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श्रीराम विवाह उत्सव; अयोध्या के मंदिरों से निकलेगी राम बारात, माता सीता के मंदिर में होगा सिंदूरदान - RAM BARAT 2024

रामनगरी में 6 दिसंबर को होगा कार्यक्रम. रंग महल में कन्या पक्ष के लोग करेंगे बारात का स्वागत.

रामनगरी में 6 दिसंबर को निकलेगी राम बारात.
रामनगरी में 6 दिसंबर को निकलेगी राम बारात. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 29, 2024, 1:51 PM IST

अयोध्या : राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार श्रीराम विवाह का उत्सव धूमधाम से मनाने की तैयारी है. राम नगरी में 6 दिसंबर को लगभग 12 से अधिक मंदिरों से देर शाम भगवान श्रीराम की भव्य बारात निकाली जाएगी. वहीं, जानकी उपासक, जानकी महल और रंग महल मंदिर से भी वर पक्ष की तरफ से बारात निकाली जाएगी. पुनः यह बारात नगर भ्रमण कर मंदिर पहुंचेगी. यहां कन्या पक्ष के द्वारा बारात का स्वागत और फिर अन्य कार्यक्रम होंगे.

अयोध्या में विवाह पंचमी के अवसर पर 6 दिसंबर को श्री सीताराम विवाह उत्सव की तैयारी है. वहीं माता-सीता की जानकी महल व रंग महल उपासक मंदिर है. यहां भगवान श्रीराम का बारात पहुंचेगी और सनातन परंपरा के अनुसार हिंदू रस्मों-रिवाज से इस विवाह महोत्सव का आयोजन किया जाएगा.

अयोध्या के राम कोट क्षेत्र स्थित माता सीता के उपासक मंदिर रंग महल में जनक नंदनी माता सीता के पक्ष को लेकर तैयारी की जा रही है. हल्दी रस्म, मेहंदी रस्म के साथ हिंदू रिवाज में होने वाले अन्य सभी रस्मों का कार्य किया जा रहा है. भव्य और सुंदर विवाह मंडप भी सजाया जा रहा है. देर शाम मंदिर से निकलकर बारात रंग महल पहुंचेगी, जहां वैदिक पंडितों के माध्यम से द्वार पूजा का आयोजन होगा जिसके बाद मंडप विवाह का आयोजन होगा.

जिसमें वधू पक्ष से रंग महल मंदिर के महंत रामशरण दास जनक की भूमिका में भगवान की पांव पूजने का कार्य करेंगे. वहीं दूसरे दिन कलेवा के साथ भगवान श्रीराम और माता सीता की विदाई का भी आयोजन किया जाएगा. राजा जनक की भूमिका निभाने वाले महंत राम शरण दास ने जानकारी दी कि रंग महल के इस प्रांगण में भगवान के बरात आने के बाद द्वार पूजा होगी.

उसके बाद भगवान का मंडप में आगमन होगा. दोनों तरफ के ब्राह्मण के द्वारा पूजन किया जाएगा. जनक की भूमिका में किशोरी जी पांव पूजन करेंगे. इसके साथ ही लावा परछा जाएगा. सात फेरे होंगे, सिंदूरदान किया जाएगा और विदाई के समय कलेवा होगा. उन्होंने बताया कि मानस के उल्लेख में जितने भी रिवाजों को लिखा गया है. यहां परंपरागत रूप से दर्शाया जाएगा.

वहीं कहा कि भगवान राम ने समाज को ऐसी पद्धति दी है, जिसका सर्वदा पालन समाज करें, जो हमारी रीति रिवाज होती है. इसमें भाई, पत्नी, बहन, बंधु के सम्मान को इस विवाह के माध्यम से बताया गया है.

यह भी पढ़ें: थोड़ी देर में अयोध्या से जनकपुर रवाना होगी राम बारात, 17 राज्यों के भक्त होंगे शामिल, तिरुपति के 40 पंडित कराएंगे विवाह

यह भी पढ़ें: रामलला के मंदिर में विराजने के बाद पहली बार 6 दिसंबर को अयोध्या के मंदिरों से निकलेगी राम बारात

अयोध्या : राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार श्रीराम विवाह का उत्सव धूमधाम से मनाने की तैयारी है. राम नगरी में 6 दिसंबर को लगभग 12 से अधिक मंदिरों से देर शाम भगवान श्रीराम की भव्य बारात निकाली जाएगी. वहीं, जानकी उपासक, जानकी महल और रंग महल मंदिर से भी वर पक्ष की तरफ से बारात निकाली जाएगी. पुनः यह बारात नगर भ्रमण कर मंदिर पहुंचेगी. यहां कन्या पक्ष के द्वारा बारात का स्वागत और फिर अन्य कार्यक्रम होंगे.

अयोध्या में विवाह पंचमी के अवसर पर 6 दिसंबर को श्री सीताराम विवाह उत्सव की तैयारी है. वहीं माता-सीता की जानकी महल व रंग महल उपासक मंदिर है. यहां भगवान श्रीराम का बारात पहुंचेगी और सनातन परंपरा के अनुसार हिंदू रस्मों-रिवाज से इस विवाह महोत्सव का आयोजन किया जाएगा.

अयोध्या के राम कोट क्षेत्र स्थित माता सीता के उपासक मंदिर रंग महल में जनक नंदनी माता सीता के पक्ष को लेकर तैयारी की जा रही है. हल्दी रस्म, मेहंदी रस्म के साथ हिंदू रिवाज में होने वाले अन्य सभी रस्मों का कार्य किया जा रहा है. भव्य और सुंदर विवाह मंडप भी सजाया जा रहा है. देर शाम मंदिर से निकलकर बारात रंग महल पहुंचेगी, जहां वैदिक पंडितों के माध्यम से द्वार पूजा का आयोजन होगा जिसके बाद मंडप विवाह का आयोजन होगा.

जिसमें वधू पक्ष से रंग महल मंदिर के महंत रामशरण दास जनक की भूमिका में भगवान की पांव पूजने का कार्य करेंगे. वहीं दूसरे दिन कलेवा के साथ भगवान श्रीराम और माता सीता की विदाई का भी आयोजन किया जाएगा. राजा जनक की भूमिका निभाने वाले महंत राम शरण दास ने जानकारी दी कि रंग महल के इस प्रांगण में भगवान के बरात आने के बाद द्वार पूजा होगी.

उसके बाद भगवान का मंडप में आगमन होगा. दोनों तरफ के ब्राह्मण के द्वारा पूजन किया जाएगा. जनक की भूमिका में किशोरी जी पांव पूजन करेंगे. इसके साथ ही लावा परछा जाएगा. सात फेरे होंगे, सिंदूरदान किया जाएगा और विदाई के समय कलेवा होगा. उन्होंने बताया कि मानस के उल्लेख में जितने भी रिवाजों को लिखा गया है. यहां परंपरागत रूप से दर्शाया जाएगा.

वहीं कहा कि भगवान राम ने समाज को ऐसी पद्धति दी है, जिसका सर्वदा पालन समाज करें, जो हमारी रीति रिवाज होती है. इसमें भाई, पत्नी, बहन, बंधु के सम्मान को इस विवाह के माध्यम से बताया गया है.

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