शहडोल। जमाना 21वीं सदी में पहुंच चुका है, तरह-तरह के सस्ते इमरजेंसी लाइट बाजार में आ चुके हैं, ऐसे समय में शायद ही लोगों को लालटेन याद होगा. नई पीढ़ी को तो लालटेन की जानकारी भी नहीं होगी कि आखिर यह किस काम आता है लेकिन कुछ गांव के लोगों ने इसी लालटेन का सहारा लेकर कलेक्टर से गुहार लगाई और कहा कि साहब अब तो मेरे गांवों में बिजली पहुंचा दो. ये ग्रामीण आज भी लालटेन युग में जी रहे हैं.
लालटेन से लाइट की मांग
शहडोल कलेक्ट्रेट कार्यालय में कुछ ग्रामीण लालटेन लेकर लाइट की मांग करने के लिए पहुंच गए. इन ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है, इसलिए अब वो लालटेन लेकर पहुंचे हैं. इसी लालटेन से वो गुजर बसर कर रहे हैं, और अब लालटेन लेकर वह लाइट की मांग कर रहे हैं.
जैतपुर विधानसभा के कई गांव हैं बिजलीविहीन
जैतपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत मिठौली, सरईडीह, अतरौली, और विनायका सहित आसपास के गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची है. ये सभी आदिवासी बाहुल्य गांव हैं और यहां शाम ढलते ही गांव वाले लालटेन युग में पहुंच जाते हैं.
'साहब कब पहुंचेगी बिजली'
लालटेन लेकर प्रदर्शन करने आए ग्रामीणों ने बताया कि भारत को आजाद हुए इतने साल हो गए, चुनाव का समय चल रहा है और देश को कहां से कहां तक ले जाने की बात की जा रही है. वादे किए जा रहे हैं लेकिन आजादी के इतने सालों के बाद भी उनके गांव में बिजली नहीं पहुंची है. बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं ऐसे में ये उनके लिए बड़े दुर्भाग्य की बात है. यहां के लोग किस तरह से गुजर बसर कर रहे हैं, ये वहीं के ग्रामीण जानते हैं. इस उम्मीद के साथ यहां पहुंचे हैं कि शायद लालटेन लेकर आने के बाद उनका कोई कष्ट जाने और उनके गांव तक बिजली पहुंचा दे.