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हाथरस से ताजा हुई मेहरानगढ़ दुखांतिका की यादें, राजस्थान में भी रहा है भगदड़ का खूनी इतिहास - STAMPEDE IN RAJASTHAN - STAMPEDE IN RAJASTHAN

उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक धार्मिक आयोजन के दौरान हुई भगदड़ में बड़ी संख्या में मौत के बाद ऐसे आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस बीच राजस्थान में इस तरह के धार्मिक आयोजन में भगदड़ की यादों को ताजा कर दिया है.

हाथरस से ताजा हुई मेहरानगढ़ दुखांतिका की यादें,
हाथरस से ताजा हुई मेहरानगढ़ दुखांतिका की यादें, (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 2, 2024, 7:58 PM IST

जयपुर. उत्तर प्रदेश के हाथरस में धार्मिक आयोजन के दौरान मची भगदड़ में 116 लोगों ने दम तोड़ दिया. हादसे में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं. इस हादसे से एक बार फिर राजस्थान में हुए मेहरानगढ़ हादसे की यादों को ताजा कर दिया. करीब 16 साल पहले 30 सितंबर 2008 को जोधपुर के मेहरानगढ़ में एक ऐसी ही खूनी भगदड़ मची थी, जिसमें करीब 216 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी.

मेहरानगढ़ के चामुंडा मंदिर में में जिस जगह पर हादसा हुआ था, वहां युवा श्रद्धालु एक दूसरे से फंसे हुए ही रह गए. जब उनके शव निकाले गए थे, तो सब खड़े थे. माना गया था कि दम घुटने से सबकी मौत हो गई. मरने वाले सभी 16 से 25 साल के युवा थे, जिनके शव को काफी मशक्कत के बाद निकाला गया था. वहीं, फंसे हुए लोगों ने किले से नीचे लाने के दौरान दम तोड़ दिया और अस्पतालों में शवों का अंबार लग गया था. इस हादसे की जांच के लिए चोपड़ा आयोग का भी गठन किया गया था.

इसे भी पढ़ें- मेहरानगढ़ दुखांतिका से जुड़ी याचिका पर सुनवाई, महाधिवक्ता ने कहा- अब 16 साल हो गए, रिपोर्ट को ना करें सार्वजनिक - Rajasthan High Court

खाटू मेले में भी मची थी भगदड़ : खाटू श्याम मंदिर में भी 8 अगस्त को एकादशी के दर्शन के लिए श्रद्धालु देर रात से ही लाइन में लगे थे. सुबह पांच बजे जब द्वार खुले, तो हजारों की भीड़ अंदर घुसी. इसी आपाधापी में भगदड़ ने तीन महिलाओं को कुचल दिया. इस दुर्घटना में बड़ी संख्या में लोग जख्मी भी हुए थे.

जयपुर. उत्तर प्रदेश के हाथरस में धार्मिक आयोजन के दौरान मची भगदड़ में 116 लोगों ने दम तोड़ दिया. हादसे में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं. इस हादसे से एक बार फिर राजस्थान में हुए मेहरानगढ़ हादसे की यादों को ताजा कर दिया. करीब 16 साल पहले 30 सितंबर 2008 को जोधपुर के मेहरानगढ़ में एक ऐसी ही खूनी भगदड़ मची थी, जिसमें करीब 216 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी.

मेहरानगढ़ के चामुंडा मंदिर में में जिस जगह पर हादसा हुआ था, वहां युवा श्रद्धालु एक दूसरे से फंसे हुए ही रह गए. जब उनके शव निकाले गए थे, तो सब खड़े थे. माना गया था कि दम घुटने से सबकी मौत हो गई. मरने वाले सभी 16 से 25 साल के युवा थे, जिनके शव को काफी मशक्कत के बाद निकाला गया था. वहीं, फंसे हुए लोगों ने किले से नीचे लाने के दौरान दम तोड़ दिया और अस्पतालों में शवों का अंबार लग गया था. इस हादसे की जांच के लिए चोपड़ा आयोग का भी गठन किया गया था.

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खाटू मेले में भी मची थी भगदड़ : खाटू श्याम मंदिर में भी 8 अगस्त को एकादशी के दर्शन के लिए श्रद्धालु देर रात से ही लाइन में लगे थे. सुबह पांच बजे जब द्वार खुले, तो हजारों की भीड़ अंदर घुसी. इसी आपाधापी में भगदड़ ने तीन महिलाओं को कुचल दिया. इस दुर्घटना में बड़ी संख्या में लोग जख्मी भी हुए थे.

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