सिवनी: जिले की प्राथमिक शाला की कक्षा में पानी टपकने की वजह से बच्चों की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बच्चे क्लास रूम में प्लास्टिक लगाकर बैठने को मजबूर हैं. एक कमरे वाले इस स्कूल में किचन से लेकर स्टोर रूम तक सभी उसी कक्षा में है. यहां पर कार्यरत शिक्षकों का कहना है कि, कई बार मामले की शिकायत की जा चुकी है लेकिन अभी तक इस जर्जर भवन की मरम्मत नहीं हो पाई है.
एक कमरे में चल रहा है स्कूल
मामला सिवनी जिले के छपरा विकासखंड अंतर्गत मसूर भावरी गांव का है. यहां एक कमरे की एक प्राथमिक शाला है, जिसमें 38 बच्चे पढ़ते हैं. क्लास रूम जर्जर हो चुका है. सिंगल रूम होने की वजह से उसी में बच्चों का मिड डे मील भी बनता है और उसी कमरे में स्टोर रूम भी है. स्कूल की महिला शिक्षकों के अवकाश पर जाने की वजह से बगल के स्कूल से गेस्ट फैकल्टी के तौर पर बुलाए गए टीचर ज्ञानचंद मारावी ने बताया कि, "यहां छत से पानी टपक रहा है. कमरे में प्लास्टिक लगाकर कक्षा संचालित की जा रही है."
'जर्जर भवन में नहीं चलनी चाहिए कक्षाएं'
जनपद पंचायत सीईओ, राकेश दुबे ने कहा कि, "प्राथमिक शाला के भवन के रखरखाव के लिए जनपद केन्द्र जिम्मेदार होता है. कलेक्टर द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि, जर्जर भवन में कक्षाएं नहीं संचालित होनी चाहिए. आपके द्वारा मामला मेरी जानकारी में आया है. मैं संज्ञान में लेकर उसकी जांच कराऊंगा. अगर ग्राम पंचायत में इसके लिए कोई निधि होगी तो उसकी मरम्मत कराई जाएगी. इसके अलावा मैं उच्च अधिकारियों को इससे अवगत कराऊंगा"