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सावन में शिव पार्वती ने दिए दर्शन,धरती का सीना चीरकर आए बाहर - Sawan Somwar 2024

Shiva Parvati appeared एमसीबी जिले के खड़गवां जनपद पंचायत में इन दिनों लोगों का तांता लगा हुआ है. क्योंकि सावन के पवित्र महीने में शिव पार्वती ने खुद लोगों को दर्शन दिए हैं.आईए जानते हैं कि पूरा माजरा क्या है.Sawan Somwar 2024

Sawan Somwar 2024
सावन के पवित्र माह में शिव पार्वती ने दिए दर्शन (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 10, 2024, 7:02 PM IST

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : एमसीबी जिले के खड़गवां जनपद पंचायत में एक अनोखा चीज मिली है.यहां धवलपुर गांव के एक किसान को खेत में जुताई के दौरान प्राचीन मूर्ति मिली है. इस मूर्ति में शिव और पार्वती बने हुए हैं. जिसे देखने के लिए अब गांव में लोगों का तांता लग रहा है.


सावन में शिव पार्वती ने दिए दर्शन : एमसीबी जिला अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत धवलपुर में इंद्रभान नाम का किसान अपने पुरखों की जमीन पर रहता है.हर साल की तरह इस बार भी इंद्रभान ने बोवाई के लिए ट्रैक्टर से अपना खेत जोतना शुरु किया. इसी दौरान जमीन के गर्भ से शिव पार्वती की प्राचीन मूर्ति निकलकर बाहर आ गई.आपको बता दें कि इससे पहले भी कई बार इस खेत को जोता गया है.लेकिन आज तक ऐसी कोई भी चीज नहीं मिली.लेकिन अब खेत से निकली मूर्ति ने सबी का ध्यान अपनी ओर खींचा है.

''हम धान बोवाई से पहले अपने खेत में ट्रैक्टर लगवा कर जुताई कर रहे थे. तभी अचानक ट्रैक्टर के नांगर में फंसकर यह मूर्ति बाहर निकल कर आई.इसके बाद इसकी सफाई करके एक सुरक्षित स्थान पर रख दिया गया है.''- इंद्रभान, किसान


कहां से आई खेत में प्राचीन मूर्ति ?: आपको बता दें कि एमसीबी जिले का यह क्षेत्र धवलपुर नाम से जाना जाता है. प्राचीन समय में ये क्षेत्र राज परिवार के धवलेल राजा का गढ़ी हुआ करता थी. जिसमें कई ऐसे तिलिस्म थे जो आज भी यहां के रहवासियों के लिए रहस्य बने हुए हैं. इस ग्राम पंचायत के रहवासियों के मुताबिक 15वीं शताब्दी में राजा धवलेल का यहां शासन था.उस जमाने के शीलापाठ आज भी क्षेत्र में देखने को मिलते हैं. जिसमें प्राचीन कलाकृतियां अंकित है.खेत में मिली मूर्ति भी उसी किस्म की है.

सावन में शिव पार्वती ने दिए दर्शन (ETV Bharat Chhattisgarh)

''गांव में प्राचीन मूर्ति मिली है. यहां पर धवलेल नामक राजा का गढ़ी हुआ करता था. जिसके कुछ साक्ष्य आज भी यहां पर देखने को मिलते हैं. इस प्राचीन प्रतिमा की जानकारी अधिकारियों को भी मिली थी. जिसको देखने के लिए वो भी यहां आए हुए थे.'' जगदेव सिंह नेटी, सरपंच, धवलपुर


धवलेल की बावड़ी का रहस्य : बुजुर्गों के मुताबिक जिस समय इस स्थान पर राजा धवलेल की गढ़ी थी. उस समय राजा ने एक बावड़ी भी बनवाई थी. जिसे लेकर भी यहां के ग्रामीणों में काफी चर्चा है. पुरानी बातों की माने तो बावड़ी का तिलिस्मी रहस्य अभी तक कोई नहीं समझ पाया. इस बावड़ी में राजा का खजाना होने की भी बात सामने आती है.वहीं मूर्ति मिलने की जानकारी जब जिले के कलेक्टर को लगी तो कलेक्टर ने जनपद पंचायत के सीईओ विनोद जायसवाल को मूर्ति के निरीक्षण और वस्तु स्थिति जानने के लिए ग्राम पंचायत धवलपुर भेजा.

''गांव के सरपंच और सचिव ने प्रशासन को जानकारी दी.किसान को खेत में शिव पार्वती की प्रतिमा मिली है.बुजुर्गों का कहना है कि ये 15वीं शताब्दी का है.यहां राजा धवलेल ने कुआं भी बनवाया था.आगे निरीक्षण करके रिपोर्ट उच्च अधिकारियों की दी जाएगी.''- विनोद जायसवाल,सीईओ,जनपद पंचायत खड़गवां



बावड़ी में तंत्र विद्या करते दिखे थे तांत्रिक : राजा धवलेल ने अपने शासनकाल में इस जगह पर जो बावड़ी का काम करवाया था वो लोगों के आज भी रहस्य है.क्योंकि इस बावड़ी के आसपास तांत्रिक तंत्र क्रिया करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि तांत्रिक खजाने की तलाश में बावड़ी के पास में आते हैं.लेकिन बावड़ी में इतनी ज्यादा शक्ति है कि तांत्रिक को आभाष होते ही वो अनुष्ठान छोड़कर चले जाते हैं.


आपको बता दें कि ग्राम पंचायत धवलपुर में राजा धवलेल की गढ़ी के कई ऐसे अनसुलझे रहस्य हैं जो इतिहास के पन्नों में अभी तक दर्ज नहीं हो पाए हैं. बात की जाए इस जिले की तो इस जिले में कई ऐसे स्थान है जहां 7वीं शताब्दी तक के अवशेष बरामद हो चुके हैं.इन अवशेषों को आज संरक्षण की आवश्यकता है. ऐसे में पुरातत्व विभाग को संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.

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सावन में शिव पार्वती ने दिए दर्शन : एमसीबी जिला अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत धवलपुर में इंद्रभान नाम का किसान अपने पुरखों की जमीन पर रहता है.हर साल की तरह इस बार भी इंद्रभान ने बोवाई के लिए ट्रैक्टर से अपना खेत जोतना शुरु किया. इसी दौरान जमीन के गर्भ से शिव पार्वती की प्राचीन मूर्ति निकलकर बाहर आ गई.आपको बता दें कि इससे पहले भी कई बार इस खेत को जोता गया है.लेकिन आज तक ऐसी कोई भी चीज नहीं मिली.लेकिन अब खेत से निकली मूर्ति ने सबी का ध्यान अपनी ओर खींचा है.

''हम धान बोवाई से पहले अपने खेत में ट्रैक्टर लगवा कर जुताई कर रहे थे. तभी अचानक ट्रैक्टर के नांगर में फंसकर यह मूर्ति बाहर निकल कर आई.इसके बाद इसकी सफाई करके एक सुरक्षित स्थान पर रख दिया गया है.''- इंद्रभान, किसान


कहां से आई खेत में प्राचीन मूर्ति ?: आपको बता दें कि एमसीबी जिले का यह क्षेत्र धवलपुर नाम से जाना जाता है. प्राचीन समय में ये क्षेत्र राज परिवार के धवलेल राजा का गढ़ी हुआ करता थी. जिसमें कई ऐसे तिलिस्म थे जो आज भी यहां के रहवासियों के लिए रहस्य बने हुए हैं. इस ग्राम पंचायत के रहवासियों के मुताबिक 15वीं शताब्दी में राजा धवलेल का यहां शासन था.उस जमाने के शीलापाठ आज भी क्षेत्र में देखने को मिलते हैं. जिसमें प्राचीन कलाकृतियां अंकित है.खेत में मिली मूर्ति भी उसी किस्म की है.

सावन में शिव पार्वती ने दिए दर्शन (ETV Bharat Chhattisgarh)

''गांव में प्राचीन मूर्ति मिली है. यहां पर धवलेल नामक राजा का गढ़ी हुआ करता था. जिसके कुछ साक्ष्य आज भी यहां पर देखने को मिलते हैं. इस प्राचीन प्रतिमा की जानकारी अधिकारियों को भी मिली थी. जिसको देखने के लिए वो भी यहां आए हुए थे.'' जगदेव सिंह नेटी, सरपंच, धवलपुर


धवलेल की बावड़ी का रहस्य : बुजुर्गों के मुताबिक जिस समय इस स्थान पर राजा धवलेल की गढ़ी थी. उस समय राजा ने एक बावड़ी भी बनवाई थी. जिसे लेकर भी यहां के ग्रामीणों में काफी चर्चा है. पुरानी बातों की माने तो बावड़ी का तिलिस्मी रहस्य अभी तक कोई नहीं समझ पाया. इस बावड़ी में राजा का खजाना होने की भी बात सामने आती है.वहीं मूर्ति मिलने की जानकारी जब जिले के कलेक्टर को लगी तो कलेक्टर ने जनपद पंचायत के सीईओ विनोद जायसवाल को मूर्ति के निरीक्षण और वस्तु स्थिति जानने के लिए ग्राम पंचायत धवलपुर भेजा.

''गांव के सरपंच और सचिव ने प्रशासन को जानकारी दी.किसान को खेत में शिव पार्वती की प्रतिमा मिली है.बुजुर्गों का कहना है कि ये 15वीं शताब्दी का है.यहां राजा धवलेल ने कुआं भी बनवाया था.आगे निरीक्षण करके रिपोर्ट उच्च अधिकारियों की दी जाएगी.''- विनोद जायसवाल,सीईओ,जनपद पंचायत खड़गवां



बावड़ी में तंत्र विद्या करते दिखे थे तांत्रिक : राजा धवलेल ने अपने शासनकाल में इस जगह पर जो बावड़ी का काम करवाया था वो लोगों के आज भी रहस्य है.क्योंकि इस बावड़ी के आसपास तांत्रिक तंत्र क्रिया करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि तांत्रिक खजाने की तलाश में बावड़ी के पास में आते हैं.लेकिन बावड़ी में इतनी ज्यादा शक्ति है कि तांत्रिक को आभाष होते ही वो अनुष्ठान छोड़कर चले जाते हैं.


आपको बता दें कि ग्राम पंचायत धवलपुर में राजा धवलेल की गढ़ी के कई ऐसे अनसुलझे रहस्य हैं जो इतिहास के पन्नों में अभी तक दर्ज नहीं हो पाए हैं. बात की जाए इस जिले की तो इस जिले में कई ऐसे स्थान है जहां 7वीं शताब्दी तक के अवशेष बरामद हो चुके हैं.इन अवशेषों को आज संरक्षण की आवश्यकता है. ऐसे में पुरातत्व विभाग को संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.

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