गोरखपुर: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद पवित्र धार्मिक ग्रंथ रामायण की डिमांड देश के साथ विदेश में भी आसमान छू रही है. अंग्रेजी रामायण की डिमांड इतनी पहुंच चुकी है कि गीता प्रेस गोरखपुर यह डिमांड पूरी नहीं कर पा रहा है. शायद यही वजह है कि विदेशी अब रामायण पढ़ने के लिए ऑनलाइन डाउनलोड का सहारा ले रहे हैं. राम मंदिर के बाद सबसे ज्यादा अमेरिका और गुजरात में रामायण की डिमांड हो रही है.
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गीता प्रेस के प्रबंधक डॉ लाल मणि तिवारी का कहना है कि यह स्थिति राम मंदिर के अयोध्या में उद्घाटन के बाद उत्पन्न हुई है. उन्होंने बताया कि जबकि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष रामचरितमानस की 70000 से अधिक पुस्तकों की बिक्री हुई और इसके बाद मांग के अनुरूप गीता प्रेस उसकी आपूर्ति नहीं कर पाया. उन्होंने कहा कि गीता, रामायण, रामचरितमानस, हनुमान चालीसा समेत करीबी एक दर्जन से अधिक पुस्तक छोटी-बड़ी, अंग्रेजी में प्रकाशित होती हैं लेकिन रामचरितमानस और हनुमान चालीसा की डिमांड अंग्रेजी में अमेरिका से लेकर गुजरात ने किया है.
इन पुस्तकों की वेबसाइट पर डाउनलोडिंग भी खूब हो रही है. गीता प्रेस धार्मिक पुस्तकों की छपाई का एक मात्र सबसे प्रमुख केंद्र है. उन्होंने बताया कि जनवरी से फरवरी तक 30 लाख लोगों ने ऑनलाइन गीता प्रेस की पुस्तकें पढ़ीं. उन्होंने बताया कि 22 जनवरी 2024 को जब से अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई है रामचरितमानस, हनुमान चालीसा जैसी पुस्तकों की डिमांड बड़े पैमाने पर हुई है. गीता प्रेस की पुस्तकें ऑनलाइन भी उपलब्ध है जिसे अमेजॉन और फ्लिपकार्ट से भी मंगाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि गीता प्रेस द्वारा छापी जाने वाली रामायण की कीमतें कागज के अनुरूप 60 रुपए से लेकर 1200 रुपए के बीच में हैं. वहीं ऑनलाइन रामायण को मुफ्त में डाउनलोड किा जा सकता है.
प्रबंधक लाल मणि तिवारी ने बताया कि अमेरिकन सोसाइटी से भी कुछ लोगों ने ऑनलाइन संपर्क किया है. अंग्रेजी भाषा की पुस्तकों की डिमांड की है. इसकी भी संख्या हजारों में है. वहीं गुजरात से करीब 30 हजार पुस्तकों की डिमांड आई है. इसी प्रकार अन्य प्रदेशों और देशभर से मिलने वाली डिमांड को देखा जाए तो उन्हें कम से कम एक लाख पुस्तकों को अंग्रेजी भाषा में छपना होगा. उन्होंने कहा कि गीता प्रेस की सभी किताबें ऑनलाइन भी खरीदी जा सकती हैं.
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