शिवपुरी। डॉक्टर और मरीजों के बीच आए दिन हाथापाई की नौबत या मारपीट की खबरें आती रहती हैं लेकिन शिवपुरी में एक डॉक्टर ने मरीजों को जूतों-चप्पलों से पीटा. मरीजों की शिकायत के बाद इस डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है. बता दें कि सड़क हादसे में घायल कुछ लोग खोड़ स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे थे और यहां उन्हें इलाज नहीं मिलने पर उन्होंने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की थी और इसके बाद आगबबूला हुए डॉक्टर ने गंदी गंदी गालियां देते हुए मरीजों की जूते चप्पलों से पिटाई कर दी थी.
चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अनुराग तिवारी निलंबित
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोड़ में पदस्थ स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अनुराग तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. यह कार्रवाई वरिष्ठ संयुक्त संचालक (शिकायत), संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, भोपाल ने की है. दरअसल शिवपुरी जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, खोड़ के चिकित्सा अधिकारी डॉ.अनुराग तिवारी का 4 अगस्त को एक वीडियो सामने आया था. इस वीडियो में डॉक्टर अनुराग तिवारी मरीजों के साथ बाकायदा जूते चप्पलों के साथ मारपीट करते नजर आ रहे हैं साथ ही मरीजों को गंदी-गंदी गालियां भी दे रहे हैं. इस वीडियो के आधार पर मरीजों ने डॉक्टर की शिकायत की थी और पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई थी. इसके बाद मध्य प्रदेश स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय भोपाल ने संज्ञान लेते हुए मामले की जांच की और डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है.
ये भी पढ़ें: अस्पताल में 3 दलित युवकों को डॉक्टर ने पीटा, कुर्सी पर बैठाकर बरसाए जूते, केस दर्ज दलित को घसीटकर थाने लाई पुलिस, नग्न कर उधेड़ दी चमड़ी, बस इतना था युवक का कसूर |
क्या था मामला
इस मामले में शिकायत करने वाले मरीजों का कहना था कि वह सड़क हादसे में घायल हो गए थे. इसके बाद इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोड़ पहुंचे थे लेकिन डॉक्टर से इलाज नहीं मिलने पर उन्होंने अस्प्ताल से ही सीएम हेल्पलाइन 181 पर उसकी शिकायत दर्ज कराई थी. यह शिकायत दर्ज करने के बाद डॉक्टर हावी हो गया और जूते चप्पलों के साथ मारपीट शुरू कर दी थी. जमकर मारपीट के साथ गंदी गंदी गालियां दी गई. जिसका एक वीडियो भी सामने आया और डॉक्टर के खिलाफ पुलिस थाने में मारपीट का मुकदमा दर्ज किया गया. वहीं अब इस डॉक्टर को मध्य प्रदेश शासन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. बता दें कि खुद को बेकसूर साबित करने के लिए डॉक्टर अपने पक्ष में समर्थन के लिए कुछ डॉक्टर और लोगों के साथ प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा था.