नई दिल्ली: कॉलेज की पढ़ाई को सीरियस ना लेना या फन समझकर कॉलेज मिस करना, अब छात्रों के लिए मुसीबत बन सकता है. अब छात्रों के लिए मुसीबत बन सकता है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के शहीद भगत सिंह कॉलेज ने अटेंडेंस कम होने वाले छात्र-छात्राओं को परीक्षा में बैठने पर रोक लगा दी है.
क्या है पूरा मामला
(डीयू) के शहीद भगत सिंह कालेज ने 67 फीसदी से कम उपस्थिति पर दूसरे, चौथे और छठे सेमेस्टर के 1343 विद्यार्थियों को परीक्षा देने से रोक दिया है. कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार अत्री ने बताया कि 40 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले बच्चों को ग्रेडड डिटेन किया गया है. इसका मतलब यह है कि जिन छात्रों की उपस्थिति 30 परसेंट से ज्यादा 40 प्रतिशत से कम है उनको एक पेपर में, 20 प्रतिशत से ज्यादा और 30 प्रतिशत से कम है तो दो पेपर में, 10 प्रतिशत से ज्यादा और 20 प्रतिशत से कम वालों को तीन पेपर में और एक प्रतिशत से अधिक और 10 प्रतिशत से कम है तो उनको सभी पेपर में डिटेन किया गया है.
प्राचार्य ने बताया कि ये वही छात्र हैं जिनको पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर में भी कम उपस्थिति के आधार पर कुछ पेपर देने से रोका गया था. लेकिन उस समय इन छात्रों में से अधिकतर ने लिखित में आश्वासन दिया था कि अगर अगले सेमेस्टर में उनकी उपस्थिति कम रहती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए पर इस बार उन्हें परीक्षा देने दी जाए. अब लगातार अगले सेमेस्टर में कम उपस्थिति और छात्रों के द्वारा दिए गए अंडरटेकिंग के आधार पर ही हमने ये कार्रवाई करने का फैसला लिया है.
कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक जब पिछले सेमेस्टर में छात्रों की उपस्थिति कम थी तो इन छात्रों ने अंडरटेकिंग में यह लिखा था कि अगले सेमेस्टर में यह 90% उपस्थित देंगे. इसके बाद ही उन्हें परीक्षा देने दी जाए. 90% उपस्थित पूरी कर छात्रों ने पिछले सेमेस्टर की उपस्थिति को भी पूरी करने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि कॉलेज में छात्रों ने उपस्थिती पूरी न करने का चलन सा बना लिया है. इसको खत्म करना उनकी प्राथमिकता है, जब छात्र कक्षाओं में नहीं आएंगे. अटेंडेंस पूरी नहीं करेंगे तो इससे परीक्षाफल भी प्रभावित होता है. इसलिए इस तरह की कार्रवाई करना जरूरी है. इन छात्रों को परीक्षा से अस्थाई तौर पर रोका जा रहा है. जिन छात्रों को इस परीक्षा से रोकने पर ऐतराज है वह कोर्स काउंटर पर जाकर 14 मई शाम 5 बजे तक कम उपस्थिति को लेकर वाजिब कारण बताते हुए एप्लीकेशन दे सकते हैं. इसके लिए उन्हें बीमार होने या अन्य जायज समस्या होने पर कम उपस्थिति होने का प्रूफ भी देना होगा.
अक्टूबर में भी 600 छात्रों के खिलाफ कॉलेज ने की थी इस तरह की कार्रवाई
बता दें कि इससे पहले शहीद भगत सिंह कॉलेज में ही पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर के 600 छात्रों को भी अक्टूबर महीने में कम उपस्थिति के कारण परीक्षा देने से रोका गया था. पहले 1497 छात्रों को परीक्षा देने से रोका गया था. लेकिन, इनमें से करीब 900 छात्रों ने लिखित में अंडरटेकिंग देकर अगले सेमेस्टर में 90% उपस्थित पूरी करने का आश्वासन दिया था, जिसके बाद उन्हें परीक्षा देने से नहीं रोका गया था. इसके बाद सिर्फ 600 बच्चों को अस्थाई तौर पर परीक्षा देने से रोका गया था. अब इस बार के सेमेस्टर में भी उपस्थित कम होने के चलते कॉलेज प्रशासन दोबारा से छात्रों को परीक्षा से रोकने की कार्रवाई करने जा रहा है. हालांकि, अंतिम रूप से कितने छात्रों को परीक्षा देने से रोका जा रहा है यह मंगलवार शाम 5:00 बजे के बाद ही तय हो पाएगा. क्योंकि कॉलेज की ओर से छात्रों को कम उपस्थिति का वाजिब कारण बताने के लिए मंगलवार शाम 5:00 बजे तक एप्लीकेशन देने के लिए कहा गया है.
जो छात्र किसी बीमारी के चलते उपस्थिति कम होने का कारण बताएंगे और वह अपने मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर ये साबित भी कर देंगे कि वो वास्तव में बीमार थे तो उनको परीक्षा देने से रोका नहीं जाएगा.
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