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शिवहर के दो होनहार छात्रों को ISRO जाने का मिला आमंत्रण, मैट्रिक टॉपर बनने का सरकार ने दिया इनाम - ISRO - ISRO

Sheohar शिवहर जिले के दो छात्रों को इसरो देखने का मौका मिला है. मैट्रिक की परीक्षा में जिला टॉपर रहे दो बच्चों का चयन किया गया है. जिला शिक्षा विभाग ने फोन कर उनके अभिभावक को यह जानकारी दी. ये दोनों बच्चे सरकारी खर्च पर बेंगलुरु स्थित इसरो की सैर करेंगे. पढ़ें, विस्तार से.

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शिवहर के दो छात्र इसरो जाएंगे (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 7, 2024, 8:43 PM IST

शिवहर के दो छात्र इसरो जाएंगे (ETV Bharat)

शिवहर: बिहार के शिवहर जिले के दो बच्चों का चयन इसरो देखने के लिए किया गया है. मैट्रिक की परीक्षा में जिला टॉपर रहे जिले के दो बच्चों का चयन इसरो की सैर के लिए किया गया है. उनको यह मौका मिलने से परिवार के लोगों के आलावा जिला शिक्षा विभाग भी काफी खुश है. ये दोनों बच्चे सरकारी खर्च पर बेंगलुरु स्थित इसरो देखने जाएंगे. दोनों छात्र बेंगलुरु में जाकर इसरो की गतिविधियों से अवगत होंगे.

बेटी को इसरो देखने का मिलेगा अवसरः शिवहर जिले के कमरौली गांव की मुस्कान कमरौली उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ती थी. बिहार बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में पूरे राज्य में 7 वीं रैंक हासिल की थी. उसे इसरो भ्रमण करने का अवसर प्राप्त हुआ है. मुस्कान, इस वक्त पटना में मेडिकल की तैयारी कर रही है. इसरो घूमने के अवसर मिलने की खबर सुनकर बहुत बहुत खुश है. उसने बताया कि बहुत अच्छा लग रहा है. मुस्कान के पिता सुनील गुप्ता और माता प्रतिमा देवी बहुत खुश हैं कि उनकी बेटी को इसरो देखने का अवसर मिला है.

मुस्कान के माता-पिता.
मुस्कान के माता-पिता. (ETV Bharat)

मनीष के घरवाले हैं खुशः दूसरे विद्यार्थी का नाम मनीष कुमार है. तरियानी प्रखंड नरवारा वार्ड 2 का रहने वाला है. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नरवारा पढ़ता था. 10 वीं की परीक्षा में 478 अंक प्राप्त किया था. मनीष ने बताया कि जिला शिक्षा विभाग से कॉल आया था. इसरो देखने का अवसर मिल रहा है. हम बहुत खुश हैं. मनीष ने बताया कि इंटरमीडिएट में मैथ्स विषय लिए हैं. मनीष अपने ननिहाल रहता है. उनके नाना जयनंदन झा ने बताया कि मनीष बहुत मेहनती है. इसी तरह आगे बढ़ता रहे, हमलोग बहुत खुश हैं.

क्या है इसरोः इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है. डॉ. विक्रम साराभाई ने 15 अगस्त 1969 में इसकी स्थापना की थी. इसका मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है. इसरो ने कई सफल मिशन संचालित किए, जिनमें चंद्रयान और मंगलयान जैसे ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन शामिल हैं. उपग्रह प्रक्षेपण में भी महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. जिसका उपयोग संचार, मौसम पूर्वानुमान, कृषि और आपदा प्रबंधन में किया जाता है. इसका मुख्यालय बेंगलुरू में है.

इसे भी पढ़ेंः देश मना रहा पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस, इसरो चीफ ने याद किए भावुक पल - National Space Day

शिवहर के दो छात्र इसरो जाएंगे (ETV Bharat)

शिवहर: बिहार के शिवहर जिले के दो बच्चों का चयन इसरो देखने के लिए किया गया है. मैट्रिक की परीक्षा में जिला टॉपर रहे जिले के दो बच्चों का चयन इसरो की सैर के लिए किया गया है. उनको यह मौका मिलने से परिवार के लोगों के आलावा जिला शिक्षा विभाग भी काफी खुश है. ये दोनों बच्चे सरकारी खर्च पर बेंगलुरु स्थित इसरो देखने जाएंगे. दोनों छात्र बेंगलुरु में जाकर इसरो की गतिविधियों से अवगत होंगे.

बेटी को इसरो देखने का मिलेगा अवसरः शिवहर जिले के कमरौली गांव की मुस्कान कमरौली उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ती थी. बिहार बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में पूरे राज्य में 7 वीं रैंक हासिल की थी. उसे इसरो भ्रमण करने का अवसर प्राप्त हुआ है. मुस्कान, इस वक्त पटना में मेडिकल की तैयारी कर रही है. इसरो घूमने के अवसर मिलने की खबर सुनकर बहुत बहुत खुश है. उसने बताया कि बहुत अच्छा लग रहा है. मुस्कान के पिता सुनील गुप्ता और माता प्रतिमा देवी बहुत खुश हैं कि उनकी बेटी को इसरो देखने का अवसर मिला है.

मुस्कान के माता-पिता.
मुस्कान के माता-पिता. (ETV Bharat)

मनीष के घरवाले हैं खुशः दूसरे विद्यार्थी का नाम मनीष कुमार है. तरियानी प्रखंड नरवारा वार्ड 2 का रहने वाला है. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नरवारा पढ़ता था. 10 वीं की परीक्षा में 478 अंक प्राप्त किया था. मनीष ने बताया कि जिला शिक्षा विभाग से कॉल आया था. इसरो देखने का अवसर मिल रहा है. हम बहुत खुश हैं. मनीष ने बताया कि इंटरमीडिएट में मैथ्स विषय लिए हैं. मनीष अपने ननिहाल रहता है. उनके नाना जयनंदन झा ने बताया कि मनीष बहुत मेहनती है. इसी तरह आगे बढ़ता रहे, हमलोग बहुत खुश हैं.

क्या है इसरोः इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है. डॉ. विक्रम साराभाई ने 15 अगस्त 1969 में इसकी स्थापना की थी. इसका मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है. इसरो ने कई सफल मिशन संचालित किए, जिनमें चंद्रयान और मंगलयान जैसे ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन शामिल हैं. उपग्रह प्रक्षेपण में भी महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. जिसका उपयोग संचार, मौसम पूर्वानुमान, कृषि और आपदा प्रबंधन में किया जाता है. इसका मुख्यालय बेंगलुरू में है.

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