लखनऊ/सहारनपुर: आस्था की यात्रा कांवड़ यात्रा अभी शुरू भी नहीं हुई है लेकिन, इसके रूट की दुकानों पर नाम का धर्मयुद्ध शुरू हो गया है. सबसे पहले मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से आदेश जारी किया गया था कि कांवड़ यात्रा मार्ग की सभी दुकानों पर दुकानदारों को अपना नाम लिखना जरूरी होगा.
इसको लेकर बवाल मचा तो मुजफ्फरनगर पुलिस ने यूटर्न लेते हुए अपना आदेश बदलते हुए नाम लिखने का अधिकार दुकानदारों की मर्जी पर डाल दिया. हालांकि, इसके बाद यू-टर्न लेते हुए पुलिस प्रशासन ने अपने आदेश वाला ट्वीट ही डिलीट कर दिया.
अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने फरमान जारी किया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अपने नाम लिखने ही होंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू करने की निर्देश दिए हैं. अब कावड़ यात्रा यूपी के जिस भी जिले से जाएगी या निकाले जाने की परंपरा है, उन सभी यात्रा रूट पर संचालित होने वाली दुकानों पर मलिक का नाम पहचान लिखनी होगी. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शासन की तरफ से सभी जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश जारी करके इसका पालन करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.
बता दें कि आगामी 22 जुलाई से पवित्र महीना सावन शुरू हो रहा है. सावन महीना शुरू होते कावड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है. कावड़ यात्रा को लेकर जहां प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं वहीं मुजफ्फरनगर के बाद सहारनपुर पुलिस भी कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए अनोखा फरमान जारी किया है. पुलिस ने अपने फरमान में कहा है कि सभी दुकानदार अपनी दुकान के बाहर अपना वास्तविक नाम जरूर लिखें.
बता दें कि सहारनपुर मंडल के तीनों जनपदों से होकर करोड़ों शिवभक्त कावड़ लेकर अपने गंतव्य को जाते हैं. सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली जनपदों से हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब समेत कई राज्यों के शिवभक्त हर की पैड़ी हरिद्वार से कावड़ में गंगाजल भर कर शिवालयों की ओर जाते हैं. सहारनपुर और मुजफ्फरनगर दोनों जिले उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले से सटे हुए हैं.
वहीं जनपद शामली हरियाणा को जोड़ता है. कावड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार सभी तैयारियां पूरी कर चुकी है. कावड़ मार्ग पर लगे बिजली के खंभों पर प्लास्टिक लपेटी जा रही है. कावड़ सेवा शिविर संचालकों को भी अलग से दिशा निर्देश दिए गए हैं.
सहारनपुर डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बताया कि श्रावण कांवड़ यात्रा के दौरान समीपवर्ती राज्यों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश होते हुए भारी संख्या में कांवड़िये हरिद्वार से जल उठाकर मुजफ्फरनगर जनपद से होकर गुजरते हैं. श्रावण के पवित्र माह में कई लोग खासकर कांवड़िये अपने खानपान में कुछ खाद्य सामग्री से परहेज करते हैं.
पूर्व मे ऐसे मामले सामने आए हैं जहां कांवड़ मार्ग पर हर प्रकार की खाद्य सामग्री बेचने वाले कुछ दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों के नाम इस प्रकार से रखे गए जिससे कांवड़ियों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होकर कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति उत्पन्न हुई. इस प्रकार की पुनरावृत्ति रोकने एवं श्रद्धालुओं की आस्था के दृष्टिगत कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल, ढाबे एवं खानपान की सामग्री बेचने वाले दुकानदारों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने मालिक और काम करने वालों का नाम प्रदर्शित करें.
इस आदेश का आशय किसी प्रकार का धार्मिक विभेद ना होकर सिर्फ मुजफ्फरनगर जनपद से गुजरने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, आरोप प्रत्यारोप एवं कानून व्यवस्था की स्थिति को बचाना है. यह व्यवस्था पूर्व में भी प्रचलित रही है.
डीआईजी सहारनपुर अजय कुमार साहनी ने मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा जारी फरमान को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया है. उन्होंने बताया कि सहारनपुर मंडल के तीनों जनपदों से होकर जाने वाले कावड़ मार्गों पर संचालित सभी प्रतिष्ठानों के लिए ये निर्देश दिए गए हैं.
यूपी पुलिस के इस फरमान को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है. अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसे आदेश सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं. उन्होंने सोशल साइट एक्स पर लिखा है कि जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा?
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि इस मामले को लेकर न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे. ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं. प्रदेश में कांवड़ा यात्रा शुरू होने वाली है. इसे लेकर प्रशासन ने खास तैयारियां की हैं.