ETV Bharat / state

बिल्डर सुसाइड केस: साहनी की कंपनियों में 5 फर्मों ने किया बिना एग्रीमेंट करोड़ों का ट्रांजेक्शन, धमकी भरा ऑडियो भी मिला - builder sahni suicide case

देहरादून के नामी बिल्डर सत्येंद्र साहनी सुसाइड केस में पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे हो रहे है. पुलिस जांच में सामने आया है कि कई कंपनियों ने बिना एग्रीमेंट के ही साहनी की कंपनियों ने करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन किया था.

BUILDER SAHNI SUICIDE CASE
बिल्डर सुसाइड केस (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 6, 2024, 6:20 PM IST

देहरादून: शहर के प्रसिद्ध बिल्डर सत्येंद्र साहनी सुसाइड केस में गिरफ्तार आरोपी गुप्ता बंधुओं पर लगातार दून पुलिस शिकंजा कसती जा रही है. मामले की जांच के दौरान कई फर्मों द्वारा करोड़ों का ट्रांजेक्शन बिना एग्रीमेंट के किया जाना पुलिस के सामने आया है. सामने आई इन कंपनियों को दून पुलिस ने कारण बताओ नोटिस भेजा है और जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया है. बताया जा रहा है कि यह कंपनियां जयपुर और लखनऊ की हैं.

इसके साथ ही पुलिस को आरोपी अजय गुप्ता के मोबाइल फोन से एक ऑडियो मिला है. बताया जा रहा है कि ये ऑडियो सतेंद्र साहनी को धमकाने से संबंधित है. इसी धमकी के बाद साहनी ने पुलिस से शिकायत की थी.

बता दें कि थाना राजपुर में अनिल कुमार गुप्ता और अजय कुमार गुप्ता के केस में जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि मृतक सत्येंद्र साहनी की कंपनियों में कई फर्मों द्वारा करोड़ों का ट्रांजेक्शन बिना एग्रीमेंट किया गया है. ऐसी 5 कंपनियों और एक व्यक्ति को पुलिस ने कारण बताओ नोटिस भेजा गया है.

जांच के दौरान जानकारी मिली है कि बाहरी राज्यों की इन कंपनियों से मृतक सतेंद्र सिंह साहनी की कंपनी साहनी स्ट्रक्चर्स एलएलपी और साहनी इंफ्रा एलएलपी में प्रोजेक्ट के लिए 30 करोड़ 95 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है, जबकि कंपनियों का मृतक के साथ प्रोजेक्ट डील में किसी भी प्रकार से कोई एग्रीमेंट होना नहीं पाया गया है. इस संबंध में कंपनियों को इन ट्रांजेक्शन के संबंध में डिटेल लेने के लिए नोटिस भेजे गए हैं.

वहीं, सतेंद्र साहनी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में आरोपी अजय गुप्ता और अनिल गुप्ता जेल में बंद हैं. आरोप है कि दोनों ने साहनी के खिलाफ सहारनपुर पुलिस को झूठी शिकायत की थी. पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि आरोपियों ने 25 मई को सहारनपुर पुलिस को शिकायत दी थी लेकिन उसे 9 मई का दिखाया था. ऐसा इसलिए किया था कि साहनी दोनों आरोपियों के खिलाफ देहरादून पुलिस को पहले ही शिकायत कर चुके थे. साहनी डरे हुए थे और उन्हें बार-बार धमकाया जा रहा था.

इसके लिए पुलिस में आरोपियों के घर पर भी जांच की और कर्मचारियों से पूछताछ की. अब पुलिस को एक और सबूत मिला है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, एक आरोपी के मोबाइल में साहनी को धमकाने के संबंध में एक रिकॉर्डिंग भी है. इस पूरी बातचीत में साहनी को कई बार धमकियां दी गई हैं.

इसको लेकर दून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि साहनी सुसाइड मामले में गुप्ता बंधुओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज है और जो भी साक्ष्य परिजनों और पार्टनरों द्वारा दिए जा रहे हैं, उन्हें विवेचना में शामिल किया जा रहा है. एसएसपी ने बताया कि जांच में ये भी सामने आया है कि साहनी की कंपनी में अलग-अलग कंपनियों से पैसा आया था, जिसके कारण मृतक साहनी काफी भयभीत थे. इन सभी को साक्ष्यों में शामिल किया गया है.

जिन कंपनियों के नाम सामने आए थे, उन सभी को नोटिस जारी कर दिए हैं क्योंकि सभी कंपनियां उत्तराखंड की न होकर दूसरे राज्य की हैं. सभी को जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है. एसएसपी ने बताया कि जब ये मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हो सकता है. ऐसे में इस मामले में ईडी के साथ बैठक हो चुकी है. ईडी ने दोबारा दस्तावेज मांगे गए थे और अगर दस्तावेजों में लगता है कि मनी लॉन्ड्रिंग या फिर अवैध धन का आदान-प्रदान हुआ है तो जांच करके कार्रवाई की जाएगी.

एसएसपी ने बताया कि जिस तरह से विवेचना आगे बढ़ रही है वैसे ही पुलिस को साक्ष्य मिल रहे हैं. सबूत चाहे वादी पक्ष या पार्टनर द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं या फिर ऑडियो मिलती है तो उसको एफएसएल भेज कर पुष्टि की जाएगी, उसके बाद ही उसे जांच में शामिल किया जाएगा.

पढ़ें--

देहरादून: शहर के प्रसिद्ध बिल्डर सत्येंद्र साहनी सुसाइड केस में गिरफ्तार आरोपी गुप्ता बंधुओं पर लगातार दून पुलिस शिकंजा कसती जा रही है. मामले की जांच के दौरान कई फर्मों द्वारा करोड़ों का ट्रांजेक्शन बिना एग्रीमेंट के किया जाना पुलिस के सामने आया है. सामने आई इन कंपनियों को दून पुलिस ने कारण बताओ नोटिस भेजा है और जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया है. बताया जा रहा है कि यह कंपनियां जयपुर और लखनऊ की हैं.

इसके साथ ही पुलिस को आरोपी अजय गुप्ता के मोबाइल फोन से एक ऑडियो मिला है. बताया जा रहा है कि ये ऑडियो सतेंद्र साहनी को धमकाने से संबंधित है. इसी धमकी के बाद साहनी ने पुलिस से शिकायत की थी.

बता दें कि थाना राजपुर में अनिल कुमार गुप्ता और अजय कुमार गुप्ता के केस में जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि मृतक सत्येंद्र साहनी की कंपनियों में कई फर्मों द्वारा करोड़ों का ट्रांजेक्शन बिना एग्रीमेंट किया गया है. ऐसी 5 कंपनियों और एक व्यक्ति को पुलिस ने कारण बताओ नोटिस भेजा गया है.

जांच के दौरान जानकारी मिली है कि बाहरी राज्यों की इन कंपनियों से मृतक सतेंद्र सिंह साहनी की कंपनी साहनी स्ट्रक्चर्स एलएलपी और साहनी इंफ्रा एलएलपी में प्रोजेक्ट के लिए 30 करोड़ 95 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है, जबकि कंपनियों का मृतक के साथ प्रोजेक्ट डील में किसी भी प्रकार से कोई एग्रीमेंट होना नहीं पाया गया है. इस संबंध में कंपनियों को इन ट्रांजेक्शन के संबंध में डिटेल लेने के लिए नोटिस भेजे गए हैं.

वहीं, सतेंद्र साहनी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में आरोपी अजय गुप्ता और अनिल गुप्ता जेल में बंद हैं. आरोप है कि दोनों ने साहनी के खिलाफ सहारनपुर पुलिस को झूठी शिकायत की थी. पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि आरोपियों ने 25 मई को सहारनपुर पुलिस को शिकायत दी थी लेकिन उसे 9 मई का दिखाया था. ऐसा इसलिए किया था कि साहनी दोनों आरोपियों के खिलाफ देहरादून पुलिस को पहले ही शिकायत कर चुके थे. साहनी डरे हुए थे और उन्हें बार-बार धमकाया जा रहा था.

इसके लिए पुलिस में आरोपियों के घर पर भी जांच की और कर्मचारियों से पूछताछ की. अब पुलिस को एक और सबूत मिला है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, एक आरोपी के मोबाइल में साहनी को धमकाने के संबंध में एक रिकॉर्डिंग भी है. इस पूरी बातचीत में साहनी को कई बार धमकियां दी गई हैं.

इसको लेकर दून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि साहनी सुसाइड मामले में गुप्ता बंधुओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज है और जो भी साक्ष्य परिजनों और पार्टनरों द्वारा दिए जा रहे हैं, उन्हें विवेचना में शामिल किया जा रहा है. एसएसपी ने बताया कि जांच में ये भी सामने आया है कि साहनी की कंपनी में अलग-अलग कंपनियों से पैसा आया था, जिसके कारण मृतक साहनी काफी भयभीत थे. इन सभी को साक्ष्यों में शामिल किया गया है.

जिन कंपनियों के नाम सामने आए थे, उन सभी को नोटिस जारी कर दिए हैं क्योंकि सभी कंपनियां उत्तराखंड की न होकर दूसरे राज्य की हैं. सभी को जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है. एसएसपी ने बताया कि जब ये मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हो सकता है. ऐसे में इस मामले में ईडी के साथ बैठक हो चुकी है. ईडी ने दोबारा दस्तावेज मांगे गए थे और अगर दस्तावेजों में लगता है कि मनी लॉन्ड्रिंग या फिर अवैध धन का आदान-प्रदान हुआ है तो जांच करके कार्रवाई की जाएगी.

एसएसपी ने बताया कि जिस तरह से विवेचना आगे बढ़ रही है वैसे ही पुलिस को साक्ष्य मिल रहे हैं. सबूत चाहे वादी पक्ष या पार्टनर द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं या फिर ऑडियो मिलती है तो उसको एफएसएल भेज कर पुष्टि की जाएगी, उसके बाद ही उसे जांच में शामिल किया जाएगा.

पढ़ें--

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.