सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला में स्थित डॉ. वाइएस परमार मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर रैगिंग का मामला सामने आया है. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने 7 एमबीबीएस छात्रों को 3 महीने के लिए निलंबित करने के साथ-साथ 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. हैरानी की बात ये है कि इस मेडिकल कॉलेज में ये साल का दूसरा रैगिंग से जुड़ा मामला सामने आया है.
क्या है ताजा रैगिंग का मामला ?
रैगिंग का ये मामला पिछले महीने 26 नवंबर का बताया जा रहा है जिसमें एक जूनियर छात्रों से रैगिंग की गई थी. डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव तुली ने बताया कि सीनियर्स ने जूनियर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करने की शिकायत मिली थी. जिसकी जांच के बाद दोषी छात्रों के खिलाफ एक्शन लिया गया है.
"एंटी रैगिंग जांच समिति को रैगिंग की एक गुमनाम शिकायत मिली थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए कमेटी ने पाया कि 2023 बैच के दो वर्षीय एमबीबीएस के 7 छात्र 26 नवम्बर 2024 को अपने जूनियर्स की रैगिंग में शामिल थे. जांच में पाया गया कि सीनियर छात्रों ने जूनियर्स के साथ अभद्र व्यवहार किया था. जूनियर्स को लंबे वक्त तक खड़ा रखा, उनके साथ गलत भाषा का इस्तेमाल किया. " - डॉ. राजीव तुली, प्रिंसिपल, डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज, नाहन
रैगिंग करने वाले सीनियर्स को कड़ी सजा
जूनियर्स के साथ रैगिंग करने वाले 7 सीनियर छात्रों को 3 महीने के लिए मेडिकल कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है. साथ ही इन सभी पर 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इसके अलावा अगले एक साल तक ये छात्र किसी भी क्षेत्रीय, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर के किसी भी सांस्कृतिक, खेल या अन्य गतिविधियों में शामिल नहीं हो पाएंगे.
राजीव तुली ने बताया कि "जांच समिति ने रैगिंग करने वाले इन सभी छात्रों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए इनका तीन महीने की अवधि के लिए मेडिकल कॉलेज से निलंबन और सभी को एक वर्ष की अवधि के लिए क्षेत्रीय, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी सांस्कृतिक खेल गतिविधियों में संस्थान का प्रतिनिधित्व करने से वंचित कर दिया गया है. इसके अलावा प्रति छात्र को 75 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी जमा कराना होगा."
इस साल रैगिंग का दूसरा मामला
इससे पहले इसी साल मार्च के महीने में भी डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया था. उस वक्त भी 9 एमबीबीएस डॉक्टरों को 45 दिन के लिए निलंबित करने के साथ-साथ 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.