रायपुर: साल 2024 की राखी 19 अगस्त को मनाई जाएगी. बहने इस दिन भाई के लंबे जीवन और उसकी रक्षा को लेकर हाथ पर राखी बांधती है. राखी का त्यौहार हस साल सावन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि को मनाई जाती है. 19 अगस्त के दिन राखी का पर्व इस साल मनाया जाएगा. राखी के दिन भद्रा भी पड़ रहा है जिससे राखी को कैसे मनाना है और राखी कब बांधनी है इसे लेकर नक्षत्र और शुभकाल का पालन करना जरूरी है.
कब और किस समय बांधे भाई को राखी ?: आप अपने भाई को राखी कब बांधें इसके लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिष और पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी से बात की है. पंडितजी ने बताया है कि 19 अगस्त के दिन भद्रा का साया है इसलिए दोपहर 1.32 बजे के बाद ही बहनें अपने भाई को राखी बांधें.
"19 अगस्त सोमवार को सुबह 5.53 बजे से भद्रा शुरू होगा. यह भद्राकाल 19 अगस्त की दोपहर 1.32 तक रहेगा. ऐसे में भद्रा समाप्त होने के बाद ही बहन अपने भाइयों को राखी बांध सकती है.": प्रियाशरण त्रिपाठी, ज्योतिष एवं वास्तुविद
रक्षा बंधन के दिन कौन सा योग बन रहा: पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने बताया कि रक्षा बंधन के दिन राज पंचक, श्रावण पूर्णिमा, सवार्थ सिद्धि योग, रवि योग और शोभन योग का निर्माण हो रहा है. राखी के दिन श्रावणी उपाक्रम और रक्षाबंधन दोनों एक ही नियम से चलने के साथ ही निर्देशित होते हैं. ऐसे में श्रावणी उपाक्रम और रक्षाबंधन के दिन भद्रा हो संक्रांति हो और ग्रहण हो तो श्रावणी उपाक्रम नहीं किया जाता.
रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल से बचें: पंडित जी ने बताया कि जब तक भद्रा रहता है तब तक रक्षाबंधन नहीं मनाई जाती. ऐसे में इसके पहले श्रावण शुक्ल पंचमी यानी नाग पंचमी के दिन श्रावणी उपाक्रम किया जा सकता है. नाग पंचमी का संबंध कहीं ना कहीं रक्षाबंधन से है. श्रवण नक्षत्र और श्रावण पूर्णिमा में जो रक्षाबंधन मनाई जाती है अगर वह भादरा से युक्त है तो ऐसे में ये काम नाग पंचमी के दिन कर लेना चाहिए. इसका उल्लेख ग्रंथ और पुराणों में भी मिलता है."
रक्षाबंधन का शुभ काल: 19 अगस्त को रक्षा बंधन के शुभकाल की बात करें तो यह दोपहर 1.32 से लेकर शाम 4.20 बजे तक है. उसके बाद राखी बांधने का शुभ समय शाम में 6.56 मिनट से रात 9 बजकर आठ मिनट तक रहेगा. इस दौरान बहनें भाई को राखी बांध सकती है. 19 तारीख के सूर्योदय से लेकर दोपहर 1.32 मिनट तक भद्राकाल है. इस लिए इस समय में राखी न बांधें. पंडित जी ने बताया कि जो सिद्धांत श्रावणी उपाक्रम के सिद्धांत हैं वही सिद्धांत रक्षाबंधन के भी हैं. इसलिए भद्रा खत्म होने के बाद ही राखी बांधनी चाहिए.