रायपुर: आज की लाइफ स्टाइल और खाने पीने में गड़बड़ी हमारे पाचन तंत्र को कमजोर करती है. शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल की मात्रा को भी तेजी से बढ़ाती है. समय रहते अगर हम अपने खाने पीने के तरीके में बदलाव नहीं करते हैं तो बैड कोलेस्ट्रोल एक दिन हमें अस्पताल भी पहुंचा देता है. बंगाल, ओडिशा और बिहार में सरसों तेल का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर खाने में किया जाता है. अमेरिका, कनाडा और यूरोप जैसे मुल्कों में सरसों तेल पर प्रतिबंध है. इन देशों का मानना है कि इस तेल का हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और ये दिल का मरीज बनाता है. सच्चाई इसमें कितनी है ये तो रिसर्च का विषय है.
सरसों का तेल बढ़ाता है बैड कोलेस्ट्रोल: सरसों के तेल में जितने औषधिय गुण होते हैं उतने ही उसके साइड इफेक्ट भी होते हैं. अपने किचन में हम जिस तेल का इस्तेमाल खाने के लिए करते हैं वो तेल ही हमारे शरीर में जाकर गड़बड़ी पैदा करता है. अगर तेल अच्छा नहीं होगा तो बैड कोलेस्ट्रोल दिल की धमनियों में जमा होता जाएगा. इसलिए समय रहते हमें अपने कुकिंग ऑयल को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए. माना जाता है कि सरसों का तेल भारी होता है.
जरुरत से ज्यादा सेवन सेहत के लिए खतरनाक: अगर इसका सेवन संतुलित मात्रा में किया जाए तो कम फैट बनाता है. अगर आप अपने खाने में सरसों तेल का इस्तेमाल करते हैं और जरुरत से ज्यादा करते हैं तो सावधान हो जाएं. भारी और ज्यादा चिपचिपा होने के चलते ये दिल की धमनियों में तेजी से जमा होता है. सरसो तेल तेजी से बैड कोलेट्रोल बनाना शुरु कर देता है. कई बार हमारा दिल बैड कोलेस्ट्रोल को लेकर अलर्ट करता है. कई बार वो चुपके से अटैक के रुप में भी सामने आ जाता है. माना जाता है कि हमें कम चिपचिपा और हल्का तेल खाना चाहिए.
"मापदंड के अनुसार अनुसंधान से ये पता चला है कि सरसों के तेल में मोनो अननेचुरेटेड फैट पाया जाता है, जो की कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. इसलिए सरसों का तेल थोड़ी मात्रा में लेने से हृदय रोग को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. इसमें एरोसिक एसिड पाया जाता है, इसकी मात्रा भारतीय मापदंड में कम रखी जाती है लेकिन विदेशो में अमेरिका, यूके और ब्रिटेन जैसे देशों में एयरोसिक एसिड की मात्रा का सेवन कम लेने पर जोर डाला जाता है. विदेश के अध्ययन से पता चला है कि एरोसिक एसिड हमारे हार्ट के लिए हानिकारक है. इसलिए उन देशों में सरसों तेल बैन है, लेकिन इंडिया में हेल्दी हार्ट के लिए सरसों तेल को अच्छा माना गया है.": सारिका श्रीवास्तव, डाइटिशियन
बैड या हाई कोलेस्ट्रोल क्या करता है: हाई कोलेस्ट्रोल या बैड कोलेस्ट्रोल हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है. दिल में खून के होने वाले प्रवाह को तकलीफदेह बनाता है. खून के प्रवाह को शरीर के बाकी हिस्सों में भेजने के लिए उसे जरुरत से ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है. दिल जब ज्यादा ताकत लगाएगा तब हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाएगी.
अधिक मात्रा में सरसों तेल खाने से क्या हो सकता है
- लंबे वक्त तक सरसों तेल खाने से फेफड़ों में कैंसर की संभावना बढ़ सकती है.
- सरसों के तेल में हाई लेवल का इरुसिक एसिड पाया जाता है.
- इरुसिक एसीड दिल के लिए के लिए अच्छा नहीं माना जाता.
- इरुसिक एसीड दिल को धीरे धीरे कर कमजोर बनाता है.
- पाया जाने वाला एसिड दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है.
- तेल में मिला एसिड इंसान की स्मरण शक्ति को कमजोर बना सकता है.
- सरसों तेल शरीर में तेजी से फैट की मात्रा को बढ़ाता है.
- अमेरिका, कनाडा और यूरोप में सरसों तेल प्रतिबंधित है.
- राइनाइटिस मरीजों को सरसों तेल से परहेज करने की सलाह दी जाती है.
- सरसों तेल का सेवन पल रहे भ्रूण के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
- सरसों तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड पाया जाता है.
- पॉलीअनसैचुरेटेड फटस भी सरसों तेल में होते हैं.
इस तरह सरसों तेल के कई तरह के फायदे और नुकसान हैं. डॉक्टरों के मुताबिक इस तेल का उपयोग करना चाहिए. नहीं तो समस्या हो सकती है.
नोट: इस खबर में हेल्थ संबंधित जो भी जानकारी दी गई है. वह डॉक्टर के बताए गए तथ्यों के आधार पर है. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.