ETV Bharat / state

दादा-दादी से मिलने के लिए 1564KM दूर साइकिल से निकल पड़ा 11 साल का बच्चा, हादसा होने पर ट्रक चालक बना फरिश्ता - Gujarat missing Shubh reached home

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 29, 2024, 9:56 AM IST

Updated : Jul 29, 2024, 11:44 AM IST

गुजरात में माता-पिता के साथ रह रहे 11 साल के बच्चे को गोरखपुर में रह रहे अपने दादा-दादी से मिलने की ऐसी लगन लगी कि वह साइकिल से ही लंबे सफर पर निकल पड़ा. रास्ते में वह किसी वाहन की चपेट में आकर घायल हो गया. एक ट्रक चालक ने कई दिनों तक उसकी देखभाल की. इसके बाद उसे उसके घर भिजवाया.

शुभ निषाद अपनी दादी के साथ.
शुभ निषाद अपनी दादी के साथ. (Photo Credit; ETV Bharat)

गोरखपुर : गुजरात में परिवार के साथ रहा 11 साल का एक बच्चा 3 साल से अपने दादा-दादी से नहीं मिल पाया था. उसे उनकी याद सता रही थी. उसने एक बैग में कपड़े रखे और साइकिल लेकर गोरखपुर के लिए निकल पड़ा. वह जानता था कि इस लंबे सफर में उसे करीब 1564 किमी तक साइकिल चलानी पड़ेगी. इसके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी. उसे डर था इसके बारे में उसके माता-पिता को जानकारी हुई तो वे उसे जाने नहीं देंगे. लिहाजा उसने किसी को कुछ नहीं बताया. रास्ते में एक वाहन की टक्कर से वह घायल हो गया. इस बीच एक ट्रक चालक फरिश्ता बनकर सामने आया. 38 दिनों तक अपने साथ रखकर बच्चे का इलाज कराया. इसके वह उसे लखनऊ लाकर गोरखपुर की बस में बैठा दिया. 40 दिन बाद बच्चा अपने दादा-दादी से मिल पाया.

शुभ निषाद ने बताया कि गोरखपुर के सूर्यकुंड इलाके में उसके दादा-दादी रहते हैं. उसके पिता सुरेश निषाद मां और अन्य भाई-बहनों के साथ करीब 12 साल से गुजरात के भरूच में रहते हैं. वह वहां एक फूड कंपनी में काम करते हैं. करीब 3 साल से उसके माता-पिता गोरखपुर नहीं आए थे. इससे वह अपने दादा-दादी से नहीं मिल पा रहा था. दोनों शुभ को बहुत प्यार करते हैं. उसे उनकी याद सता रही थी.

15 जून की सुबह निकला था गुजरात से : गुजरात से 15 जून की सुबह 5 बजे शुभ बिना माता-पिता को कुछ बताए साइकिल से गोरखपुर के लिए निकल पड़ा. उसने अपने स्कूल बैग में साथ ले रखा था. उसमें उसने कुछ कपड़े रखे थे. रास्ते में अंकलेश्वर में किसी ट्रक ने उसकी साइकिल में टक्कर मार दी. इससे उसके दाएं पैर में घुटने के नीचे चोट लग गई. वह बेहोश होकर सड़क के किनारे पड़ा था. हादसे में उसकी साइकिल भी टूट गई. इसी बीच एक दूसरे ट्रक चालक राजस्थान के रहने वाले जगदीश वाहन लेकर वहां से गुजर रहे थे.

ट्रक चालक ने 38 दिन तक कराया इलाज : उन्होंने शुभ को अस्पताल में भर्ती कराया. शुभ ने बताया कि वह कुछ बताने की स्थिति में नहीं था. जगदीश अंकल ने 38 दिनों तक उसका चालक कराया. इस दौरान वह उसे अपने साथ ट्रक से कई जगहों पर लेकर गए. इसके बाद उसने गोरखपुर का पता बताया. ट्रक चालक बच्चे को लेकर लखनऊ पहुंचे. वहां किराया देकर बच्चे को गोरखपुर जाने वाली सरकारी बस में बैठा दिया.

रास्ते में शुभ को चोट लगी तो ट्रक चालक बना मसीहा.
रास्ते में शुभ को चोट लगी तो ट्रक चालक बना मसीहा. (Photo Credit; ETV Bharat)

पिता ने बेटे की जानकारी देने पर रखा था 50 हजार का इनाम : करीब 40 दिन बाद शुभ अपने दादा-दादी से मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वहीं बच्चे के लापता होने के बाद पिता सुरेश समेत परिवार के सभी लोग परेशान चल रहे थे. पिता ने बेटे के बारे में जानकारी देने वाले को 50 हजार का इनाम देने की घोषणा कर रखी थी. शुभ के दादा ने गोरखपुर के तिवारीपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी. पिता ने भरूच में केस दर्ज कराया था.

ट्रक चालक की दरियादिली से लौटीं खुशियां : वे बच्चे की काफी तलाश कर रहे थे. पूरा परिवार कई दिनों से ठीक से न तो खाना खा रहा था, और नही सो पा रहा था. अब एक ट्रक चालक की दरियादिली से फिर से परिवार की खुशिया लौट आईं. शुभ के गोरखपुर पहुंचने की जानकारी पर माता-पिता भी गुजरात से गोरखपुर के लिए निकल पड़े. पूरा परिवार उस ट्रक चालक की दरियादिली की तारीफ कर रहा है, जिसने बच्चे का ख्याल रखा, और उसे अपनों से मिलाने में मदद की.

यह भी पढ़ें : सावन के दूसरे सोमवार पर काशी विश्वनाथ धाम में उमड़ी भीड़, कमिश्नर ने भक्तों पर बरसाए फूल, रात में होगा गौरी शंकर स्वरूप का श्रृंगार

गोरखपुर : गुजरात में परिवार के साथ रहा 11 साल का एक बच्चा 3 साल से अपने दादा-दादी से नहीं मिल पाया था. उसे उनकी याद सता रही थी. उसने एक बैग में कपड़े रखे और साइकिल लेकर गोरखपुर के लिए निकल पड़ा. वह जानता था कि इस लंबे सफर में उसे करीब 1564 किमी तक साइकिल चलानी पड़ेगी. इसके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी. उसे डर था इसके बारे में उसके माता-पिता को जानकारी हुई तो वे उसे जाने नहीं देंगे. लिहाजा उसने किसी को कुछ नहीं बताया. रास्ते में एक वाहन की टक्कर से वह घायल हो गया. इस बीच एक ट्रक चालक फरिश्ता बनकर सामने आया. 38 दिनों तक अपने साथ रखकर बच्चे का इलाज कराया. इसके वह उसे लखनऊ लाकर गोरखपुर की बस में बैठा दिया. 40 दिन बाद बच्चा अपने दादा-दादी से मिल पाया.

शुभ निषाद ने बताया कि गोरखपुर के सूर्यकुंड इलाके में उसके दादा-दादी रहते हैं. उसके पिता सुरेश निषाद मां और अन्य भाई-बहनों के साथ करीब 12 साल से गुजरात के भरूच में रहते हैं. वह वहां एक फूड कंपनी में काम करते हैं. करीब 3 साल से उसके माता-पिता गोरखपुर नहीं आए थे. इससे वह अपने दादा-दादी से नहीं मिल पा रहा था. दोनों शुभ को बहुत प्यार करते हैं. उसे उनकी याद सता रही थी.

15 जून की सुबह निकला था गुजरात से : गुजरात से 15 जून की सुबह 5 बजे शुभ बिना माता-पिता को कुछ बताए साइकिल से गोरखपुर के लिए निकल पड़ा. उसने अपने स्कूल बैग में साथ ले रखा था. उसमें उसने कुछ कपड़े रखे थे. रास्ते में अंकलेश्वर में किसी ट्रक ने उसकी साइकिल में टक्कर मार दी. इससे उसके दाएं पैर में घुटने के नीचे चोट लग गई. वह बेहोश होकर सड़क के किनारे पड़ा था. हादसे में उसकी साइकिल भी टूट गई. इसी बीच एक दूसरे ट्रक चालक राजस्थान के रहने वाले जगदीश वाहन लेकर वहां से गुजर रहे थे.

ट्रक चालक ने 38 दिन तक कराया इलाज : उन्होंने शुभ को अस्पताल में भर्ती कराया. शुभ ने बताया कि वह कुछ बताने की स्थिति में नहीं था. जगदीश अंकल ने 38 दिनों तक उसका चालक कराया. इस दौरान वह उसे अपने साथ ट्रक से कई जगहों पर लेकर गए. इसके बाद उसने गोरखपुर का पता बताया. ट्रक चालक बच्चे को लेकर लखनऊ पहुंचे. वहां किराया देकर बच्चे को गोरखपुर जाने वाली सरकारी बस में बैठा दिया.

रास्ते में शुभ को चोट लगी तो ट्रक चालक बना मसीहा.
रास्ते में शुभ को चोट लगी तो ट्रक चालक बना मसीहा. (Photo Credit; ETV Bharat)

पिता ने बेटे की जानकारी देने पर रखा था 50 हजार का इनाम : करीब 40 दिन बाद शुभ अपने दादा-दादी से मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वहीं बच्चे के लापता होने के बाद पिता सुरेश समेत परिवार के सभी लोग परेशान चल रहे थे. पिता ने बेटे के बारे में जानकारी देने वाले को 50 हजार का इनाम देने की घोषणा कर रखी थी. शुभ के दादा ने गोरखपुर के तिवारीपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी. पिता ने भरूच में केस दर्ज कराया था.

ट्रक चालक की दरियादिली से लौटीं खुशियां : वे बच्चे की काफी तलाश कर रहे थे. पूरा परिवार कई दिनों से ठीक से न तो खाना खा रहा था, और नही सो पा रहा था. अब एक ट्रक चालक की दरियादिली से फिर से परिवार की खुशिया लौट आईं. शुभ के गोरखपुर पहुंचने की जानकारी पर माता-पिता भी गुजरात से गोरखपुर के लिए निकल पड़े. पूरा परिवार उस ट्रक चालक की दरियादिली की तारीफ कर रहा है, जिसने बच्चे का ख्याल रखा, और उसे अपनों से मिलाने में मदद की.

यह भी पढ़ें : सावन के दूसरे सोमवार पर काशी विश्वनाथ धाम में उमड़ी भीड़, कमिश्नर ने भक्तों पर बरसाए फूल, रात में होगा गौरी शंकर स्वरूप का श्रृंगार

Last Updated : Jul 29, 2024, 11:44 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.