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पेंच टाइगर रिजर्व के राजा में नहीं थी शिकार करने की ताकत, फिर किसने बदले में किया इंतजाम - tiger shifted to Van Vihar Bhopal

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 25, 2024, 7:50 AM IST

Updated : Aug 25, 2024, 8:43 AM IST

पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बाघ शावक को वन विहार भोपाल में शिफ्ट कर दिया है. दरअसल बाघ में शिकार करने की ताकत नहीं बची थी. जिसके चलते हुए भोपाल शिफ्ट किया गया. यहां बाघ को शिकार करने के काबिल बनाया जाएगा.

TIGER SHIFT VAN VIHAR BHOPAL
वन विहार भोपाल में शिफ्ट हुआ टाइगर (ETV Bharat)

सिवनी: पेंच टाइगर रिजर्व में रेस्क्यू किए गए बाघ के एक शावक में शिकार करने की ताकत नहीं बची थी. जिसके चलते बाघ को वन विहार भोपाल में शिफ्ट किया गया है. इस बाघ के शावक को कुछ दिन पहले पेंच टाइगर रिजर्व के पास एक रिसॉर्ट से रेस्क्यू कर पकड़ा गया था. बाघ को मां बाघिन ने छोड़ दिया था, जिसके चलते वह शिकार करना ठीक से नहीं सीख पाया.

Pench Tiger Reserve Tiger Rescue
रिसॉर्ट से रेस्क्यू कर पकड़ा गया था बाघ (ETV Bharat)

बाघ में शिकार करने की नहीं थी ताकत, भोपाल शिफ्ट
20 अगस्त को टुरिया गांव में एक रिसॉर्ट से बाघ शावक को रेस्क्यू किया गया था, जिसकी उम्र लगभग 16 से 18 माह है. रेस्क्यू के बाद उसे खवासा वन्यप्राणी चिकित्सा सुविधा में रखा गया था. रेस्क्यू के दौरान ही उसके खून के नमूने भी लिए गए थे तथा नानाजी देशमुख वेटरनरी विश्वविद्यालय जबलपुर से आई रिपोर्ट में उसमें कोई भी बीमारी नहीं पाई गई. लेकिन वन प्राणी विशेषज्ञों ने बताया कि बाघ के शावक में फिलहाल शिकार करने की ताकत नहीं है. इसलिए खुले जंगल में छोड़ना शावक के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. फिलहाल शावक को वन विहार भोपाल में शिफ्ट किया गया है. जहां पर उसकी देखरेख की जाएगी और विभाग के द्वारा उसे खाना दिया जाएगा.

क्यों कमजोर हुआ जंगल का राजा ये है वजह
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह के मुताबिक, बाघ शावक को पहले भी उसकी मां के द्वारा दो से तीन अवसरों पर अपने से अलग कर दिया गया था. 20 अगस्त को रेस्क्यू के बाद बाघ की हालत देखकर वन्यप्राणी चिकित्सक का मानना था कि पिछले कुछ दिनों से उसकी मां ने उसे अपने से अलग कर दिया था इसी वजह से वह कमजोर था और भोजन की तलाश में ग्रामीण क्षेत्र में आ गया था. बाघ शावक खुद में शिकार करने की ताकत नहीं होने की वजह से उसे मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक ने जंगल में छोड़ने की वजह वन विहार भेजे जाने का निर्णय लिया. जिसे 24 अगस्त को उसे वन विहार रवाना कर दिया गया.''

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वन विहार में की जाएगी खातिरदारी
वन्य प्राणी विशेषज्ञ ने बताया कि, ''बाघिन अपने शावक को पहले जंगल के एरिया में घूमकर शिकार करना सिखाती है, ताकि एक समय के बाद बाघ के शावक खुद शिकार कर सके. लेकिन इस शावक को बाघिन ज्यादा अपने साथ नहीं रख पाई जिसकी वजह से बाघ शिकार करना ठीक से नहीं सीख पाया होगा और वह भोजन की तलाश में रहवासी इलाके में आ गया था. अब उसे वन विहार में रखकर देखरेख की जाएगी ताकि वह शिकार करने के काबिल हो सके.

सिवनी: पेंच टाइगर रिजर्व में रेस्क्यू किए गए बाघ के एक शावक में शिकार करने की ताकत नहीं बची थी. जिसके चलते बाघ को वन विहार भोपाल में शिफ्ट किया गया है. इस बाघ के शावक को कुछ दिन पहले पेंच टाइगर रिजर्व के पास एक रिसॉर्ट से रेस्क्यू कर पकड़ा गया था. बाघ को मां बाघिन ने छोड़ दिया था, जिसके चलते वह शिकार करना ठीक से नहीं सीख पाया.

Pench Tiger Reserve Tiger Rescue
रिसॉर्ट से रेस्क्यू कर पकड़ा गया था बाघ (ETV Bharat)

बाघ में शिकार करने की नहीं थी ताकत, भोपाल शिफ्ट
20 अगस्त को टुरिया गांव में एक रिसॉर्ट से बाघ शावक को रेस्क्यू किया गया था, जिसकी उम्र लगभग 16 से 18 माह है. रेस्क्यू के बाद उसे खवासा वन्यप्राणी चिकित्सा सुविधा में रखा गया था. रेस्क्यू के दौरान ही उसके खून के नमूने भी लिए गए थे तथा नानाजी देशमुख वेटरनरी विश्वविद्यालय जबलपुर से आई रिपोर्ट में उसमें कोई भी बीमारी नहीं पाई गई. लेकिन वन प्राणी विशेषज्ञों ने बताया कि बाघ के शावक में फिलहाल शिकार करने की ताकत नहीं है. इसलिए खुले जंगल में छोड़ना शावक के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. फिलहाल शावक को वन विहार भोपाल में शिफ्ट किया गया है. जहां पर उसकी देखरेख की जाएगी और विभाग के द्वारा उसे खाना दिया जाएगा.

क्यों कमजोर हुआ जंगल का राजा ये है वजह
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह के मुताबिक, बाघ शावक को पहले भी उसकी मां के द्वारा दो से तीन अवसरों पर अपने से अलग कर दिया गया था. 20 अगस्त को रेस्क्यू के बाद बाघ की हालत देखकर वन्यप्राणी चिकित्सक का मानना था कि पिछले कुछ दिनों से उसकी मां ने उसे अपने से अलग कर दिया था इसी वजह से वह कमजोर था और भोजन की तलाश में ग्रामीण क्षेत्र में आ गया था. बाघ शावक खुद में शिकार करने की ताकत नहीं होने की वजह से उसे मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक ने जंगल में छोड़ने की वजह वन विहार भेजे जाने का निर्णय लिया. जिसे 24 अगस्त को उसे वन विहार रवाना कर दिया गया.''

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वन विहार में की जाएगी खातिरदारी
वन्य प्राणी विशेषज्ञ ने बताया कि, ''बाघिन अपने शावक को पहले जंगल के एरिया में घूमकर शिकार करना सिखाती है, ताकि एक समय के बाद बाघ के शावक खुद शिकार कर सके. लेकिन इस शावक को बाघिन ज्यादा अपने साथ नहीं रख पाई जिसकी वजह से बाघ शिकार करना ठीक से नहीं सीख पाया होगा और वह भोजन की तलाश में रहवासी इलाके में आ गया था. अब उसे वन विहार में रखकर देखरेख की जाएगी ताकि वह शिकार करने के काबिल हो सके.

Last Updated : Aug 25, 2024, 8:43 AM IST
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