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रामलला के लिए बेर और अक्षय वट वृक्ष लेकर अयोध्या पहुंचे शिवरीनारायण के भक्त

ramlala Pran Pratishtha अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उनके ननिहाल में जबरदस्त उत्साह है. छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण से भक्तों का जत्था अयोध्या पहुंचा हैं. Shivrinarayan Devotees in Ayodhya

ramlala Pran Pratishtha
शिवरीनारायण के बेर
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 20, 2024, 1:23 PM IST

अयोध्या\जांजगीर चांपा: प्रभु राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के शिवरीनारायण से 17 भक्तों का एक समूह अयोध्या पहुंचा. भक्तों का ये समूह राम लला के लिए बेर लेकर पहुंचा है. इसके साथ ही वे अपने साथ अक्षय वट वृक्ष भी लेकर अयोध्या गए हैं. इस वृक्ष की पत्तियां दोने के आकार की है. मान्यता है कि इसी पेड़ के पत्ते में रखकर माता शबरी ने भगवान राम को अपने जूठे बेर खिलाए थे.

शिवरीनारायण के बेर लेकर अयोध्या पहुंचे भक्त: मान्यता है कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है. 14 साल के वनवास के दौरान भगवान राम छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा समय रुके. बताया जाता है कि लगभग 10 साल तक प्रभु राम, माता सीता और लक्ष्मण छत्तीसगढ़ के अलग अलग जगह पर रहे. शिवरीनारायण का भगवान राम से गहरा नाता है. माता शबरी का जन्म शिवरीनारायण में हुआ था. माता शबरी प्रभु राम की भक्त है. उन्होंने अपने जूठे बेर प्रभु को खिलाए थे.

भक्त अनुप यादव ने बताया "हम छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण से 'मीठी बेर' लाए हैं, जो राम लला का ननिहाल भी है. शिवरीनारायण से हम अक्षय वट वृक्ष के पौधे भी लेकर आए हैं. जो कहीं नहीं मिलता. इसके पत्ते दोने के आकार के होते हैं. हम राम जन्मभूमि ट्रस्ट से इन पेड़ों को अयोध्या में लगाने का अनुरोध करेंगे. "

शिवरीनारायण में 22 जनवरी को विशेष पूजा: अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पर शिवरीनारायण के राम मंदिर में विशेष पूजा आयोजित की जा रही है. पूरे मंदिर प्रांगण को 11000 दीयों से सजाया जाएगा. राम सरकार की विशेष पूजा अर्चना कर भक्तों को प्रसाद और भंडारा का आयोजन होगा.

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शिवरीनारायण के बेर लेकर अयोध्या पहुंचे भक्त: मान्यता है कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है. 14 साल के वनवास के दौरान भगवान राम छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा समय रुके. बताया जाता है कि लगभग 10 साल तक प्रभु राम, माता सीता और लक्ष्मण छत्तीसगढ़ के अलग अलग जगह पर रहे. शिवरीनारायण का भगवान राम से गहरा नाता है. माता शबरी का जन्म शिवरीनारायण में हुआ था. माता शबरी प्रभु राम की भक्त है. उन्होंने अपने जूठे बेर प्रभु को खिलाए थे.

भक्त अनुप यादव ने बताया "हम छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण से 'मीठी बेर' लाए हैं, जो राम लला का ननिहाल भी है. शिवरीनारायण से हम अक्षय वट वृक्ष के पौधे भी लेकर आए हैं. जो कहीं नहीं मिलता. इसके पत्ते दोने के आकार के होते हैं. हम राम जन्मभूमि ट्रस्ट से इन पेड़ों को अयोध्या में लगाने का अनुरोध करेंगे. "

शिवरीनारायण में 22 जनवरी को विशेष पूजा: अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पर शिवरीनारायण के राम मंदिर में विशेष पूजा आयोजित की जा रही है. पूरे मंदिर प्रांगण को 11000 दीयों से सजाया जाएगा. राम सरकार की विशेष पूजा अर्चना कर भक्तों को प्रसाद और भंडारा का आयोजन होगा.

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