जयपुर : एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में गिरफ्तार राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के पूर्व सदस्य रामूराम राईका ने बेटे और बेटी को परीक्षा से पहले हाथ से लिखा हुआ पेपर दिया था. उसे पढ़कर बेटी पांचवीं और बेटा 40वीं रैंक लाया. एसओजी ने जब दोबारा टेस्ट लिया तो इन दोनों ने बहुत कम नंबर आए. अब रामूराम राईका, उसकी बेटी शोभा राईका और बेटा देवेश एसओजी की गिरफ्त में हैं. एसओजी के एडीजी वीके सिंह का कहना है कि अगर नेगेटिव मार्किंग होती तो एसओजी के टेस्ट में रामूराम राईका के बेटे और बेटी के शून्य अंक आते. रामूराम राईका ने आरपीएससी से पेपर निकाला था या किसी गिरोह से पर्चा हासिल किया. इसे लेकर एसओजी अनुसंधान में जुटी है.
एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि शनिवार को एसओजी ने रामूराम राईका के बेटे और बेटी सहित पांच ट्रेनी एसआई को हिरासत में लिया था. हमारे पास पहले से सूचना थी. ऑफिस में एक सेल भी बना रखा है. संदिग्ध अभ्यर्थियों कि छंटनी करता है. पूछताछ के बाद पांचों ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूछताछ में सामने आया है कि आरपीएससी सदस्य रामूराम राईका ने अपने बेटे और बेटी को परीक्षा से पहले हाथ से लिखा हुआ पर्चा दिया था. दोनों ने उसे पढ़कर परीक्षा दी और मेरिट हासिल की. लेकिन एसओजी ने जब दुबारा उनका टेस्ट लिया तो बेटी शोभा ने 99-99 अंक के दो पेपर में 24 और 34 सवाल हल किए. जबकि बेटे देवेश ने 99-99 अंक के दो पेपर में 69 और 59 सवाल हल किए.
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साजिश में शामिल और भी लाभार्थी राडार पर : एडीजी वीके सिंह ने बताया कि एसआई पेपर लीक की साजिश में शामिल कई लोग हमारे राडार पर हैं. इसके अलावा कई लाभार्थियों पर भी एसओजी की नजर है. अनुसंधान जारी है. आने वाले समय में कई और खुलासे हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि अब तक एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में 70 से ज्यादा लोगों को एसओजी गिरफ्तार कर चुकी है.
सच उगलवाने के लिए अलग-अलग तरीकों से हो रही पूछताछ : एडीजी वीके सिंह ने बताया कि जो भी संदिग्ध होता है. जब तक वह जुर्म स्वीकार नहीं कर लेता, तब तक उसे तरह-तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं. पूछताछ का पुलिस का अपना तरीका होता है. अलग-अलग टीम में बनाकर उनसे पूछताछ की जाती है और अंत में उन्हें निरुत्तर कर दिया जाता है. इसके बाद वे अपना जुर्म स्वीकार कर लेते हैं.
उन्होंने बताया कि एसओजी के टेस्ट में कई अभ्यर्थी वही पेपर हल नहीं कर पाए जो उन्होंने मुख्य परीक्षा में हल किया था. इससे एसओजी का शक गहरा गया. 13 से 15 सितंबर 2021 तक तीन दिन में तीन तरह के पेपर आए थे. जिस अभ्यर्थी ने जो पेपर देकर परीक्षा पास की, वही पेपर उससे एसओजी ने भी हल करवाया. जिसने परीक्षा टॉप की हो. वह प्रश्न का जवाब भूल जाए. ऐसा हो नहीं सकता.
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हाई स्टैंडर्ड था एसआई भर्ती का पेपर : उन्होंने कहा कि एसआई भर्ती का पेपर हाई स्टैंडर्ड का था. इस पेपर में जो प्रश्न थे. लंबे समय से तैयारी करने वालों के लिए भी इस पेपर में 300 अंक लाना मुश्किल था. ऐसे में ऐसा अभ्यर्थी जो भाषा में कमजोर हो और टेस्ट में परफॉर्म नहीं कर पा रहा हो और वह लिखित परीक्षा में ज्यादा अंक लाया हो तो वह संदेह के घेरे में आ ही जाता है. उसे बताना पड़ेगा कि वह इतने अंक कैसे लाया. अगर वो नहीं बताता है तो पुलिस उससे सच उगलवा लेती है.
मैंने कई लोगों को इंटरव्यू में बनाया : रामूराम राईका मूलतः नागौर जिले के गगवाना गांव का रहने वाला है. अभी वह जयपुर में सोडाला में रह रहा था. 2018 में आरपीएससी का सदस्य बनने से पहले वह नागौर के सरकारी कॉलेज में 32 साल तक अर्थशास्त्र का लेक्चरर रहा. जोधपुर में देवासी समाज के महाकुंभ में उसने अपने भाषण में कहा था, 'मैंने समाज के कई लोगों को इंटरव्यू में बनाया है, क्योंकि मैं आरपीएससी में सदस्य रहा हूं. उसकी बेटी और बेटे के एकसाथ एसआई भर्ती में चयन होने के बाद से ही उसकी भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे. अब उसका यह वीडियो वायरल हो रहा है.
कोर्ट ने 7 सितंबर तक भेजा रिमांड पर : एसओजी ने रामूराम राईका को रविवार देर रात को गिरफ्तार किया था. उसे आज कड़ी सुरक्षा के कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने उसे 7 सितंबर तक के लिए एसओजी की रिमांड पर सौंपा है. अब एसओजी के अधिकारी उससे पूछताछ में जुटे हैं. उससे पेपर लीक की अन्य कड़ियों को लेकर पूछताछ की जा रही है. इसमें कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.