ETV Bharat / state

मिट्टी को सोना बना देता है 'जीवामृत', फसलों को देगा अमृत जैसी शक्ति, जानें घर में जैविक खाद बनाने का आसान तरीका - Jeevamrit increases crop production

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 30, 2024, 1:49 PM IST

फसल उत्पादन की लागत कम करने और फसल की पैदावार ज्यादा करने के लिए अब किसान जैविक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं. शहडोल जिले में वर्तमान में खेती के लिए जीवामृत का सहारा लिया जा रहा है. क्योंकि जीवामृत किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस आर्टिकल में पढ़िये की कैसे घर में किसान जीवामृत बना सकते हैं.

JEEVAMRIT INCREASES CROP PRODUCTION
मिट्टी के लिए अमृत है जीवामृत (Etv Bharat)

शहडोल। अब किसान भी रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती करना चाह रहा है. क्योंकि रासायनिक और केमिकल युक्त खेती करने से न केवल उनके खेत की मिट्टी खराब हो रही है, साथ ही उससे पैदा होने वाली फसल भी सेहत के लिए उतना लाभकारी नहीं होता है. ऐसे में किसान अब एक बार फिर से प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं. और प्राकृतिक खेती में जीवामृत किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि ये मिट्टी को सोना बना देता है. Making of Organic Pesticide

JEEVAMRIT INCREASES CROP PRODUCTION
शहडोल में घर में जैविक खाद बना रहे किसान (ETV BHARAT)

कैसे तैयार करें जीवामृत?

जीवामृत को बहुत ही आसान तरीके से और बहुत ही सस्ती लागत में बनाया जा सकता है. या यूं कहें कि जब भी आप जीवामृत बनाएंगे तो इसमें लगने वाला सामान आपके घर में ही आसानी से उपलब्ध रहता है. इनका इस्तेमाल करके आप जीवामृत तैयार कर सकते हैं. शहडोल के कृषि वैज्ञानिक डॉ बी के प्रजापति बताते हैं कि, जीवामृत बनाने के लिए किसान को मुख्य रूप से 200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है. फिर इसमें 10 किलो देसी गाय का गोबर ले लें, जो आसानी से किसानों के यहां मिल जाएगा. 10 लीटर गोमूत्र ले लें, 1 किलोग्राम गुड़ ले लें, 1 किग्रा बेसन, 200 ग्राम चूना और 50 ग्राम उपजाऊ मिट्टी किसी भी खेत की मिट्टी या पीपल और बरगद के पेड़ के नीचे की मिट्टी मिल जाए तो उससे बेहतर कुछ नहीं. अब इन सभी सामग्री को एक ड्रम या बड़े बर्तन या बड़े घड़े में भर लें और उसे अच्छी तरह से मिला दें. फिर इसके बाद इस मिश्रण को हिलाकर 48 घंटे तक रख दें और फिर 48 घंटे बाद आपके खेतों को उपजाऊ बनाने के लिए जीवामृत बनकर तैयार हो जाएगा.''

JEEVAMRIT INCREASES CROP PRODUCTION
जीवामृत से फसल उत्पादन की बढ़ेगी रफ्तार (ETV BHARAT)

जीवामृत के फायदे

कृषि वैज्ञानिक डॉ. बी के प्रजापति बताते हैं कि, जो व्यक्ति केमिकल युक्त या रासायनिक खेती नहीं करना चाहता है और जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर आना चाहता है, उसके लिए जीवामृत किसी वरदान से कम नहीं है. क्योंकि यह आपके खेतों की उपजाऊ शक्ति बढ़ा देता है. पोषक तत्वों की भरमार कर देता है. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि, जीवामृत से मिट्टी में सूक्ष्म पोषक तत्व की भरमार हो जाती है. इसे मिट्टी में डालते ही फसलों को फायदा पहुंचाने वाले जीवाणु, बैक्टीरिया, वायरस, केंचुआ, राइजोबियम बैक्टीरिया की संख्या अपने आप बढ़ने लगती है. इसके साथ ही भूमि में कार्बन की संख्या भी बढ़ती है. इससे भूमि की संरचना में सुधार होता है. जिस खेत में इसे डालते हैं वहां फसल की उपज अच्छी हो जाती है. जीवामृत का मुख्य उद्देश्य भूमि की उपज को बढ़ाना होता है. इससे भूमि में मौजूद अलग-अलग तरह के पोषक तत्व आ जाते हैं.

कितनी मात्रा में डालें जीवामृत

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि, ''जीवामृत तैयार होने के बाद सिंचाई के साथ या फिर ड्रिप इरीगेशन से इसका प्रयोग कर सकते हैं. 200 लीटर प्रति एकड़ की दर से अगर जीवामृत का छिड़काव किसान अपने खेतों में करता है, तो वो खेत की मिट्टी के लिए काफी फायदेमंद होता है. इससे हमारी फसल अच्छी होगी और भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, आपके खेत की मिट्टी बहुत उपजाऊ हो जाएगी.

शहडोल। अब किसान भी रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती करना चाह रहा है. क्योंकि रासायनिक और केमिकल युक्त खेती करने से न केवल उनके खेत की मिट्टी खराब हो रही है, साथ ही उससे पैदा होने वाली फसल भी सेहत के लिए उतना लाभकारी नहीं होता है. ऐसे में किसान अब एक बार फिर से प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं. और प्राकृतिक खेती में जीवामृत किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि ये मिट्टी को सोना बना देता है. Making of Organic Pesticide

JEEVAMRIT INCREASES CROP PRODUCTION
शहडोल में घर में जैविक खाद बना रहे किसान (ETV BHARAT)

कैसे तैयार करें जीवामृत?

जीवामृत को बहुत ही आसान तरीके से और बहुत ही सस्ती लागत में बनाया जा सकता है. या यूं कहें कि जब भी आप जीवामृत बनाएंगे तो इसमें लगने वाला सामान आपके घर में ही आसानी से उपलब्ध रहता है. इनका इस्तेमाल करके आप जीवामृत तैयार कर सकते हैं. शहडोल के कृषि वैज्ञानिक डॉ बी के प्रजापति बताते हैं कि, जीवामृत बनाने के लिए किसान को मुख्य रूप से 200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है. फिर इसमें 10 किलो देसी गाय का गोबर ले लें, जो आसानी से किसानों के यहां मिल जाएगा. 10 लीटर गोमूत्र ले लें, 1 किलोग्राम गुड़ ले लें, 1 किग्रा बेसन, 200 ग्राम चूना और 50 ग्राम उपजाऊ मिट्टी किसी भी खेत की मिट्टी या पीपल और बरगद के पेड़ के नीचे की मिट्टी मिल जाए तो उससे बेहतर कुछ नहीं. अब इन सभी सामग्री को एक ड्रम या बड़े बर्तन या बड़े घड़े में भर लें और उसे अच्छी तरह से मिला दें. फिर इसके बाद इस मिश्रण को हिलाकर 48 घंटे तक रख दें और फिर 48 घंटे बाद आपके खेतों को उपजाऊ बनाने के लिए जीवामृत बनकर तैयार हो जाएगा.''

JEEVAMRIT INCREASES CROP PRODUCTION
जीवामृत से फसल उत्पादन की बढ़ेगी रफ्तार (ETV BHARAT)

जीवामृत के फायदे

कृषि वैज्ञानिक डॉ. बी के प्रजापति बताते हैं कि, जो व्यक्ति केमिकल युक्त या रासायनिक खेती नहीं करना चाहता है और जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर आना चाहता है, उसके लिए जीवामृत किसी वरदान से कम नहीं है. क्योंकि यह आपके खेतों की उपजाऊ शक्ति बढ़ा देता है. पोषक तत्वों की भरमार कर देता है. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि, जीवामृत से मिट्टी में सूक्ष्म पोषक तत्व की भरमार हो जाती है. इसे मिट्टी में डालते ही फसलों को फायदा पहुंचाने वाले जीवाणु, बैक्टीरिया, वायरस, केंचुआ, राइजोबियम बैक्टीरिया की संख्या अपने आप बढ़ने लगती है. इसके साथ ही भूमि में कार्बन की संख्या भी बढ़ती है. इससे भूमि की संरचना में सुधार होता है. जिस खेत में इसे डालते हैं वहां फसल की उपज अच्छी हो जाती है. जीवामृत का मुख्य उद्देश्य भूमि की उपज को बढ़ाना होता है. इससे भूमि में मौजूद अलग-अलग तरह के पोषक तत्व आ जाते हैं.

Also Read:

सोयाबीन में इसे डालने से खरपतवार का होगा जड़ से सफाया, मिलेगी बंपर पैदावार, जानिये पूरा प्रोसेस - soybean cultivation tips

करोड़पति बनने की गारंटी है यह फसल! विस्फोटक पैदावार, नोट गिनते-गिनते थक जाओगे - chhindwara kumhra farming

नकली कीटनाशक कहीं फसल न कर दे बर्बाद, किसान भाई ऐसे करें असली और नकली की पहचान

कितनी मात्रा में डालें जीवामृत

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि, ''जीवामृत तैयार होने के बाद सिंचाई के साथ या फिर ड्रिप इरीगेशन से इसका प्रयोग कर सकते हैं. 200 लीटर प्रति एकड़ की दर से अगर जीवामृत का छिड़काव किसान अपने खेतों में करता है, तो वो खेत की मिट्टी के लिए काफी फायदेमंद होता है. इससे हमारी फसल अच्छी होगी और भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, आपके खेत की मिट्टी बहुत उपजाऊ हो जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.