प्रयागराजः श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले को लेकर दाखिल सभी 18 सिविल मामलों की एक साथ सुनवाई करने के हाई कोर्ट के फैसले को मस्जिद पक्ष ने वापस लेने की मांग की है. मुस्लिम पक्ष ने रिकॉल अर्जी दाखिल कर वाद बिंदु निर्धारण से पहले इस अर्जी पर सुनवाई की मांग की. हाई कोर्ट में बुधवार को वाद बिंदु तय करने पर सुनवाई होनी थी. लेकिन मुस्लिम पक्ष ने रिकॉल आवेदन पर सुनवाई के लिए प्रार्थना की. जिस पर कोर्ट ने हिंदू पक्षकारों को अपनी आपत्ति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति मंयक कुमार जैन ने अगली सुनवाई के लिए 23 सितंबर की तिथि निर्धारित की है.
मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने बुधवार को कोर्ट से प्रार्थना की कि जनवरी 2024 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले के सभी मुकदमों को एक साथ सुनने का आदेश जारी किया गया था. इसे वापस लेने के लिए रिकॉल अर्जी दाखिल की गई थी. उस वक्त इस पर सुनवाई नहीं हो सकी थी. क्योंकि अदालत वाद की पोषणीयता पर सुनवाई कर रही थी.
अहमदी ने कोर्ट से प्रार्थना की कि पहले रिकॉल आवेदन पर सुनवाई की जाए. इसके बाद मुकदमे की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाए. इसके साथ ही वाद की पोषणीयता के क्रम में लंबित सभी आवेदनों का निस्तारण किया गया. वहीं, सूट नंबर 7 में लिखित कथन निर्धारित समय में दाखिल न करने पर मुस्लिम पक्ष को कोर्ट ने एक्स पार्टी घोषित कर दिया था. इस मामले में भी मुस्लिम पक्ष ने रिकॉल आवेदन दाखिल किया है.
सूट नंबर 13 के अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में वाद बिंदु दाखिल किया है. साथ ही कोर्ट से प्रार्थना की है कि इन्हीं बिंदुओं के आधार पर मामले का शीघ्र निस्तारण किया जाए. वादी आशुतोष पांडेय ने प्रार्थना पत्र दाखिल कर प्रतिदिन सुनवाई किए जाने की मांग की है. अधिवक्ता हरेराम त्रिपाठी ने कोर्ट से इस मामले के सभी कागजात जमा करने के लिए अलग से काउंटर बनाने की प्रार्थना की है.