लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों ने पिछले 41 महीने से वेतन नहीं मिलने को लेकर सोमवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए कार्य बहिष्कार किया. कर्मचारियों का कहना है कि, पिछले 41 महीनों से वेतन न मिलने के चलते वे आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. इनमें मौजूदा अध्यक्ष अली जैदी के कार्यकाल के चार महीने और पूर्व अध्यक्ष के कार्यकाल के 37 महीने का बकाया वेतन शामिल है.
शिया बोर्ड में तैनात 14 कर्मचारियों के सामने भूखमरी के हालात बन गए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि, वेतन न मिलने से बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य सेवाओं, दवाइयों और किराए का खर्च तक पूरा नहीं हो पा रहा. हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि बच्चों की फीस समय पर न भर पाने के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया है
बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी सैयद हसन राजा ने बताया कि उन्होंने कई बार अध्यक्ष और सीईओ से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. राजा के अनुसार, "41 महीने का वेतन न मिलना बेहद अफसोसजनक और चिंताजनक है. कई कर्मचारी मानसिक तनाव और डिप्रेशन का शिकार हो चुके हैं"
वेतन बकाए को लेकर कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ को पत्र भी लिखा, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. बोर्ड के कर्मचारी का कहना है, लंबे समय से वेतन न मिलने के कारण हमें राशन जैसी बुनियादी सुविधाओं तक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. बिना वेतन के घर चलाना असंभव हो गया है.
वेतन के मुद्दे पर बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने कहा कि, उनके कार्यकाल में केवल चार महीने का वेतन बकाया है, जबकि बाकी 37 महीने का बकाया पूर्व अध्यक्ष के कार्यकाल से है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बोर्ड में पूर्णकालिक सीईओ की नियुक्ति नहीं है, जिस कारण चार महीने का वेतन अटका हुआ है. जैदी के मुताबिक 'जैसे ही शासन द्वारा फुल टाइम सीईओ की नियुक्ति की जाएगी, समस्या का समाधान हो जाएगा'
यह भी पढ़ें : महिलाओं की नसबंदी का वीडियो सामने आने पर एक्शन, डिप्टी CM ने अस्पताल कर्मियों को हटाया, वेतन भी रोका