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तिहाड़ जेल में कैदियों का हृदय परिवर्तन कर रही श्रीमद भगवत गीता, गुनाहों का रास्ता छोड़ने को तैयार कैदी - Shrimad Bhagwat Geeta in Tihar

Shrimad Bhagwat Geeta in Tihar: दिल्ली के तिहाड़ जेल में श्रीमद्भगवत गीता के माध्यम से कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है. जेल में कार्यरत डॉ. सौरभ हयाना ने बताया कि कैदी भगवत गीता पढ़कर गुनाहों का रास्ता छोड़कर सच्चाई के मार्ग पर चलने की बातें कर रहे हैं.

तिहाड़ जेल में कैदियों का हृदय परिवर्तन कर रही श्रीमद भगवत गीता,
तिहाड़ जेल में कैदियों का हृदय परिवर्तन कर रही श्रीमद भगवत गीता, (CANVA)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 26, 2024, 12:44 PM IST

डॉ. सौरभ ने बताया कि वह खुद श्रीमद भगवत गीता को पढ़ते हैं (ETV BHARAT)

नई दिल्ली: "यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत. अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्. परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्. धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे."...गीता का यह श्लोक दिल्ली की तिहाड़ जेल में खूब गूंज रहा है. जेल में बंद कैदी इन दिनों भगवत गीता पढ़ रहे हैं. दिल्ली सरकार में सीनियर मेडिकल अफसर डॉ. सौरभ हयाना ने बताया कि इन दिनों वह तिहाड़ जेल में कार्यरत हैं. यहां जेल में खूंखार अपराधियों और आरोपियों को रखा गया है. जेल में उनकी काउंसलिंग की जाती है. दवाओं के साथ भगवत गीता का भी सहारा लिया जा रहा है.

कैदी भी भगवत गीता पढ़कर हृदय परिवर्तन कर रहे हैं

डॉ. सौरभ हयाना ने बताया कि भगवान कृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र में महाभारत के युद्ध के दौरान उपदेश दिया था, जिसे हिंदू धर्म में श्रीमद भगवत गीता के नाम से जाना जाता है. गीता में भगवान कृष्ण के उपदेशों का विस्तार से वर्णन किया गया है. गीता में दिए गए भगवान कृष्ण के उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं और व्यक्ति को जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं. दिल्ली के जेल में बंद कैदी भी अब भगवत गीता पढ़कर हृदय परिवर्तन कर रहे हैं. वे गुनाहों का रास्ता छोड़कर सच्चाई के मार्ग पर चलने की बातें कर रहे हैं.

किताबों को पढ़ने के बाद लोगों को मुफ्त में बांट देते हैं सौरभ

डॉ. सौरभ ने बताया कि वह श्रीमद भगवत गीता पढ़ते हैं. इसमें सामाजिक और मानसिक सुधार की कई अच्छी बातें कही गई हैं. वह इससें संबंधित और भी किताबें चाहते हैं. इसलिए उन्होंने द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर से कई और ग्रंथों को खरीदे हैं. ताकि इनको पढ़ कर वे अपने मरीजों को भी इसमें लिखी बातों का ज्ञान बांट सकें. उन्होंने बताया कि वह खरीदी हुई किताबों को पढ़ने के बाद लोगों को मुफ्त में बांट देते हैं. ताकि हर कोई अपनी समस्यायों का निवारण इसमें से तलाश सके. चाहे डॉक्टर हो, वकील हो या जज अपनी समस्याओं का समाधान वे गीता में ढूंढ सकते हैं.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर जगमगा रहे बिरला मंदिर, सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम

गाजियाबाद के इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी की तैयारियां पूरी, ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना

डॉ. सौरभ ने बताया कि वह खुद श्रीमद भगवत गीता को पढ़ते हैं (ETV BHARAT)

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कैदी भी भगवत गीता पढ़कर हृदय परिवर्तन कर रहे हैं

डॉ. सौरभ हयाना ने बताया कि भगवान कृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र में महाभारत के युद्ध के दौरान उपदेश दिया था, जिसे हिंदू धर्म में श्रीमद भगवत गीता के नाम से जाना जाता है. गीता में भगवान कृष्ण के उपदेशों का विस्तार से वर्णन किया गया है. गीता में दिए गए भगवान कृष्ण के उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं और व्यक्ति को जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं. दिल्ली के जेल में बंद कैदी भी अब भगवत गीता पढ़कर हृदय परिवर्तन कर रहे हैं. वे गुनाहों का रास्ता छोड़कर सच्चाई के मार्ग पर चलने की बातें कर रहे हैं.

किताबों को पढ़ने के बाद लोगों को मुफ्त में बांट देते हैं सौरभ

डॉ. सौरभ ने बताया कि वह श्रीमद भगवत गीता पढ़ते हैं. इसमें सामाजिक और मानसिक सुधार की कई अच्छी बातें कही गई हैं. वह इससें संबंधित और भी किताबें चाहते हैं. इसलिए उन्होंने द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर से कई और ग्रंथों को खरीदे हैं. ताकि इनको पढ़ कर वे अपने मरीजों को भी इसमें लिखी बातों का ज्ञान बांट सकें. उन्होंने बताया कि वह खरीदी हुई किताबों को पढ़ने के बाद लोगों को मुफ्त में बांट देते हैं. ताकि हर कोई अपनी समस्यायों का निवारण इसमें से तलाश सके. चाहे डॉक्टर हो, वकील हो या जज अपनी समस्याओं का समाधान वे गीता में ढूंढ सकते हैं.

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