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गुहेरे के काटने पर देशी जड़ी-बूटी से बचाई महिला की जान, जानें असल में कितना जहरीला होता या गोह या गोयरा - Gohera poison facts - GOHERA POISON FACTS

गुहेरा (गोयरा व गोह) का नाम सुनकर ही लोग खौफ खा जाते हैं. यह एक ऐसा जीव है जिसे लोग सांप से भी ज्यादा खतरनाक मानते हैं. माना जाता है कि गुहेरा अगर काट ले तो व्यक्ति का बचना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि इसका कोई इलाज नहीं है. वहीं श्योपुर जिले के एक समाजसेवी ने देशी दवा से गुहेरे के जहर का तोड़ निकालने का दावा किया है. दावा है कि इस व्यक्ति ने गुहेरे के काटने पर अपनी देशी औषधि से कई लोगों की जान बचाई है.

GOHERA POISON FACTS
कितना जहरीला होता या गोह या गोयरा? (Etv Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 15, 2024, 12:36 PM IST

श्योपुर. गुहेरे को लेकर लोगों के बीच कई तरह के भ्रम भी हैं. कई ग्रामीण इलाकों में लोग मानते हैं कि गुहेरे के काटने से शरीर में इतनी गर्मी पैदा हो जाती है कि इंसान गर्मी से दम तोड़ देता है. कई लोग इसे सांप से भी ज्यादा जहरीला मानते हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि गुहेरे की कुछ प्रजातियां ही जहरीली होती हैं. सभी गुहेरे जहरीले नहीं होते. लेकिन यदि जहरीला या संक्रमित गुहेरा काट ले तो उसका जहर शरीर में फैलकर नर्वस सिस्टम, श्वसन तंत्र, हृदय और मांसपेशियों पर प्रभाव डालता है, जिससे कई लोगों की मौत हो जाती है.

डर से होती हैं ज्यादा मौतें

ज्यादातर विशेषज्ञों का मत है कि गुहेरे खुद जहरीले नहीं होते पर इनकी सांप जैसी जुबान पर खतरनाक बैक्टीरिया होते हैं, जो अगर व्यक्ति के खून में चले जाएं तो जान पर बन आती है. वहीं इस जीव के एक बड़ी भयानक छिपकली जैसी बनावट व सांप जैसी जीभ की वजह से इसके काटने पर कई लोग दहशत में मर जाते हैं.

श्योपुर के सामजसेवी ने किया इलाज का दावा

अब बात करते हैं श्योपुर के सामजसेवी सेवी बिहारी सिंह सोलंकी की, जो जहरीले गुहेरे के काटने पर इलाज करने का दावा करते हैं. दरअसल, जिले के ननावद रोड निवासी रविंद्र कौर पति गुरजीत सिंह को पिछले दिनों गुहेरे ने काट लिया था. परिजन महिला को लेकर जिला अस्पताल आए जहां उनके पति ने बताया कि रविंद्र कौर को रास्ते में ही मुंह से झाग निकलना शुरू हो गया था और वो पूरी तरह बेहोश हो गई थी. घटना की जानकारी लगते ही समाजसेवी बिहारी सिंह ने अपनी औषधीय जड़ी बूटी लाकर मरीज को पिला दिया, जिससे महिला के उल्टी हो गई और होश आ गया.

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अब प्राथमिक उपचार के लिए महिला जिला अस्पताल में भर्ती है, और खतरे से बाहर है. गौरतलब है कि जब परिजन महिला को लेकर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां महिला को केवल रैबीज के इंजेक्शन लगाए गए क्योंकि अस्पताल में गुहेरे के काटने की कोई दवा नहीं है.

नोट : किसी भी जहरीले जीव के काटने पर सबसे पहले चिक्तिसक की सलाह के साथ प्राथमिक उपचार लेना न भूलें.

श्योपुर. गुहेरे को लेकर लोगों के बीच कई तरह के भ्रम भी हैं. कई ग्रामीण इलाकों में लोग मानते हैं कि गुहेरे के काटने से शरीर में इतनी गर्मी पैदा हो जाती है कि इंसान गर्मी से दम तोड़ देता है. कई लोग इसे सांप से भी ज्यादा जहरीला मानते हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि गुहेरे की कुछ प्रजातियां ही जहरीली होती हैं. सभी गुहेरे जहरीले नहीं होते. लेकिन यदि जहरीला या संक्रमित गुहेरा काट ले तो उसका जहर शरीर में फैलकर नर्वस सिस्टम, श्वसन तंत्र, हृदय और मांसपेशियों पर प्रभाव डालता है, जिससे कई लोगों की मौत हो जाती है.

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ज्यादातर विशेषज्ञों का मत है कि गुहेरे खुद जहरीले नहीं होते पर इनकी सांप जैसी जुबान पर खतरनाक बैक्टीरिया होते हैं, जो अगर व्यक्ति के खून में चले जाएं तो जान पर बन आती है. वहीं इस जीव के एक बड़ी भयानक छिपकली जैसी बनावट व सांप जैसी जीभ की वजह से इसके काटने पर कई लोग दहशत में मर जाते हैं.

श्योपुर के सामजसेवी ने किया इलाज का दावा

अब बात करते हैं श्योपुर के सामजसेवी सेवी बिहारी सिंह सोलंकी की, जो जहरीले गुहेरे के काटने पर इलाज करने का दावा करते हैं. दरअसल, जिले के ननावद रोड निवासी रविंद्र कौर पति गुरजीत सिंह को पिछले दिनों गुहेरे ने काट लिया था. परिजन महिला को लेकर जिला अस्पताल आए जहां उनके पति ने बताया कि रविंद्र कौर को रास्ते में ही मुंह से झाग निकलना शुरू हो गया था और वो पूरी तरह बेहोश हो गई थी. घटना की जानकारी लगते ही समाजसेवी बिहारी सिंह ने अपनी औषधीय जड़ी बूटी लाकर मरीज को पिला दिया, जिससे महिला के उल्टी हो गई और होश आ गया.

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नोट : किसी भी जहरीले जीव के काटने पर सबसे पहले चिक्तिसक की सलाह के साथ प्राथमिक उपचार लेना न भूलें.

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