तल ने जानकारी देते हुए बताया कि यूरोप एशिया के कुछ हिस्सों से लंबी दूरी की उड़ान भरने के बाद विदेशी पक्षी यहां आते हैं, क्योंकि उत्तर भारत में दिसंबर, जनवरी, फरवरी में सर्दी होती है, इस कारण कई किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद यह विदेशी पक्षी यहां आ जाते हैं. अक्सर यमुना नदी और जोधपुर झाल में विदेशी पक्षी देखे जाते हैं.

उत्तर भारत में दिसंबर, जनवरी और फरवरी के माह में कड़ाके की सर्दी साइबेरियन पक्षियों को खूब लुभाती है, इसीलिए लाखों किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद यह यमुना के किनारे हजारों की संख्या में झुंड दिखाई देते हैं. यह साइबेरियन पक्षी सफेद और काले रंग के हैं, जोकि अपनी आवाज से लोगों को आकर्षित करते हैं.

विदेशी पक्षी यमुना नदी के जल प्रवाह के साथ इधर-उधर घूमते और उड़ान भरते हैं. इन पक्षियों की चहचहाहट श्रद्धालुओं को खूब भाती है. साइबेरियन पक्षी पानी में मछलियों को नुकसान नहीं पहुंचाते और अपना भोजन भी शुद्ध शाकाहारी लेते हैं. यमुना नदी किनारे नमकीन और बिस्कुट पानी में डालते ही साइबेरियन पक्षियों का झुंड वहां आ जाता है और यमुना नदी के चहचहाहट करते हुए दिखाई देता है. यह सब विदेशी पक्षी झुंड बनाकर रहते हैं और भोजन का आनंद लेते हैं.




पर्यटक प्रीति ने बताया कि हम यहां दर्शन करने के लिए मंदिरों में आए थे. यमुना नदी के किनारे आकर देखा तो विदेशी पक्षी साइबेरियन का झुंड दिखाई दिया. यह देखने में बहुत ही खूबसूरत है. इन विदेशी पक्षियों को नमकीन बहुत पसंद है. सुना है कि यह मछलियों को नुकसान नहीं पहुंचाते. नमकीन और बिस्किट इनका मनपसंद भोजन है.

पर्यटक रॉबिन ने बताया कि यमुना नदी के किनारे विदेशी मेहमान साइबेरियन पक्षी लाखों किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद सर्दी के मौसम में यहां आते हैं. इनका सबसे मनपसंद भोजन नमकीन और बिस्किट है. मंदिरों में दर्शन करने के बाद इनको देखने के लिए हम लोग यहां पहुंचे हैं.

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