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एसआई भर्ती-2021 में फर्जीवाड़े से लगे अभ्यर्थियों की जगह योग्य की नियुक्ति क्यों नहीं-हाईकोर्ट - SI RECRUITMENT 2021 - SI RECRUITMENT 2021

राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती 2021 के पेपर लीक सहित अन्य फर्जीवाड़े को लेकर कहा है कि फर्जी उम्मीदवारों की जगह योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति क्यों नहीं दी.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 8, 2024, 8:07 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2021 में पेपर लीक सहित अन्य फर्जीवाड़े के जरिए लगे उम्मीदवारों के स्थान पर योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं देने के मामले में गृह सचिव, डीजीपी और आरपीएससी सचिव को दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश राजेन्द्र सैन की याचिका पर दिए. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद दोषी उम्मीदवारों को हटाकर उनके स्थान पर वेटिंग लिस्ट से अभ्यर्थियों को नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है.

याचिका में अधिवक्ता आरपी सैनी ने बताया कि आरपीएससी ने 2 फरवरी, 2021 को 859 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी. वहीं आयोग ने भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के बाद 11 दिसंबर, 2023 को चयन सूची जारी कर अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी. याचिका में कहा गया कि इस भर्ती को लेकर प्रदेश की पुलिस ने 14 केस दर्ज किए. जिसमें पेपर लीक सहित अन्य अनियमिताओं की शिकायत थी. वहीं बाद में जांच के बाद एसओजी ने भी पेपर लीक के कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

पढ़ें: पेपर लीक प्रकरण : आरोपी ट्रेनी SI को रिहा करने का आदेश निरस्त, DGP जांच कर रिपोर्ट करें पेश - Rajasthan High Court

इन आरोपियों में कई ट्रेनी एसआई भी हैं. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार और जांच एजेंसी मान चुकी है कि भर्ती में इन लोगों ने फर्जीवाड़ा व पेपर लीक कर नियुक्तियां ली हैं. ऐसे में पेपर लीक व फर्जीवाड़े से चयनित हुए अभ्यर्थियों की सेवाएं खत्म कर उनकी जगह पर आरक्षित व प्रतीक्षा सूची वाले योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जानी चाहिए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2021 में पेपर लीक सहित अन्य फर्जीवाड़े के जरिए लगे उम्मीदवारों के स्थान पर योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं देने के मामले में गृह सचिव, डीजीपी और आरपीएससी सचिव को दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश राजेन्द्र सैन की याचिका पर दिए. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद दोषी उम्मीदवारों को हटाकर उनके स्थान पर वेटिंग लिस्ट से अभ्यर्थियों को नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है.

याचिका में अधिवक्ता आरपी सैनी ने बताया कि आरपीएससी ने 2 फरवरी, 2021 को 859 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी. वहीं आयोग ने भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के बाद 11 दिसंबर, 2023 को चयन सूची जारी कर अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी. याचिका में कहा गया कि इस भर्ती को लेकर प्रदेश की पुलिस ने 14 केस दर्ज किए. जिसमें पेपर लीक सहित अन्य अनियमिताओं की शिकायत थी. वहीं बाद में जांच के बाद एसओजी ने भी पेपर लीक के कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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इन आरोपियों में कई ट्रेनी एसआई भी हैं. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार और जांच एजेंसी मान चुकी है कि भर्ती में इन लोगों ने फर्जीवाड़ा व पेपर लीक कर नियुक्तियां ली हैं. ऐसे में पेपर लीक व फर्जीवाड़े से चयनित हुए अभ्यर्थियों की सेवाएं खत्म कर उनकी जगह पर आरक्षित व प्रतीक्षा सूची वाले योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जानी चाहिए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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