नूंहः हरियाणा के नूंह जिला अन्तर्गत पुन्हाना थाना क्षेत्र अंतर्गत लहरवाड़ी गांव में जिंदा जलाने की घटना के बाद से गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. कई परिवारों के घरों पर ताला लगा हुआ है. मामले में कुल 51 लोगों को आरोपी बनाया गया है. 43 नामजद और 8 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुन्हाना थाने की पुलिस टीम आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए हरियाणा और सीमावर्ती राजस्थान में लगातार छापेमारी कर रही है.
आरोपियों के घरों में लटके हैं ताले : पुन्हाना थाना क्षेत्र अंतर्गत लहरवाड़ी गांव में आग लगने से हुई शहनाज की मौत के बाद गांव में सन्नाटा पसरा है. मृतक शहनाज के परिजन सदमे में है तो आरोपी पक्ष भूमिगत बताया जा रहा है. गत मई माह से मृतका शहनाज के भाई रिजवान की हत्या करने के बाद से ही आरोपी पक्ष लहरवाड़ी गांव से गायब थे, उनके घर उसी समय से बंद पड़े हुए हैं, जिनमें ताला लटका है. मोहल्ले में भी पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है.
सोशल मीडिया पर वायरल है हत्या का वीडियोः पुलिस पर शहनाज के भाई ने आरोप लगाया कि हत्यारोपी पक्ष के कुछ लोगों को थाने में पंचायत करने के बाद गांव में पुलिस बसाने आई थी तो उसी समय विवाद हो गया था, जिसमें आग लगने के कारण शहनाज की जान चली गई थी और पथराव में दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए थे. इस घटना ने सब को झकझोर कर रख दिया है. वीडियो भी सोशल मीडिया पर पिछले तीन दिनों से जमकर वायरल है. पुलिस का दावा है कि अभी भी गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत ये नहीं है.
शहनाज हत्याकांड में कुल 43 नामजद व आठ अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस आरोपियों की तलाश में राजस्थान तक छापेमारी कर रही है. जल्दी ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.-जंगशेर, एसएचओ पुन्हाना
हत्या या आत्महत्या, दोनों एंगल पर है पुलिस की नजरः पुन्हाना थाना प्रभारी जंगशेर ने बताया कि पुन्हाना पुलिस को शुक्रवार को 5 बजे के आसपास इस घटना के बारे में पता चला था. पुलिस मौके पर तुरंत पहुंच गई थी, लेकिन इसी दौरान एक महिला की आग लगने के कारण मौत हो गई थी. आग आरोपी पक्ष के द्वारा लगाई गई थी या फिर महिला ने आत्मदाह किया था. पुलिस दोनों एंगल से मामले की तहकीकात कर रही है.
मई 2024 में शहनाज के भाई की हुई थी हत्याः थानाध्यक्ष ने बताया कि इसी साल मई 2024 में ही करीब 7 महीने पहले मुकदमा नंबर 145 दर्ज हुआ था, जिसमें मृतक शहनाज के भाई रिजवान की इन्हीं लोगों ने हत्या कर दी थी, जिन पर शहनाज की जान लेने का आरोप लग रहा है.
"मेरे भाई को भी इन्हीं लोगों ने मारा था" : मृतक शहनाज के भाई अनीश का कहना है कि उन पर अभी भी दबाव बनाया जा रहा है. उनके भाई रिजवान की इन्हीं लोगों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी. सात माह बीत जाने के बाद भी पुलिस महज दो लोगों को गिरफ्तार कर पाई है, जिनमें एक बुजुर्ग और एक दिव्यांग शामिल है. एक आरोपी को पकड़ने के बाद छोड़ दिया गया. मुख्य आरोपी आज भी खुली हवा में सांस ले रहे हैं.
शुक्रवार को शहनाज की मौत की घटना से पहले पुन्हाना थाना में दोनों पक्षों की पंचायत हुई थी, जिसमें कहा गया था कि कुल 24 आरोपियों में से 5-6 मुख्य आरोपियों को पुलिस पकड़ ले तो बाकि अन्य लोगों को गांव में बसने से हमें कोई इनकार नहीं है. लेकिन पुलिस ने किसी को भी गिरफ्तार तो नहीं किया और ऐसे लोगों को गांव में बसाने पहुंच गई जिन पर रिजवान की हत्या करने का पूरा शक है. पीड़ित परिवार के मुताबिक उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों के पास मृतक शहनाज को साथ लेकर दर्जनों चक्कर काटे और इंसाफ की दुहाई देते रहे, लेकिन उन्हें इंसाफ नहीं मिला.
इंसाफ नहीं मिला तो परिवार को कोई बड़ा कदम उठाना होगाः शहनाज के भाई ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अभी तो परिवार के दो लोगों की जान गई है. परिवार में तकरीबन दो दर्जन और भी सदस्य हैं. अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वे कोई भी बड़ा कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं. उन्होंने साफ कहा कि आरोपी दबंग किस्म के व्यक्ति हैं. उनके साथ कुछ लोग जुड़ जाते हैं, जो उन पर हर तरह का दबाव बना रहे हैं.
7 महीने में एक परिवार से 2 हत्याः पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है. जांच पूरी होने के बाद ही पता लगेगा कि शहनाज की हत्या की गई है या उसने आत्मदाह किया है. पुलिस दोनों एंगल से मामले की जांच में जुटी है. दूसरी तरफ पुलिस हत्यारोपियों की तलाश में पड़ोसी राज्य राजस्थान तक लगातार छापेमारी कर रही है. आरोपियों की धरपकड़ के लिए कई टीमों का गठन किया गया है. महज 7 महीने में एक ही परिवार के दो सदस्यों के मर्डर हो चुके हैं. गांव में अमन शांति पूरी तरह से गायब है. ग्रामीण पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस के आला अधिकारियों को भी मामले में स्वतः संज्ञान लेना चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.
दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे पुलिसः स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मामले में जो भी दोषी हैं, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि फिर कोई इस तरह की घटना भविष्य में देखने और सुनने को ना मिले.